बदलता स्वरूप गोंडा। वर्तमान समय में योग अपने महत्व एवं उपयोगिता के कारण दुनिया भर में लोगों की दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनता जा रहा है। ऐसे में स्कूली बच्चों की रुचि बढ़ाने के लिए योगाभ्यास सत्र का आयोजन किया गया। इसी कड़ी में आयुर्वेदिक चिकित्सालय के योग वेलनेस सेंटर गोंडा के तत्वावधान में सनबीम स्कूल में बच्चों ने योगाभ्यास किया। योगाचार्य सुधांशु द्विवेदी ने सभी छात्र-छात्राओं को योगाभ्यास करवाया और साथ ही साथ उससे होने वाले लाभ के बारे में भी बताया, योगाचार्य ने बताया कि आजकल बच्चे पहले के बच्चों जैसे बाहर खेलने नहीं जाते जिस वजह से बच्चे गैजेट्स आदि के सिवाय कहीं अपना ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते हैंl जिससे उनमें शिक्षा के प्रति उदासीनता देखने को मिल रही इसका कारण तन मन का स्वस्थ ना होना है I आजकल विद्यार्थी व युवा ज्यादातर मानसिक तनाव से जूझ रहे हैं l योगाचार्य सुधांशु द्विवेदी ने कहा कि आने वाला समय योग का ही है ,यदि विद्यार्थी जीवन में कम उम्र से ही योग की शिक्षा मिल जाए तो बेहतर भारत के राष्ट्र निर्माण में काफी सहयोग मिलेगा। इस योग सत्र में विद्यार्थियों को भ्रामरी प्राणायाम, अनुलोम-विलोम प्राणायाम, ताड़ासन, वृक्षासन, भुजंगासन व सूर्य नमस्कार सहित कई आसनों का अभ्यास कराया गया। शिविर के अंतिम दिन बच्चों त्राटक क्रिया का अभ्यास करवाया गया। योगाचार्य ने बताया मन की चंचलता को शान्त करने के लिये साधक इसे करता है। यह ध्यान की एक विधि है। सत्र के दौरान ही योग प्रशिक्षक अनिल भट्ट व आशीष गुप्ता द्वारा कठिन योगासनों का प्रदर्शन कर विद्यार्थियों को आश्चर्यचकित कर दिया। सनबीम स्कूल गोंडा की प्रबंधक अर्श छाबड़ा ने कहा की योग बच्चों के मन मस्तिष्क को उसके कार्य के प्रति जागरूक करता है। इसलिए विद्यार्थियों को प्रारंभ से ही योग शिक्षा देना अत्यंत जरूरी है,जिससे विद्यार्थियों में एकाग्रता व आत्मविश्वास बढ़ता है। इस योग सत्र में विद्यालय के शिक्षक, शिक्षिकाओं सहित अन्य जन भी मौजूद रहे। शिविर के अंत में नभ्य सिंह और अयांश सिंह द्वारा योग के महत्व पर भी प्रकाश डाला गया।
