एमएलके महाविद्यालय में तीन दिवसीय कार्यशाला का हुआ शुभारंभ

बलरामपुर। एमएलके पीजी कॉलेज के सभागार में राजनीति शास्त्र व वनस्पति विज्ञान के संयुक्त तत्वावधान में रिसर्च मेथोडोलॉजी विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ गुरुवार को हुआ। कार्यशाला में शोधार्थियों, पीजी के छात्र-छात्राओं को सिनॉप्सिस लेखन सहित शोध के तरीकों पर जानकारी दी गई।
कार्यशाला का शुभारंभ गोविंद वल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान प्रयागराज के निदेशक प्रो बद्रीनारायण , कार्यक्रम अध्यक्ष गोविंद वल्लभ पंत प्रयागराज की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अर्चना सिंह,महाविद्यालय प्रबंध समिति के सचिव लेफ्टिनेंट कर्नल आर के मोहन्ता , कार्यशाला अध्यक्ष व प्राचार्य प्रो जेपी पाण्डेय,आई क्यू ए सी कोऑर्डिनेटर प्रो तबस्सुम फरखी,आयोजन सचिव डॉ प्रखर त्रिपाठी व डॉ मोहम्मद अकमल ने दीप प्रज्वलित एवं मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण करके किया। महाविद्यालय के कुलगीत से कार्यशाला की औपचारिक शुरुआत हुई। कीनोट स्पीकर प्रो बद्रीनारायण ने शोधार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि शोध ज्ञानात्मक खोज है। शोधार्थियों को शोध में अपना विवेक व ज्ञान जागृत रखना चाहिए।शोध के लिए विषय का चयन अपने आस पास के क्षेत्रों का करना चाहिए जिससे आसानी से लोगों के मध्य जाकर उनकी बात को समझा जा सके। जनता के ज्ञान पर विश्वास रखना चाहिए। जो सुनाई देता है उससे ज्यादा महत्वपूर्ण है जो सुनाई नहीं दे रहा। क्या,कैसे और क्या की कसौटी पर जांचने के बाद ही तथ्यों व तर्कों के आधार पर निर्णय लेना चाहिए। साथ ही अपने स्रोत खुद विकसित करने चाहिए। अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए डॉ अर्चना सिंह ने कहा कि छोटे-छोटे विषय बड़े अध्ययन का रूप ले सकता है। शोध मौलिक व वास्तविक होना चाहिये। ज्ञान व अनुभव के मध्य अंतर्द्वंद होता है। अपने अनुभव को ज्ञान में परिवर्तित करने के लिए व्यवस्थित स्वरूप देना अनिवार्य है। प्रबंध समिति के सचिव लेफ्टिनेंट कर्नल आर के मोहन्ता ने कहा कि ऐसे कार्यशाला के आयोजन छात्र-छात्राओं के लिए लाभकारी सिद्ध होंगे। प्राचार्य प्रो जे पी पाण्डेय ने सभी का स्वागत करते हुए महाविद्यालय के प्रगति पर प्रकाश डाला। आई क्यू ए सी कोऑर्डिनेटर प्रो तबस्सुम फरखी ने कार्यशाला के आयोजन के उद्देश्य की जानकारी दी। आयोजन सचिव डॉ प्रखर त्रिपाठी ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया जबकि आयोजन सचिव डॉ अकमल ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया। कार्यशाला के उदघाटन समारोह का संचालन डॉ कृतिका तिवारी ने किया। पूर्व प्राचार्य प्रो प्रमिला तिवारी,पूर्व प्राचार्य प्रो आरके सिंह , मुख्य नियंता प्रो पी के सिंह व वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो अरविंद द्विवेदी ,प्रो वीणा सिंह ने बुके भेंटकर सभी का स्वागत किया।
इस अवसर पर सभी विभागों के अध्यक्ष, प्राध्यापक, शोधछात्र व पीजी के छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।