स्वच्छता अपनाएं और मलेरिया को दूर भगाएं
गोंडा। आज जिले में विश्व मलेरिया दिवस मनाया गया। इस मौके पर मलेरिया वाहक मच्छरों के लार्वा को नष्ट करने के लिए जगह-जगह एंटीलार्वा का छिड़काव और फॉगिंग कराए जाने के साथ- साथ स्वास्थ्य कर्मियों ने घर-घर दस्तक देकर लोगों को मलेरिया के लक्षण, जांच और बचाव के प्रति जागरुक किया। इसी क्रम में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मुजेहना के धानेपुर में आशा तहरुन्निशा ने संगिनी विमलेश के साथ घर-घर जाकर लोगों को जागरुक किया। आशा ने लोगों को बताया कि मलेरिया एक ऐसी बीमारी है, जो मच्छर के काटने से होती है। इंसान को सही समय पर इलाज न मिले, तो इस कारण मौत भी हो सकती है। वहीं संगिनी विमलेश ने लोगों को मलेरिया के लक्षण के बारे में बताते हुए कहा कि मलेरिया संक्रमित व्यक्ति को तेज सिर दर्द होता है, उसे उल्टी या मितली जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, तेज बुखार आता है, ठंड लगकर या फिर कंपकंपी के साथ बुखार आता है, बुखार लंबे समय तक बना रहता है, थोड़ी-थोड़ी देर पर प्यास लगती है, हाथ और पैर में ऐंठन बनी रहती है, थकान और कमजोरी महसूस होती है, घबराहट व बेचैनी जैसा अनुभव होता है तथा बहुत ज्यादा ठंड लगती है ।
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रश्मि वर्मा ने बताया कि मादा मच्छर एनाफिलीज के काटने से मलेरिया रोग फैलता है और बारिश में इन मच्छरों का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ता है। उन्होंने कहा कि बदलते हुए मौसम में यदि शरीर में कंपकपी के साथ बुखार आने और बार बार पसीना आने की शिकायत दिखे, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। वेक्टर बॉर्न डिजीज के नोडल अधिकारी डॉ सीके वर्मा ने बताया कि जिले में वर्ष 2020 में दो, 2021 में एक तथा 2022 में 13 व्यक्ति मलेरिया से ग्रसित पाए गए। वहीं इस वर्ष जनवरी से मार्च 23 तक लोगों के रक्त के जितने नमूने लिए गए हैं, उनमें से कोई मलेरिया ग्रसित मरीज चिन्हित नहीं हुआ है। नोडल अधिकारी ने कहा कि अभी दस्तक अभियान चल रहा है। इस दौरान लोगों को मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए जागरुक किया जा रहा है। डॉ वर्मा ने बताया कि मलेरिया दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य केंद्रों पर लोगों को मलेरिया रोग के प्रति जागरुक किया गया। जगह-जगह फागिंग करायी गई और लार्वा स्रोत खोज कर उनमें छिड़काव कराया गया। मलेरिया से बचने के उपायों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि आमजन अपने घरों के आसपास कहीं पर भी पानी ना इकट्ठा होने दें, बारिश होने से पहले घर की छत पर पड़े टायर या फिर गमलों को पूरी तरह से ढक दें ताकि उनमें पानी इकट्ठा न होने पाए, कूलर के पानी को नियमित रूप से बदलते रहें, घर के फर्श और आसपास की जगह को फिनॉयल जैसे कीटाणुनाशक से साफ करते रहें, अगर आप किसी ऐसे क्षेत्र में रह रहे हैं, जहां पर बहुत ज्यादा मच्छर हैं तो सोते समय मच्छरदानी अवश्य लगाएं। बारिश के दिनों में ऐसे कपड़े पहनें जिससे हाथ और पैर पूरी तरह से ढके रहें ताकि मच्छर आपको न काट पाए।