पंकज कुमार मिश्रा की कलम से
बदलता स्वरूप लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व भारी फेरबदल देखने को मिल सकता है जहां एक ओर कई माननीयों के टिकट काटने की तैयारी है वही दूसरी ओर क्षेत्रीय गुटबंदी को भी पार्टी ने गंभीरता से लिया है । नगर निकाय चुनावों में हारे प्रत्याशियों के चुनावी प्रबंधन पर भी पैनी नजर बनाए रखने की कवायद शुरू है । भाजपा प्रदेश मुख्यालय को मिल रहे फीडबैक में सामने आया है कि कई जगह सांसद और विधायकों के करीबियों ने बगावत कर पार्टी प्रत्याशी को चुनाव हराया था तो कई जगह सांसदों के निकृष्टता के कारण प्रत्याशी चुनाव हार गए । कई जगह माननीय अव्वल तो अपने करीबी को मैदान से हटाने में नाकाम रहे और उसके बाद पार्टी प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार में भी दिलचस्पी नहीं ली। भाजपा का फोकस यूपी की सभी 80 मेंसे 80 सीटों को जीतने पर रहेगा ,इसके लिए प्रत्याशियों पर भी मंथन शुरू हो चुका है। कई सांसदों का टिकट काटकर मंत्रियों-विधायकों को मैदान में उतारने की तैयारी है। केंद्र में नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के लिए भाजपा ने अभी से कवायद शुरू कर दी है। यूपी में 30 मई से 30 जून तक बड़ा अभियान चलेगा। इस दौरान कई रैलियां, जनसभाएं और महाजनसंपर्क अभियान भी चलाया जाएगा। भाजपा का फोकस यूपी की सभी 80 में से 80 सीटों को जीतने पर रहेगा। इसके लिए प्रत्याशियों पर भी मंथन शुरू हो चुका है। कई सांसदों का टिकट काटकर यूपी के मंत्रियों और विधायकों को मैदान में उतारने की तैयारी की खबरें मिल रही और माना जा रहा है कि ऐसे सांसद जिन्होंने विगत तीन साल जनता के लिए कुछ नही किया और अब एक्टिव मोड पर आने का ड्रामा कर रहे उन्हे लेकर जनता में भारी आक्रोश है ऐसे सांसदो को चिन्हित करके उन्हे पार्टी टिकट से विदा किया जाएगा । मौजूदा सांसदों का रिपोर्ट कार्ड देखा जा रहा है।भाजपा का पूरा जोर जिताऊ प्रत्याशियों पर है।फिलहाल यूपी की 12 सीटें ऐसी हैं6 जिन पर मंत्रियों और विधायकों को उतारने का प्लान तैयार हो चुका है। अगर नाम की बता की जाए तो इनमें सबसे बड़ा नाम पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद का है। उन्हें लोकसभा चुनाव में उतारा जा सकता है। इसके अलावा मथुरा से विधायक पूर्व उर्जामंत्री श्रीकांत शर्मा को भी लोकसभा चुनाव लड़ाने की तैयारी की जा रही है पिछले लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने कई मंत्रियों और विधायकों को मैदान में उतारा था। इसका नतीजा रहा कि सपा-बसपा के गठबंधन के बाद भी भाजपा को भारी सफलता मिली थी। उसी प्रयोग को इस बार भी दोहराया जा सकता है। जिन सीटों पर भाजपा ने प्रत्याशी बदलकर किसी विधायक या सांसद को उतारने की तैयारी की है, उनमें से ज्यादातर पर इस समय भाजपा के ही सांसद हैं। कुछ सीटें ऐसी हैं जिन पर भाजपा को सफलता नहीं मिल सकी थी। ऐसे में इन सीटों पर ऐेसे चेहरों को उतारने की तैयारी है जो जनता के बीच पहले से फेमस हों और उनकी छवि भी साफ सुथरी और जिताऊ हो। कहा जा रहा है कि अगले महीने होने वाले अभियान के दौरान भी कई मौजूदा सांसदों की परीक्षा होगी। जसनभाओं और रैलियों के साथ ही जनसंपर्क अभियानों पर पार्टी संगठन की पूरी नजर रहेगी। मौजूदा सांसद पिछली बार की तरह इस बार भी मजबूत हैं या नहीं यह भी देखने वाली बात होगी। नगर निकाय चुनाव के दौरान अपने इलाके में फेल हो गए कई सांसद भी पार्टी के निशाने पर हैं।
बात करे ऐसे सांसदो की तो लोकसभा मछलीशहर से भाजपा सांसद बीपी सरोज के क्षेत्र में पड़ने वाले कई नगर पालिका जैसे केराकत , जाफराबाद इत्यादि में भाजपा बुरी तरह हारी । केराकत नगर पालिका में तो भाजपा प्रत्याशी टॉप थ्री में भी नहीं आ सकी जबकि उनके प्रचार प्रसार की बागडोर खुद सांसद बीपी सरोज ने सम्हाली थी और जमकर प्रचार किया था पर उनकी कार्यप्रणाली और क्षेत्र का कमजोर विकास कार्य , जनता के बीच समय समय पर न रहने के कारण जनता में भारी आक्रोश रहा और क्षेत्र की जनता ने भाजपा प्रत्याशी को बुरी तरह नकार दिया । इसी तरह नगर पालिका चुनाव बागपत से भाजपा विधायक योगेश धामा के क्षेत्र में पडऩे वाली बागपत नगर पालिका में भाजपा के प्रत्याशी राजकुमार हार गए। अमीनगर सराय से मांगेराम यादव और रटौल से मंतजिर भी हार गए। सहारनपुर की गंगोह विधानसभा क्षेत्र में चारों निकायों में भाजपा विधायक कीरत सिंह पार्टी प्रत्याशियों को जीत नहीं दिलवा सके गंगोह नगर पालिका में अध्यक्ष पद पर भाजपा की प्रत्याशी कविता को हार का सामना करना पड़ा। नानौता नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपा प्रत्याशी अलका शर्मा भी पराजित हुई है। तीतरों नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपा प्रत्याशी देवराज को जीत नहीं दिला सके। अंबेहटा पीर नगर पंचायत में भाजपा की सपना रोहिल्ला लगातार दूसरी बार हारी है। इटावा सांसद रामशंकर कठेरिया और राज्यमंत्री अजीत सिंह पाल के क्षेत्र की डेरापुर नगर पंचायत अध्यक्ष पद के भाजपा प्रत्याशी अतुल अग्निहोत्री हार गए।
साहिबाबाद से भाजपा विधायक सुनील शर्मा के धुर विरोधी व बसपा के पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा की पत्नी मोहिनी शर्मा ने खोड़ा-मकनपुर नगर पालिका में अध्यक्ष पद पर भाजपा की निवर्तमान अध्यक्ष रीना भाटी को हराया। विधायक अजीतपाल त्यागी के गढ़ मुरादनगर नगर पालिका, मोदीनगर विधायक मंजू शिवाच के क्षेत्र में फरीदनगर पंचायत, पतला नगर पंचायत और निवाड़ी नगर पंचायत भाजपा की हार हुई। बुलंदशहर लोकसभा सांसद डा. भोला सिंह के क्षेत्र की स्याना, बीबीनगर और खानपुर निकाय पर पार्टी प्रत्याशी को जीत नहीं दिला सके। अनूपशहर विधानसभा की अनूपशहर और जहांगीराबाद नगर पालिका पर पार्टी प्रत्याशियों के लिए विधायक ने प्रचार ही नहीं किया। शिकारपुर विधायक अनिल शर्मा अपने क्षेत्र की पहासू और छतारी नगर पंचायत पर पार्टी के लिए जीत का दरवाजा नहीं खोल सके। पहासू नगर पंचायत पर पार्टी प्रत्याशी ने तो विधायक पर रालोद प्रत्याशी को चुनाव लड़ाने का भी आरोप लगाया था।भाजपा के सदर विधायक विजयपाल आढ़ती और मेरठ सांसद राजेंद्र अग्रवाल के क्षेत्र की हापुड़ सदर नगर पालिका सीट बसपा ने जीत ली। बरेली में फरीदपुर विधायक श्याम बिहारी लाल के क्षेत्र की फरीदपुर पालिका पर सपा ने कब्जा जमाया। फतेहगंज नगर पंचायत भाजपा के बागी ने जीत हासिल की। गन्ना विकास राज्यमंत्री संजय सिंह गंगवार के क्षेत्र की जहानाबाद में भी भाजपा प्रत्याशी यामीन हार कर तीसरे नंबर पर रहे।सांसद एवं राष्ट्रीय पदाधिकारी रेखा वर्मा के धौरहरा संसदीय क्षेत्र में बरवर नगर पंचायत में भाजपा की हार हुई। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद और सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर के क्षेत्र शाहजहांपुर की जलालाबाद नगर पालिका, तिलहर नगर पालिका में भाजपा हारी है। तिलहर विधानसभा क्षेत्र से सलोना कुशवाहा विधायक हैं। कटरा विधायक वीरविक्रम सिंह के क्षेत्र की कटरा नगर पंचायत सीट पर भाजपा को हार मिली। बदायूं सदर से विधायक महेश गुप्ता की विधानसभा में शहर की प्रत्याशी दीपमाला गोयल और वजीरगंज नगर पंचायत में भाजपा प्रत्याशी संगीता वार्ष्णेय की हार हुई है।सांसद जगदम्बिका पाल के संसदीय क्षेत्र सिद्धार्थनगर जिले की 11 नगर निकायों में नगर पालिका परिषद बांसी, नगर पंचायत कपिलवस्तु, डुमरियागंज, शोहरतगढ़ एवं बढ़नी में भाजपा चुनाव हारी। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री एवं बांसी विधायक जयप्रताप सिंह के क्षेत्र में इकलौती बांसी नगर पालिका परिषद के चुनाव में सपा प्रत्याशी चमन आरा राइनी जीती हैं। निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के सांसद पुत्र प्रवीण निषाद के क्षेत्र की नगर पालिका परिषद खलीलाबाद और नगर पंचायत मगहर में भाजपा की हार हुई। देवरिया जिले में कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और राज्यमंत्री विजय लक्ष्मी गौतम के क्षेत्र की सलेमपुर और पथरदेवा नगर पंचायत में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। देवरिया सदर संसदीय क्षेत्र में आने वाले बरियापुर व सलेमुपर संसदीय क्षेत्र में आने वाले लार, भटनी, मझौलीराज में भी भाजपा उम्मीदवार की हार हुई है। देवरिया सदर से भाजपा के डॉ रमापति राम त्रिपाठी सांसद हैं।
बस्ती जिले की एक नगर पालिका सांसद एवं भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री हरीश द्विवेदी का गढ़ माना जाता था, लेकिन यहां भाजपा मुंह की खा गई। इसके अलावा हर्रैया नगर पंचायत जिसमें भाजपा विधायक अजय सिंह खुद चुनाव का नेतृत्व कर रहे थे वहां भी भाजपा को मात मिली है। फतेहपुर सीकरी से सांसद एवं भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चाहर के क्षेत्र की फतेहपुर सीकरी नगर पालिका में बसपा ने जीत दर्ज की। एत्मादपुर क्षेत्र में भाजपा विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह और भाजपा प्रदेश महामंत्री राम प्रताप सिंह चौहान के क्षेत्र में भाजपा प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई। यहां साइकिल और हाथी के बीच मुकाबला रहा। सपा प्रत्याशी सुरेश चंद्र ने बसपा के सर्वेश कुमार को 1,079 मतों से शिकस्त दी। भाजपा प्रत्याशी राकेश कुमार तीसरे नंबर पर रहे । ये सूची और भी लंबी है जिसपर पार्टी आलाकमान शिरे से मंथन कर रही और हारे हुए क्षेत्रों में वहां के जनता से फीडबैक लेकर ही अब लोकसभा के टिकट तय करने की तैयारी है ।