गोण्डा। बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है साथ ही कानूनी रूप से दण्डनीय अपराध भी है। यह जानकारी देते हुए जिला प्रोबेशन अधिकारी संतोष कुमार सोनी ने बताया कि समाज के कुछ लोगों द्वारा लड़के और लड़की का विवाह निर्धारित आयु क्रमशः 21 एवं 18 वर्ष के पूर्व ही कर दिया जाता है। प्रायः इस प्रकार के विवाह अक्षय तृतीया के अवसर पर होते है, जबकि इस सम्बन्ध में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के अन्तर्गत बाल विवाह होने पर 02 वर्ष की सजा अथवा 1 लाख रूपये का जुर्माना अथवा दोनों का प्राविधान है। उन्होने आमजनों से अपील किया है कि इस वर्ष अक्षय तृतीया 22 अप्रैल को है।
ऐसे में बाल विवाह को हतोत्साहित करें तथा बाल विवाह की किसी भी घटना के सम्बन्ध में सूचना मिलने पर जिला प्रोबेशन अधिकारी, महिला हेल्पलाइन 181, चाइल्ड हेल्प लाइन 1098, डाॅयल 112 व अपने नजदीकी थाने पर सूचित करें।