अखाद्य पदार्थों का धड़ल्ले से हो रहा उपयोग आइसक्रीम बनाने में
बदलता स्वरूप खगड़िया। ज्यों ज्यों बढ़ रही है गर्मी त्यों त्यों बर्फ और आइसक्रीम फैक्ट्री वालों की मनमानी भी चरम सीमा पार कर चुकी है। ज़िला मुख्यालय के दान नगर और विश्वनाथ गंज में वर्षों से कई बर्फ फैक्ट्रियां आवासीय इलाके में संचालित हैं, जिनमें इक्के दुक्के ही सरकार द्वारा निर्धारित नियम और कानून का पालन कर आइसक्रीम का निर्माण कर रहे हैं। एफ एस एस ए आई से रजिस्टर्ड भी नहीं है फैक्ट्रियां। अधिकतर तो ध्वनि प्रदूषण, अमोनिया गैस का रिसाव, अखाद्य पदार्थों यथा रंग, फ्लेवर, सैक्रिन, गंदा और अशुद्ध जल का उपयोग और सिंथेटिक दूध आदि का मिलावट कर लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं। फैक्ट्री एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन नहीं, बिजली की चोरी, बाल मजदूरों से लिया जा रहा कार्य आदि कई अनियमितताएं हैं। ज़िला प्रशासन को चाहिए कि ऐसे अवैध रूप से संचालित बर्फ और आइसक्रीम फैक्ट्री की जांच कर छापेमारी करे और गलत कार्य करने वालों पर सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई करे ताकि आम जनता की जिंदगी से कोई खिलवाड़ नहीं कर सके।
सरकार की आंखों में धूल झोंक कर कार्य करने वाले बर्फ और आइसक्रीम फैक्ट्री संचालकों को दंडित भी करने की आवश्यकता हैं। नगर परिषद से भी कई फैक्ट्री निबंधित नहीं है। अगर सही ढंग से उच्चाधिकारी जांच करें तो कई तथ्यों का खुलासा हो जायेगा। जानकर समाज सेवी के अनुसार प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, इंडस्ट्रियल सेफ्टी, हेल्थ डिपार्टमेंट नियमित जांच करे तो जनता का कल्याण हो जायेगा।