पुलिस अधीक्षक के आदेश का आधा अधूरा पालन करते हैं चौकी इंचार्ज मिश्रौलिया

बृजेश सिंह बदलता स्वरूप गोण्डा। उत्तर प्रदेश के गोण्डा जिले में एक शख्स ने पत्रकार नरेंद्र लाल गुप्ता को फोन कर गाली गलौज व जान से मारने धमकी दी थी। उसके बाद से पीड़ित ने एसपी को सूचना दी, एसपी के आदेश के मिलते ही पुलिस हरकत में आ गई। नगर कोतवाली क्षेत्र की पुलिस ने कार्यवाही करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।लेकिन पुलिस ने धमकी देने वाला सबूत मोबाइल फोन को बरामद ही नहीं किया। मामला गोंडा जिले के थाना कोतवाली नगर क्षेत्र के मिश्रौलिया चौकी जानकीनगर में रहने वाले पत्रकार नरेंद्र लाल गुप्ता
को एक अज्ञात व्यक्ति उनके निजी मोबाइल नंबर पर गाली गलौज और जान से मारने की धमकी दी कि तुम मनरेगा के भ्रष्टाचार की खबर को लिखना बंद कर दो और पंडरी कृपाल ब्लॉक को डिस्टर्ब मत करो, नहीं तो तुम्हारा हाथ पैर तोड़ दिया जाएगा और एक सप्ताह में जान से मार दिया जाएगा। तुम बहुत मनरेगा की साइट चैक करते हो होश में रहो नहीं तो जान से मार दिया जाएगा कि धमकी मिलने के बाद से नरेंद्र लाल गुप्ता भयभीत थे और उन्होंने इसकी सूचना पुलिस कप्तान को दी थी। पुलिस कप्तान ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कोतवाली नगर को आदेशित किया तो पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज कर लिया। लेकिन तीन दिन तक टाल मटोल करती रही। पीड़ित पत्रकार ने पुनः पुलिस अधीक्षक से मिल कर धमकी देने वाले व्यक्ति के गिरफ्तारी की मांग की। पुलिस अधीक्षक का पुनः आदेश मिलते ही मिश्रौलिया पुलिस चौकी प्रभारी प्रतीक पाण्डेय नें मामले की जांच तेज कर दी और दो घंटे बाद इस पूरे मामले का पुलिस ने खुलासा किया। अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज ने बताया कि फोन के माध्यम से पत्रकार नरेंद्र लाल गुप्ता को धमकी मिली थी। पुलिस ने इस मामले में टीम गठित करके धमकी देने वाले युवक को गिरफ्तार भी कर लिया गया।

लेकिन जिस ग्राम पंचायत में मनरेगा का भ्रष्टाचार कि खबर को प्रकाशित किया गया था उसी खबर पर जान से मारने की धमकी दिया गया था और धमकी देने वाला व्यक्ति भी ग्राम पंचायत खरहाटिया मनीष वर्मा का परिचित ही निकला। मोबाइल धारक पवन कुमार उर्फ पप्पू पुत्र स्वर्गीय रामफेर उम्र 38 वर्ष निवासी पडरी बल्लभ ,सदा पुरवा थाना कोतवाली देहात गोंडा को विवेचक मिश्रौलिया चौकी इंचार्ज प्रतीक पांडे के द्वारा 27 मार्च 2023 को पुलिस अधीक्षक के आदेश के अनुपालन में उठाकर नगर कोतवाली में लाकर बैठा तो दिया गया किंतु न तो उक्त मोबाइल धारक का मोबाइल लाया गया और न ही उससे यह ज्ञात किया गया कि उसके मोबाइल से किसने गाली दिया था और शाम को उक्त का चालन करके न्यायालय रवाना कर दिया गया। जो सबसे ज्यादा गंभीर बात है वह यह कि जिस ग्राम प्रधान के विरुद्ध भ्रष्टाचार की खबर समाचार पत्रों में प्रकाशित किया गया था और खबर से उत्तेजित होकर विकास खंड पंडरी कृपाल के ग्राम खरहटिया के ग्राम प्रधान मनीष वर्मा के द्वारा यह सब कूट रचना किया गया उसी प्रधान मनीष वर्मा और विश्वा निवासी रमेश वर्मा के द्वारा कि उक्त मोबाइल धारक की जमानत कराया गया किंतु जब मिश्रौलिया चौकी इंचार्ज के द्वारा उसे गिरफ्तार करके नगर कोतवाली लाया गया और उससे पूछा गया कि तुम मनीष वर्मा को जानते हो तो उसने साफ इंकार कर दिया फिर प्रश्न यह उठता है कि यदि दोनों आपस में रिश्तेदार नहीं थे तो खरहटिया के ग्राम प्रधान मनीष वर्मा और बिंसवा गणेश के निवासी रमेश वर्मा के द्वारा पवन कुमार उर्फ पप्पू की जमानत क्यों ली गयी, यह जांच कर्ता की मंशा पर बड़े सवाल खड़े करता है।