दिल्ली में मासूम बेटी की निर्मम हत्या भाजपा सरकार में हैवानियत की पराकाष्ठा-प्रमोद तिवारी

सीएलपी नेता मोना बोली, साक्षी की वीभत्स हत्या सरकार के सशक्तीकरण नारे के साथ मानवता भी हुई शर्मसार

बदलता स्वरूप लालगंज, प्रतापगढ़। राज्यसभा मे विपक्ष के उपनेता एवं कांग्रेस की केन्द्रीय स्टीयरिंग कमेटी के सदस्य प्रमोद तिवारी ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोलह वर्षीय बेटी साक्षी की हैवानियत की पराकाष्ठा पर हुई हत्या को अत्यन्त शर्मनाक एवं दिल दहला देने वाली वीभत्स घटना कहा है। उन्होने कहा कि सोलह साल की मासूम बेटी की निर्मम हत्या में अपराधी को तो मौत की सजा मिलनी ही चाहिए उन लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए जो इस वीभत्स घटना को तमाशबीन के रूप में अपनी आंखो के सामने घटित होता देख रहे थे। मंगलवार को रामपुर खास के एक दिवसीय दौरे पर लालगंज पहुंचे राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि दिल्ली की पुलिस व्यवस्था भारत सरकार के गृह मंत्रालय से होने को लेकर तीखी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रायः महिलाओं व बेटियों के साथ जघन्य अपराध हत्या तथा दुष्कर्म की घटनाओं से भारत की राजधानी दुष्कर्म अथवा हत्या की राजधानी की भयावह तस्वीर ले बैठी है। उन्होनें कहा कि एक तरफ मोदी सरकार दिल्ली में सरकारी सेवाओं को सुप्रीम कोर्ट के आदेश से इतर अध्यादेश के जरिए मुटठी मे कैद रखना चाहती है। वहीं प्रमोद तिवारी ने कहा कि दसवीं की छात्रा को जिस हैवानियत के साथ चाकुओं से गोदकर मौत के घाट उतारा गया उससे यह साफ जाहिर हो गया है कि भाजपा का बेटी बचाओ व बेटी पढ़ाओ नारा सिर्फ जुमलेबाजी में भरभराकर ढह गया है। उन्होनें कहा कि भाजपा बेटियो के सम्मान व सुरक्षा तथा स्वाभिमान का थोथा नारा लगा रही है। उन्होने कहा कि साक्षी के साथ हुई शर्मसार हैवानियत को लेकर समूचा देश दुखी हुआ है कि आज बेटियों को न्याय दिलाने में भाजपा मात्र भाषणो तक सीमित रह गयी है। उन्होनें नई दिल्ली में महिला पहलवानो के साथ दिल्ली पुलिस के द्वारा बर्बरता व कू्ररता को भी देश की प्रतिष्ठा के लिए मोदी सरकार के द्वारा गहरा आघात ठहराया।

वहीं दिल्ली में बेटी के साथ हुए जघन्य से जघन्य अपराध को लेकर कांग्रेस विधानमण्डल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने भी जारी बयान में कहा है कि साक्षी के साथ दरिंदगी की इस घटना से मानवता तक आज शर्मसार हो उठी है। उन्होने भी भाजपा के राज में बेटियों को लेकर असुरक्षा के माहौल को केंद्र सरकार के सशक्तीकरण के दावे को साक्षी की क्रूरतम हत्या में सबसे बड़ा राजनैतिक झूठ करार दिया है। इधर मणिपुर में हिंसा की घटनाओं को लेकर भी राज्यसभा मे विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी मोदी सरकार पर हमलावर दिखे। उन्होनें करारा तंज कसा कि एक तरफ भाजपा दिल्ली मे जश्न मना रही है तो दूसरी तरफ देश के संवेदनशील सीमावर्ती मणिपुर में हिंसा की आग का न थमना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी अत्यन्त चिंताजनक कहा है। उन्होने केन्द्रीय गृह मंत्री तथा मणिपुर के मुख्यमंत्री से पिछले लगभग एक माह से मणिपुर में हो रही जातीय हिंसा को रोकने के लिए राजनैतिक नजरिए से बाहर आकर सुरक्षा और सतर्कता के कड़े प्रबन्ध सुनिश्चित करने को कहा है। सांसद प्रमोद तिवारी इसके पूर्व उदयपुर क्षेत्र के महावल गांव पहुंचे। उन्होनें गांव में हाल ही में दुर्घटना में एक ही परिवार के मासूमों समेत चार सदस्यों की हृदयविदारक मौत पर परिजनों से मिलकर संवेदना प्रकट की। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने मृतक मनोज सिंह के पिता लल्लन सिंह समेत परिजनों से मिलकर उनका दुख साझा किया। सांसद प्रमोद तिवारी लल्लन सिंह के घर पहुंचे तो घर का माहौल फिर दर्दनाक चीख मे बदल गया। उन्होनें स्वयं तथा क्षेत्रीय विधायक आराधना मिश्रा मोना की ओर से परिजनों को दुख की इस घड़ी मे ढांढस बंधाते हुए हर सम्भव मदद का भरोसा दिलाया। सांसद प्रमोद तिवारी ने एक ही परिवार के पति पत्नी व बच्चों की हुई हृदय विदारक मौत को लेकर एसपी से वार्ता कर दोषी के खिलाफ कडी कार्रवाई सुनिश्चित कराने को कहा। वहीं राज्यसभा मे विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी गंगा दशहरा पर बाबा घुइसरनाथ धाम भी पहुंचे। यहां उन्होनें पवित्र आदिगंगा सई का आचमन करते हुए लोक कल्याण के निमिŸा बाबा के समक्ष मत्था टेका।

एक दिवसीय दौरे पर रामपुर खास पहुंचे इस मौके पर प्रतिनिधि भगवती प्रसाद तिवारी, सांगीपुर प्रमुख अशोक सिंह बब्लू, मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल, दृगपाल यादव, सुधाकर पाण्डेय, ददन सिंह, चेयरपर्सन प्रतिनिधि संतोष द्विवेदी, प्रभात ओझा, रामबोध शुक्ल, पप्पू तिवारी, रामकृपाल पासी, छोटे लाल सरोज, पवन शुक्ल, सत्येन्द्र सिंह, कुंवर ज्ञानेन्द्र सिंह, जयसिंह, आसिफ सिद्दीकी, मुस्ताक आदि रहे।