अतुल श्रीवास्तव _✒
बदलता स्वरूप गोण्डा। पुलिस प्रशासन की अभिरक्षा में हुई अधिवक्ता की मौत, अधिवक्ताओं ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए दोषी पुलिस कर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज करने पर अडे़ अधिवक्ता तथा कार्य से विरत रहकर खूब लगाया पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे। फर्जी बैनामा घोटाले में आरोपी बनाए गए राजकुमार लाल श्रीवास्तव जोकि जिला बार एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिवक्ता के साथ ही व बार के सदस्य भी थे जिन्हें क्षेत्रीय पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और पुलिस अभिरक्षा में वरिष्ठ अधिवक्ता की संदिग्ध परिस्थितियों में हो गई मौत। सवाल यह उठता है कि क्या आम नागरिक हो या अधिवक्ता कोई पुलिस अभिरक्षा में सुरक्षित नहीं बड़ा सवाल–? पुलिस ने यह कहते हुए मामले को ठंडा करना चाहती थी कि अधिवक्ता ने अपनी मौत को गले लगाने की नियत से कीटनाशक दवाइयां पी ली थी। जिसे जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ता एवं सिविल बार एसोसिएशन के अधिवक्ता ने सिरे से नकारते हुए आंदोलन करने का निर्णय लिया और संयुक्त रूप से प्रस्ताव पारित करते हुए 16 मई एवं 17 मई को भी जिला बार एसोसिएशन एवं सिविल बार एसोसिएशन में पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए किया आंदोलन। जबकि जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष महाराज कुमार श्रीवास्तव एवं सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष उपेंद्र मिश्रा की अगुवाई में सैकड़ों अधिवक्ताओं ने कलेक्ट्री एवं दीवानी परिसर में भ्रमण करते हुए पहुंचे जिला अधिकारी कार्यालय। जहां सभा को संबोधित करते हुए दोनों बार के अध्यक्षों ने जिला प्रशासन से मांग की कि दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करते हुए दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध सिर्फ मामूली दंड देने से काम नहीं चलेगा बल्कि उनके विरुद्ध दर्ज किया जाए प्राथमिकी और इसकी न्यायिक जांच कराते हुए उसमें शामिल उन व्यक्तियों तक पहुंचना आवश्यक होगा। जिनके इशारे पर इस घिनौने कृत्य को पुलिस वालों ने अंजाम दिया। तत्पश्चात दोनों बार के महामंत्री पूर्व अध्यक्ष दीनानाथ त्रिपाठी, बिंदेश्वरी दुबे, विनय मिश्रा ,जगन्नाथ प्रसाद, संतोष पांडे, संगम लाल दुबे,संगम लाल सिंह, रविचंद्र त्रिपाठी, रितेश यादव, गौरीशंकर चतुर्वेदी, उमाकांत, सन्तोष श्रीवास्तव, लल्ला बाबू, राजकुमार दूबे के साथ ही दर्जनों अधिवक्ताओं ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यदि पुलिस प्रशासन हमारी मांगों को पूरा नहीं करती तो हम व हमारा संगठन चक्का जाम करने पर मजबूर होगा।