प्रशासन द्वारा भाजपा को बदनाम करने की चल रही है साजिश-शरद पाठक
महेन्द्र कुमार उपाध्याय
बदलता स्वरूप अयोध्या। रामनगरी में प्रशासन भारतीय जनता पार्टी को बदनाम करने का कार्य कर रही है उक्त बातें अयोध्या के फैजाबाद शहर के एक होटल में प्रेस से मुखातिब होते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता मित्र मंच के राष्ट्रीय प्रमुख शरद पाठक बाबा ने कही उन्होंने कहा कि अयोध्या विकास प्राधिकरण पर गलत तथ्य पेश करके अयोध्या वासियों को लगातार गुमराह करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। सन 1528 से लेकर 2019 तक माननीय सुप्रीम कोर्ट का 9 नवंबर 2019 को फैसला आने तक जिस प्रकार श्री राम जन्मभूमि मंदिर ने अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ी थी, आज उसी प्रकार श्री राम जन्मभूमि मंदिर और गुप्तार घाट के बीच सरयू नदी के पावन तट पर स्थित एक छोटा सा गांव माझा जमथरा और वहां के किसान अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ने को मजबूर हैं। इसका कारण और कोई नहीं अयोध्या विकास प्राधिकरण और अयोध्या के जिला प्रशासन की अनदेखी है। श्री पाठक ने कहा कि अधिकारियों के इसी प्रकार के तानाशाही रवैये और अनदेखी के चलते, प्रधानमंत्री मोदी जी और मुख्यमंत्री योगी जी की छवि को अयोध्या में धूमिल करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। जिसका नुकसान बीते लोकसभा चुनाव में बीजेपी को भुगतना पड़ा है और यही हालात रहे तो आने वाले चुनावों में भी बीजेपी को अफसरों की हरकतों का परिणाम भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि माझा जमथरा में नवनिर्मित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के परिसर में नियमों की अनदेखी करते हुए और बिना मानचित्र स्वीकृत कराए तीन मंजिला दो भवनों का निर्माण पूरा किया जा चुका है। और निजी भू स्वामी अगर झोपड़ी भी बनाना चाहें तो अयोध्या विकास प्राधिकरण अपने ही नियमों और महायोजना 2031 के प्रावधानों को दरकिनार करके गलत तथ्यों का हवाला देते हुए कार्यों क रुकवा देता है।
उन्होंने बताया कि ऐसा ही एक प्रयास अयोध्या विकास प्राधिकरण द्वारा जुलाई 2022 में मांझा जमथरा की संपूर्ण रजिस्ट्री अॅ बैनामे पर रोक लगाकर किया गया था। जिसके खिलाफ कई किसानों और निजी भू स्वामियों ने मा० उच्च न्यायालय की शरण ली। इसके बाद मा० उच्च न्यायालय ने सही तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए रजिस्ट्री प लगी रोक को हटा लिया था। और अयोध्या विकास प्राधिकरण को मुंह की खानी पड़ी। परंतु अयोध्या विका प्राधिकरण आज भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। अगर झूठे तथ्य पेश करने की प्रतिस्पर्धा कर जाए तो अयोध्या विकास प्राधिकरण का नाम अव्वल रहेगा। मांझा जमथरा डूब क्षेत्र बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है। जबकि वास्तविकता तो यह है कि प्राधिकरण महायोजना 2031 में यह क्षेत्र बाढ़ प्रभावित क्षेत्र नहीं है।प्रचारित अपसलत है। महायोजना 203 दिन की स्टेट नेशनल हाई केवल 15. 30, और 60 मीटर किसी भी के लिए हरिहरू विकसित किया जाता है। उन्होंने बताया कि यहां किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं किया जा सकता। खेल प्रशिक्षण केंद्र उपयोग पार्क एड ओपन सी भी प्रकार का निर्माण स्थान पर किए सकते हैं। कारवां पार्क, स्थिबिग पूल परिया के अंतर्गत के लिए ठहरने की व्यवस्था आदि निर्माण किए जा सकते हैं।यहां का भू उपयोग परिवर्तन कमी नहीं हो सकता। जबकि 30 मार्च 2024 को जारी की गई स्सार्वजनिक सूबना पचाक 1651 अ० वि० प्रा० मी नहीं हो 24 के माध्यम से अयोध्या विकास प्राधिकरण में नवटा घोषित किया कि प्राधिकरण द्वारा पूरे 2400 व 20 और चार सी बिस्सा) जमीन का भू उपयोग परिवर्तन गाटा 57 मि० में प्रस्तावित है।साम्त जमथरा लैंड केस का नेतृत्व कर रहे समाजसेवी शरद पाठक का कहना है कि अनी हाल ही में समूह को मांझा जमथरा में ही 80 करोड से भी अधिक मालियत की 800 बिस्सा जमीन को मात्र साल की लीज पर दे दिया गया है। अदानी ग्रुप ने भी माईल जमथरा में 80 बिस्सा जमीन की रजिस्ट्री करा है। जिंदल ग्रुप को भी 207 करोड़ की परियोजना के लिए जमीन दे दिया गया है। गुप्तार घाट के निकट कि जमथरा में ही एक निजी कंपनी के साथ टेंट सिटी का निर्माण किया जा रहा है। अब सवाल यह उठता है कि क्या अयोध्या विकास प्राधिकरण सिर्फ उद्योगपतियों के लिए ही कार्य करता रहेगा।