वृक्ष मनुष्य के जीवन का मूल आधार है-अपर जिला जज

बदलता स्वरूप गोंडा। विश्व पर्यावरण दिवस पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव नितिन श्रीवास्तव अपर जिला जज/एफटीसी की अध्यक्षता में लार्ड कृष्णा जूनियर हाईस्कूल पोेर्टरगंज, जनपद गोण्डा में प्रबन्धक दिलीप कुमार पाठक तथा टेली लाॅ पैनल अधिवक्ता अविनाश चन्द्र श्रीवास्तव की उपस्थिति में एक जागरूकता शिविर कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस जागरूकता शिविर कार्यकम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के सचिव द्वारा शिविर में उपस्थित बच्चे, महिलायें एवं पुरूषों को सम्बोधित करते हुये कहा गया कि प्रत्येक वर्ष 05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने 05 जून 1972 को स्वीडन की राजधानी स्टाकहोम में पहला पर्यावरण दिवस मनाया था। तब से लगातार 05 जून को विश्व पर्यावारण दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की थीम ‘‘सोल्युशन फार प्लास्टिक पोल्युशन‘‘ है। वृक्ष मनुष्य के जीवन का मूल आधार है। वृक्षों के बगैर मनुष्य का जीवन असम्भव है क्योंकि वृक्षों से ही हमें आक्सीजन मिलती है तथा वृक्ष वातावरण की कार्बन डाई आक्साइड को अवशोषित करते हैं, जिसके कारण धरती का तापमान नियंंत्रित रहता है। इसके अतिरिक्त वृक्ष की जडें धरती के अन्दर गहराई तक जाकर धरती के अन्दर वर्षा के पानी को जाने के लिये एक रास्ता प्रदान करती है। वृक्षों की वजह से ही बरसात होती है तथा वर्षा का जल धीरे-धीरे धरती के अन्दर जाता है। यही जल हमारे लिये भूगर्भित जल होता है, जिसका उपयेाग हम पेयजल के रूप में करते हैं। आज हम सब लोग नलकूप कुआं, समर सेविल के माध्यम से ही भूमिगत जल का उपयोग पेयजल एवं अन्य कार्याें के लिये करते हैं। अगर धरती पर वृक्ष नही होंगे, तो मनुष्यों के जीवन के लिये आवश्यक आक्सीजन एवं जल नही होगा। पर्यावरण को सबसे ज्यादा नुकसान असीमित वृक्ष कटान एवं गैर टिकाऊ प्लास्टिक के उपयोग से हुआ है। वृक्ष कटान की तो भरपायी हम नये वृक्ष लगाकर कर सकते है, किन्तु गैर टिकाऊ प्लास्टिक से बने सामान के उपयोग से होने वाले नुकसान की भरपायी नही की जा सकती क्योंकि यह न क्षय होने वाला उत्पाद है। गैर टिकाऊ प्लास्टिक की मांग दिन-प्रतिदिन बढती जा रही है, जिस कारण इनका उत्पादन भी बढता चला जा रहा है। हालांकि इस पर प्रतिबन्ध भी लगाया गया है, इसके बावजूद भी इसका उत्पादन एवं खपत लगातार बढती जा रही है। गैर टिकाऊ प्लास्टिक के कारण हमारे जलश्रोत यथा कुआं, तालाब, नदी प्रदूषित हो रही हैं। नदी, जल श्रोतों का पानी पशुओं के पीने योग्य भी नही रह गया है, जिस कारण मनुष्य के साथ-साथ पशुओं के ऊपर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ रहा है। गैर टिकाऊ प्लास्टिक यथा पन्नी, चाय पीने वाले कप, पानी वाले गिलास, प्लास्टिक से बने थैले, प्लास्टिक से बनी चटाइयों इत्यादि छोटे-छोटे टुकड़ों में टूटने के पश्चात हवा के द्वारा वे खेतों में पंहुचकर मिट्टी के साथ मिलकर मिट्टी उर्वरा शक्ति को प्रभावित करते हैं। इस प्रकार गैर टिकाऊ प्लास्टिक का उपयोग हमारे जीवन, पेड़-पौधे, खेत-खलिहान, व पशुओं पर दुष्प्रभाव डालते हैं, जिसका प्रभाव हम सब लोगों पर पड़ता है। आज विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर हम सब लोग यह संकल्प लें कि हम अपने-अपने जन्मदिन पर एक-एक वृक्ष अवश्य लगायेंगें तथा आज से हम लोग गैर टिकाऊ प्लास्टिक से बने उत्पादों का कम से कम प्रयोग करेंगें।

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रबन्धक दिलीप कुमार पाठक द्वारा शिविर को सम्बोधित करते हुये कहा गया कि विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर हम सभी लोगों को एक-एक वृक्ष लगाना चाहिये तथा उन वृक्षों का तब तक ध्यान देना चाहिये जब तक कि वे धरती पर मजबूती से जड़ नही पकड़ लेते। हम सब लोगों को फलदार एवं छायादार वृक्ष लगाना चाहिये। वृक्ष ही जीवन का आधार है। गांवो में शहरों की अपेक्षा अधिक मात्रा में आक्सीजन होने के कारण कोविड काल के दौरान शहर में रहने वाले लोग शुद्ध आक्सीजन के लिये गांवों में रहने के लिये वापस लौट आये थे। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा से अनुरोध है कि वे विद्यालय के प्रांगण में एक आम का वृक्ष लगायें तथा इसी के साथ विद्यालय में पढने वाली वाली छात्राओं में से 02 छात्रा नैना शुक्ला एवं उर्मिला शुक्ला भी विद्यालय प्रांगण में एक अमरूद का वृक्ष लगायें। इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के कनिष्ठ लिपिक कन्हैया लाल तिवारी एवं अंकित वर्मा, संजय कुमार यादव व पराविधिक स्वयं सेवक रहमत अली तथा अन्य लोग उपस्थित रहे। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के टेली लाॅ प्रोजेक्ट अधिवक्ता तथा कार्यरत कर्मचारीगण द्वारा जनपद न्यायालय गोण्डा के प्रांगण में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से संलग्न भूमि पर 04 वृक्षों का रोपड़ किया गया।