अधिवक्ता के आश्रित को मिले मुआवजा, दोषियों के विरुद्ध दर्ज हो प्राथमिकी-बार अध्यक्ष महाराज श्रीवास्तव

बदलता स्वरूप गोण्डा। पुलिस प्रशासन की अभिरक्षा में हुई अधिवक्ता की मौत, अधिवक्ताओं ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए दोषी पुलिस कर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज करने पर अडे़ अधिवक्ता तथा कार्य से विरत रहकर पुलिस प्रशासन के पुलिस अधीक्षक से मांग की कि दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज हो। वहीं शासन से मृतक के आश्रितों पचास लाख रुपए आश्रित
को दिए जाने की उठाई मांग। साथ ही साथ संयुक्त बार ने यह भी मांग उठाई कि जब तक अधिवक्ताओं की मांग पूरी नहीं होती तब तक हम आंदोलन को रखेंगे जारी। इसी बीच अधिवक्ताओं पर किए गए तीखी टिप्पणी से नाराज़ एक पत्रकार पर अधिवक्ता टूट पड़े और पत्रकार को बुला भरा करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष मूका थप्पड़ से मार कर कैंपस से बाहर भगा दिया। इस बीच क्षेत्राधिकारी सदर व कई चौकी इंचार्ज भी मौजूद थे लेकिन वह आरोपी पत्रकार को बचा पाने में असफल रहे। लोगों का कहना था कि उक्त पत्रकार ने अपने खबर मे फर्जी बैनामा में शामिल आरोपी अधिवक्ताओं के साथ उसने सभी अधिवक्ताओं को दोषी ठहरा दिया था जिससे आक्रोशित अधिवक्ताओं का गुस्सा चौथे आसमान पर था। खैर पुलिस प्रशासन ने जैसे-तैसे मामले को शांत कराया। फर्जी बैनामा घोटाले में आरोपी बनाए गए राजकुमार लाल श्रीवास्तव जोकि जिला बार एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिवक्ता के साथ ही व बार के सदस्य भी थे। जिन्हें क्षेत्रीय पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और पुलिस अभिरक्षा में वरिष्ठ अधिवक्ता की संदिग्ध परिस्थितियों में हो गई मौत। तो क्या आम नागरिक हो या अधिवक्ता कोई पुलिस अभिरक्षा में सुरक्षित नहीं बड़ा सवाल–? पुलिस ने यह कहते हुए मामले को ठंडा करना चाहती थी कि अधिवक्ता ने अपनी मौत को गले लगाने की नियत से कीटनाशक दवाइयां पी ली थी जिसे जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ता एवं सिविल बार एसोसिएशन के अधिवक्ता ने सिरे से नकारते हुए आंदोलन करने का निर्णय लिया और संयुक्त रूप से प्रस्ताव पारित करते हुए जिला बार एसोसिएशन एवं सिविल बार एसोसिएशन में पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए किया आंदोलन। जबकि जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष महाराज कुमार श्रीवास्तव एवं सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष उपेंद्र मिश्रा की अगुवाई में सैकड़ों अधिवक्ताओं ने कलेक्ट्री एवं दीवानी परिसर में भ्रमण करते हुए पहुंचे जिला अधिकारी कार्यालय। जहां सभा को संबोधित करते हुए दोनों बार के अध्यक्षों ने जिला प्रशासन से मांग की कि दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करते हुए दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध सिर्फ मामूली दंड देने से काम नहीं चलेगा बल्कि उनके विरुद्ध दर्ज किया जाए प्राथमिकी और इसकी न्यायिक जांच कराते हुए उसमें शामिल उन व्यक्तियों तक पहुंचना आवश्यक होगा जिनके इशारे पर इस घिनौने कृत्य को पुलिस वालों ने अंजाम दिया। तत्पश्चात दोनों बार के महामंत्री पूर्व अध्यक्ष दीनानाथ त्रिपाठी ,बिंदेश्वरी दुबे, विनय मिश्रा ,जगन्नाथ प्रसाद, संतोष पांडे, संगम लाल दुबे, संगम लाल सिंह, रविचंद्र त्रिपाठी, रितेश यादव, गौरीशंकर चतुर्वेदी, उमाकांत, अंजनी नंदन, सिराज,सतीश कुमार, अरविंद सिंह, अनिल श्रीवास्तव, विनोद श्रीवास्तव, आनंद श्रीवास्तव, दीप नारायण श्रीवास्तव, के के मिश्रा, के के श्रीवास्तव, विनय कुमार तिवारी, सन्तोष श्रीवास्तव, लल्ला बाबू, राजकुमार दूबे के साथ ही दर्जनों अधिवक्ताओं ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यदि पुलिस प्रशासन हमारी मांगों को पूरा नहीं करती तो हम व हमारा संगठन चक्का जाम करने पर मजबूर होगा।