बदलता स्वरूप
मोबाइल फोन के सिम कार्ड रिचार्ज की घटती वैधता और बढ़ते मूल्य से उपभोक्ता परेशान है । टेलीकॉम कंपनियों की मनमानी का आलम यह है कि जो वैधता कभी 30 दिन का हुआ करता था उसे पहले 28 दिन फिर 24 दिन और अब घटकर 21 दिन कर दिया गया । रिचार्ज मूल्य जो 49 रुपए से बढ़कर 179 रुपए हो गई को ध्यान से समझे तो पूरी लूट समझ में आएगी कि आए दिन आपकी जेब पर डाका डालने की बड़ी साजिश क्यों कर रही ये मोबाइल कंपनिया जिससे इनके इंटरनेट यूजर्स लगातार घट रहे । बढ़ते मूल्य पर भी उपभोक्ता चुप है और जेब पर पड़ने वाले इस डाके को सह रहे इसलिए ये सिम कार्ड सर्विस प्रोवाइडर कंपनिया उपभोक्ताओं को लूट रही । पहले एयरटेल , वोडाफोन इत्यादि मोबाइल फोन सेवा प्रदाता कंपनिया एक महीने का रिचार्ज ग्राहकों के सुविधानुसार देती थी जिसकी कीमत 49 रुपए से शुरू होती थी और ग्राहक को अगर अनलिमिटेड कॉलिंग और इंटरनेट डेटा चाहिए होता था तो डेढ़ सौ रुपए में पूरे 30 दिन की सर्विस मिलती थी फिर धीरे धीरे इन मोबाइल कंपनियों ने जनता के जेब के साथ खिलवाड़ करना शुरू किया अब वर्तमान स्थिति यह है कि कोई ऐसा रिचार्ज 200 रुपए के नीचे नही और वैद्यता भी अब केवल 21 दिन की मिलती है जिसे मनमाने ढंग से उपभोक्ता पर थोपा जा रहा जिसके खिलाफ आवाज उठाना जरूरी है । पहले टेलिकॉम ऑपरेटर प्रीपेड उपभोक्ताओं को जो प्लान मुहैया कराते थे, उनकी वैधता 28 दिन की होती है। इसके चलते महीनेवार रिचार्ज कराने वाले लोगों को हर साल कम से कम 13 रिचार्ज कराने पड़ते हैं। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई ) की नई रिपोर्ट में कहा गया कि वर्ष 2023 में एयरटेल, जियो और वोडाफोन-आइडिया तीनों कंपनियों के यूजर्स की संख्या में लगातार गिरावट हो रही है क्योंकि लोगो ने महंगे प्लान की वजह से रिचार्ज कराना बंद कर दिया । जून के मुकाबले जुलाई 2022 में सभी कंपनियों के ग्राहक तेजी से कम हुए क्योंकि रिचार्ज की वैलिडिटी 30 दिन से घटाकर 21 दिन कर दी गई थी और इनकमिंग प्लांस बंद कर दिए गए ।
रिपोर्ट के अनुसार प्रति जीबी डेटा की औसत कीमत इससे 152 रुपए से बढ़कर 200 रुपए पर आ गई , कंपनी ने पहले ही दिन कहा था कि ग्राहक आज के युग में या तो कॉलिंग के पैसे देंगे या फिर इंटरनेट के । कुछ कंपनी के शुरू में सभी प्लान में कॉलिंग एकदम मुफ्त था तो ग्राहक तेजी से जुड़े, भले ही वह एसटीडी कॉल हो या फिर रोमिंग में की गई कॉल । मुफ्त कॉलिंग के अलावा हर पैक में ग्राहकों को काफी सस्ती कीमत पर इंटरनेट मिलता रहा तो लोग जियो टेलीकॉम के साथ जुड़ते गए अब ऑपरेटरों द्वारा टैरिफ में वृद्धि करके जनता को लूटा जा रहा जो उपभोक्ता के अधिकारों का हनन है । टेलीकम्युनिकेशन की दिग्गज कंपनी जियों , वोडाफोन और एयरटेल रेवेन्यू और मार्जिन को बढ़ाने के लिए मौजूदा प्लांस की कीमतों में 10 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर गए और उपभोक्ताओं को पता ही नही चला न इसका कही विरोध हुआ ।2015 से पहले देश में कई सारी टेलीकॉम कंपनियां थीं। कुछ कंपनियां कुछ राज्यों तक ही सीमित थीं और कई कंपनियां देशभर में अपनी सेवाएं दे रही थीं। अब हालत यह हो गई है कि देश में सिर्फ तीन प्रमुख कंपनियां बची हैं जो कि एयरटेल, जियो और वोडाफोन आइडिया हैं जो अपनी मनमानी चला रही । पिछले साल तक अधिकतर लोगों के पास दो-दो सिम कार्ड थे लेकिन अब इनकी संख्या कम हो रही है जो की टेलीकॉम कंपनियों के लिए नुकसान की बात हुई और इसके जिम्मेदार वो खुद है । बिजनेस इंसाइडर की एक रिपोर्ट के अनुसार, जियो और एयरटेल सहित अन्य दूरसंचार ऑपरेटर अगले 3 वर्ष यानी फाइनेंसियल ईयर 2023, फाइनेंसियल ईयर 2024 और फाइनेंसियल ईयर 2025 में लगातार टैरिफ में 10 फीसदी की बढ़ोतरी की घोषणा कर सकते हैं । इसका मतलब ये है कि आने वाले 3 सालों में हर चौथी तिमाही में यूजर को मोबाइल रिचार्ज प्लांस की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी जो बेतहासा होगी और अगर उपभोक्ता ने विरोध नही किया तो आम जनता की पहुंच से दूर होती चली जायेगी ये मोबाइल कंपनिया।
लोगों के मन में एक सवाल काफी समय से उठ रहा है, जिसे मेरे लिखे इस रिपोर्ट ने और भी प्रबल कर दिया । सवाल ये है कि अगर इतने महंगे प्लान देने के बावजूद कंपनी फायदा नहीं कमा रही है तो क्या जियो के आने के पहले बाकी टेलिकॉम कंपनियां ग्राहकों को लूट नही रही थीं? सवाल जायज भी है । लोग ये भी सोच रहे हैं कि अगर वो कंपनियां जानबूझ कर अधिक पैसे ले रही थीं तो अब महंगे प्लान लाने पर उन्हें नुकसान क्यों हो रहा है । जहां एक ओर कुछ दूरसंचार कंपनियां मुनाफे में कमी को लेकर हाय-हाय कर रही हैं तो कुछ ऐसी भी दूरसंचार कंपनियां है जो जियो के आने के बाद से ही नुकसान का रोना रो रही थी , वहीं दूसरी ओर, सबसे सस्ती सेवाएं देने के बावजूद रिलायंस जियो फायदा देने वाली कंपनी बन गई थी । मुकेश अंबानी ने कहा था कंपनियों को नुकसान इसलिए हो रहा है क्योंकि वह इक्विटी और तकनीक में निवेश नहीं कर रही हैं। सभी दूरसंचार कंपनियां कर्ज लेने की अंधी होड़ में लगी हुई हैं, जिसके चलते उन पर वित्तीय बोझ काफी अधिक बढ़ गया है और मुनाफे का शेयर कम हो गया था । तकनीक में निवेश की कमी ही मौजूदा कंपनियों की दयनीय स्थिति के लिए जिम्मेदार है । उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि कंपनियों को अपने मुनाफे को पूंजी निवेश और नई तकनीक में लगाना चाहिए, लेकिन कंपनियां ऐसा नहीं करती हैं । उधर भारतीय एयरटेल ने अपने कुछ प्लान्स के दाम तेजी से बढ़ाने शुरू कर दिए कंपनी ने 99 रूपये वाले प्लान की कीमत अब 155 रूपये कर दी । पहले इस प्लान के तहत लोगों को 18 दिन के लिए 1GB डाटा, 100 मैसेज, एयरटेल एक्सट्रीम, विंक म्यूजिक और Z5 प्रीमियम एक्सेस दिया जाता था, जो अब लोगों को 155 रूपये में मिल रहा है । कंपनी ने ये प्लान छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और यूपी ईस्ट सहित चुनिंदा रूरल सर्कल में शुरू किया था । यही हाल वोडाफोन का रहा और उनके रिचार्ज की कीमत 299 हो गई जिससे ग्राहक टूटने लगे पर पिछले कुछ महीनों के भीतर भारतीय एयरटेल और जियो दोनों के ग्राहकों में वृद्धि हुई।जियो और एयरटेल के बीच इस वक़्त कड़ी टक्कर देखी जा रही , दूसरी तरफ वोडाफोन-आईडिया इस वक्त लगातार अपने कस्टमर खो रही है ।हालांकि कंपनी एयरटेल और जियो की तुलना में लगातार आकर्षक प्लान ग्राहकों के लिए ला रही थी पर कम वैधता और खराब सिग्नल ने वीआई ( वोडाफोन ) के इमेज को डाउन कर दिया । जिससे वह अपने कस्टमर बनाए रख सके और अपना मुनाफा बढ़ा सकने में नाकाम हो रही । कुछ समय पहले ही भारतीय एयरटेल और जियो ने देश के कुछ प्रमुख शहरों में 5G नेटवर्क की सेवा शुरू कर दी है । इसके चलते भी वोडाफोन को भारी नुकसान कस्टमर बेस पर हुआ है । वोडा इस वक्त नुकसान से गुजर रहा है जो फिलहाल 5G नेटवर्क को लागू करने की स्थिति में नहीं है । दूसरी तरफ, जियो और एयरटेल लगातार अपनी 5G सेवा को अलग-अलग हिस्सों में फैलाने का काम कर रहे हैं और माना जा रहा है कि आने वाले 1 से 2 साल में ये दोनों कंपनियों के 5G नेटवर्क देशभर में लोगों को मिलने लगेंगे और महंगे एयरटेल प्लान की वजह से जियो के ग्राहक कई गुना बढ़ जायेंगे । जियो ने अपनी सेवाएं शुरू करने के महज 15 महीनों बाद ही फायदा कमाना शुरू कर दिया था।
वित्त वर्ष 2017-18 की तीसरी तिमाही में कंपनी ने 504 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया था, जबकि दूसरी तिमाही में कंपनी को 271 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था. यानी ये तो साफ है कि रिलायंस जियो को भी फायदा हो रहा है, जबकि उसकी सेवाएं इतनी सस्ती थी कि देश का गरीब से गरीब तबका भी उनका इस्तेमाल कर सकता है और आज भी जियो अपने ग्राहकों को फ्री इनकमिंग सर्विस देता है ।
_ पंकज कुमार मिश्रा मीडिया कॉलमिस्ट शिक्षक एवं पत्रकार केराकत जौनपुर
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