नदियों के बिना धरती पर जीवन असंभव-घनश्याम जायसवाल

बदलता स्वरूप गोंडा। नदियाँ एक अत्यंत महत्वपूर्ण जल संसाधन हैं। नदियों के बिना धरती पर जीवन असंभव सा लगता है। नदियाँ हमें शुद्ध पेयजल प्रदान करती हैं। उक्त विचार भाजपा जिला कार्यसमिति सदस्य घनश्याम जायसवाल ने नगर पंचायत तरबगंज रेतादलसिंह सिद्ध पीठ श्री जीतदास बाबा स्थान बगल से बह रही टेढ़ी नदी की साफ सफाई के दौरान अपने विचार व्यक्त किए। जिसमें शिक्षक नेता विजय नारायण पांडेय, अध्यापक मनीष पांडेय, संदीप सिंह, राज सिंह, मदन मोहन जायसवाल व राधा रमन जायसवाल भी टेढ़ी नदी की साफ सफाई में शामिल रहे।
श्री जायसवाल ने नदियों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि नदी हमेशा पूजनीय रही, हम सबका जीवन नदियों के मीठे पानी पर ही निर्भर है। पक्षी और जंगली जानवरों के साथ गाय, बैल, भैंस आदि जानवरों की प्यास नदिया ही बुझाती हैं। मनुष्य नदियों का उपयोग कृषि में सिंचाई के लिए, पीने के लिए, परिवहन के लिए और जलविद्युत बांधों के माध्यम से बिजली उत्पादन के लिए करते हैं। हम नदियों का उपयोग तैराकी और नौका विहार जैसी अवकाश गतिविधियों के लिए भी करते हैं। नदी के पानी का उपयोग किसान खेती के लिए करते हैं। प्राचीन काल से ही सभी सभ्यताओं और नगरों का निर्माण नदियों के तट पर हुआ है। नदियों की वजह से सभ्यताएँ पनपती हैं, बस्तियाँ बसती हैं। नदी घाटियाँ और मैदान उपजाऊ मिट्टी प्रदान करते हैं। नदियों के बिना धरती पर जीवन असंभव सा लगता है। नदियाँ हमें शुद्ध पेयजल प्रदान करती हैं। पारिस्थितिक तंत्र को बनाए रखने और खाद्य श्रृंखला में नदियाँ महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। नदियाँ व्यापार के लिए मार्ग प्रदान करती हैं, हम नदियों का उपयोग जहाजों के माध्यम से सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने के लिए भी करते हैं। हिंदू धर्म में नदियों को पवित्र माना जाता है। हिंदू नदियों को देवी के रूप में पूजते हैं।सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक दृष्टि से नदियों का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है।

बीते कई वर्षों से नदियों की साफ सफाई न होने की वजह से बरसात के समय खेतों की मिट्टी बहकर नदियों की गहराई को कम कर दिया है, जिससे गर्मी के समय में जल सूख जाता है इससे जंगली जानवरों को पशु पक्षियों को पानी की अशुद्ध होने लगती है। घनश्याम जायसवाल ने सरकार से मांग की है कि टेढ़ी नदी की साफ सफाई कराकर इनकी गहराई बढ़ाई जाए, जिससे बरसात के समय में अधिक से अधिक जल नदियों के माध्यम से जल स्तर बढे़। नदियों का गहना पानी है। इसलिए सरकार इन नदियों को साफ सफाई और गहरा बनाने का बड़े स्तर पर कार्य योजना बनाकर पुराने स्वरूप में नदियों को लाया जाए और हम सभी लोगों की भी जिम्मेदारी है की नदी को साफ सुंदर बनाने में सहयोग करें।