भव्य राममंदिर के लिए सुप्रसिद्ध पीठ श्रीराम आश्रम रामकोट में धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया गया

अयोध्या। भव्य राममंदिर के लिए सुप्रसिद्ध पीठ श्रीराम आश्रम रामकाेट में धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया गया। ताकि श्रीरामजन्मभूमि पर बन रहे दिव्य राममंदिर का निर्विघ्नता पूर्वक निर्माण हाे सके। उसके बीच में आने वाली सभी प्रकार की भव-बाधाएं दूर हों। सर्वप्रथम विधि-विधान पूर्वक पूजन-अर्चन संपन्न हुआ। तत्पश्चात उपस्थित भक्तगणों काे श्रीरामार्चा महायज्ञ की कथा सुनाई गई। उसके बाद यजमान रक्षिता मयंक शेखर सिंह ने भगवान की भव्य आरती उतारी। अंत में सभी काे श्रीरामार्चा महायज्ञ का प्रसाद वितरित किया गया। अनुष्ठान काे श्रीरामाश्रम के वर्तमान पीठाधीश्वर महंत जयराम दास वेदांती महाराज ने सानिध्यता प्रदान करते हुए कहा कि श्रीराममंदिर निर्माण के बीच आने वाली बाधाओं काे दूर करने के लिए रामार्चा महायज्ञ का आयोजन हुआ। जिस तेजी से भगवान श्रीरामलला सरकार के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है। उसमें और तेजी व अधिक ऊर्जा उपार्जन के लिए डॉ. विजय जाैली के नेतृत्व में 155 देशों से लाए हुए जल द्वारा निर्माणाधीन राममंदिर का जलाभिषेक किया गया। उन्हाेंने कहा कि जब से श्रीरामजन्मभूमि के पक्ष में सुप्रीमकोर्ट का ऐतिहासिक फैसला आया है। फैसले बाद भव्य राममंदिर का निर्माण हो रहा है। तबसे हर वर्ष अक्षय तृतीया तिथि पर श्रीरामाश्रम प्रांगण में रामार्चा महायज्ञ किया जा रहा है और यह महायज्ञ आगे भी चलता रहेगा। तिथि अनुसार इस बार भी आश्रम में श्रीरामार्चा महायज्ञ का आयाेजन किया गया। श्रीरामराज्य की स्थापना हेतु जगद्गुरू रामानंदाचार्य महाराज ने सभी मत-मजहबाें काे दरकिनार करते हुए राम भाव प्रचार का अभियान चलाकर नारा दिया। “जाति-पाति पूछे ना काेई, हरि काे भजै साे हरि का हाेई।।” उसी तर्ज पर श्रीरामाश्रम के प्रांगण में रामार्चा महायज्ञ के उपरांत आए हुए समस्त श्रद्धालुओं को यह पाठ पढ़ाया गया कि सनातन धर्म काे मानने वाले सभी रामभक्त हैं। वह सब रामराज्य की कल्पना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रामराज्य की परिकल्पना काे साकार करने के लिए देश की राष्ट्रपति द्राेपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने-अपने स्तर से लगे हुए हैं।