आपदा के दौरान सभी अधिकारी टीम भावना के साथ कार्य करके बाढ़ पीड़ितों की करें मदद-जिलाधिकारी

बदलता स्वरूप श्रावस्ती। जिलाधिकारी कृतिका शर्मा की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में सम्भावित बाढ़ के मद्देनजर राहत एवं बचाव कार्य से सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों के साथ तैयारी बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि किसी भी आपदा के आने से पूर्व व बाद की कार्ययोजना बनाकर जनसमुदाय को राहत पहंुचाना हम सभी का कर्तव्य है। सम्भावित बाढ एवं अतिवृष्टि को दृष्टिगत रखते हुए राहत एवं बचाव कार्य से जुडे़ सभी सम्बन्धित विभागीय अधिकारी अपनी-अपनी कार्य योजना विगत वर्षो में आयी बाढ़ के अनुभव के आधार पर तैयार कर लें ताकि यदि जिले में अचानक बाढ़ भी आ जाती है तो तत्काल बाढ़ पीड़ितों को राहत एवं सहायता प्रदान की जा सके। उन्होने कहा कि विगत वर्षो में आयी बाढ़ के अनुभव के आधार पर कितने गॉवों बाढ़ से प्रभावित हुए थे, सम्बन्धित विभागीय अधिकारी उन गांवों का दौरा एवं गांव वालों से सीधा संवाद स्थापित कर उनके द्वारा दिये गये सुझाव के आधार पर राहत एवं बचाव कार्य के लिए पूरी तैयारी चाक-चौबन्द कर ली जाए, ताकि यदि बाढ़ भी आ जाती है तो तत्काल बाढ़ पीड़ितों की मदद और सहायता करके उन्हें सुरक्षित किया जा सके। उन्होने कहा कि आपदा के दौरान सभी अधिकारी टीम भावना के साथ कार्य करके बाढ़ पीड़ितों की मदद करें। जिलाधिकारी ने कहा कि विगत वर्षो में आयी बाढ़ के दौरान कितने क्यूसेक पानी बाढ में आया था। उसी के मद्देनजर राहत एवं बचाव कार्य के सभी तैयारियां चाक चौबन्द कर ली जाए, ताकि सम्भावित बाढ़ यदि आ भी जाती है, तो तत्काल बाढ़ प्रभावित गाँवों में बाढ़ पीड़ितों को राहत मुहैया करायी जा सके।

राहत एवं बचाव कार्य से जुड़े सभी सम्बन्धित अधिकारी इसको ध्यान में रखते हुए विभागीय कार्ययोजना तैयार करेंगे। उन्होंने कहा कि जिन बन्धों एवं स्पर का मरम्मत कार्य चल रहा है, सम्बन्धित अधिशासी अभियंता को उसे युद्ध स्तर पर पूरा कराने का निर्देश उन्होंने दिया है। उन्होंने अधिशासी अभियंता बाढ़ कार्य खण्ड को निर्देश दिया है कि वे जिले में स्थापित सभी बांधों/स्परों का बारीकी से अपने टीम के साथ निरीक्षण करके बारीकी से देख लें, यदि कहीं मरम्मत की जरूरत है तो उसे भी तत्काल करवा दें। उन्होने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि बाढ से प्रभावित होने वाले गॉव में राहत शिविर की स्थापना अधिकारियो-कर्मचारियों की तैनाती नाव एवं नाविक की सूची ब्लाक एवं ग्राम आपदा प्रबन्धन समिति का गठन, जीवनरक्षक उपकरण, मोटरवोट, बाढ़ चौकियों, नाव, गोताखोर आदि की व्यवस्था हेतु पहले से ही भौतिक सत्यापन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होने बाढ खण्ड के अभियंताओं को निर्देश दिया है कि सभी बन्धों के उचित स्थान पर पर्याप्त बोल्डर, बालू की बोरी, नाइलान एवं जियायीक्रेट की व्यवस्था करें। उन्होने विद्युत विभाग के अभियन्ताओं को निर्देश दिया कि बाढ क्षेत्र में बिजली के खम्भे एंव तारों को मजबूत करें। बाढ आने की स्थिति में विद्युत आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था भी करें। उन्होने राहत वितरण/खाद्यान्न सामाग्री का पैकेट आदि वितरण के सम्बन्ध में जो निविदा पास होती है, उन फर्मो को भी सम्बन्धित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए पहले से ही बता दिया जाए। उन्होने निर्देश दिया है कि सभी 18 बाढ़ चौकियों पर स्वास्थ्य टीम की व्यवस्था के साथ-साथ बरसात के दिनों में होने वाली संक्रामक बीमारियों से बचाव हेतु तथा यदि किसी भी व्यक्ति के बाढ़ के दौरान सांप काट लेता है तो उनसे बचाव हेतु एंटीवेनम सहित अन्य व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरूस्त रखा जाए। सम्भावित बाढ़ को देखते हुए पशुओं को चारे की कोई दिक्कत न होने पावे, इसके लिए भूसा के इंतेजाम की आवश्यक कार्यवाही तथा पशुओं को बरसात के दिनों में होने वाली बीमारियों के बचाव हेतु शत-प्रतिशत टीकाकरण कराने हेतु मुख्य पशुचिकित्साधिकारी को निर्देश दिया। उन्होने कृषि विभाग को निर्देश दिया है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत बाढ क्षेत्र के सभी पात्र व्यक्तियों का बीमा कराना सुनिश्चित करें। साथ ही बाढ आने की दशा में वैकल्पिक धान एवं अन्य बीजों की व्यवस्था रखें। उन्होने बताया है कि जिले के सम्भावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के ऐसे गाँव जहां पर बाढ़ के आने की प्रबल सम्भावना रहती है, इन गांवों में निवास करने वाले व्यक्तियों की सूची बनायी जाए, जो सम्भावित आपदा आने के दौरान पहले ही उनके नम्बर पर सन्देश भेज कर अलर्ट कर दिया जायेगा। जिलाधिकारी ने जिला पंचायत राज विभाग के अधिकारी को निर्देश दिया है कि जिले के विद्यालयों में स्थापित शौचालयों एवं पेयजल के लिए स्थापित हेण्डपम्प वाले स्थलों की साफ-सफाई करा दिया जाए। तथा उन्होंने दोनो नगर निकायों के अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि उनके यहां जो पेयजल हेतु टैंकर है उनकी बेहतर ढंग से साफ-सफाई करा ली जाए, ताकि यदि सम्भावित बाढ़ भी जब कभी आती है तो बाढ़ पीड़ितों के लिए स्थापित शरणालयों में पेयजल हेतु टैंकर भेजा जा सके। जिलाधिकारी ने सभी उपजिलाधिकारियों/तहसीलदारों/नोडल अधिकारियों एवं बाढ़ चौकी प्रभारियों को निर्देश दिया है कि वे राप्ती के घटते-बढ़ते जलस्तर पर पैनी नजर रखते हुए अपने-अपने क्षेत्रों में व्यापक निगरानी रखें। सम्भावित बाढ़ के मद्देनजर नाव और नाविकों की सूची एवं उनका मोबाइल नम्बर, स्कूलों में तैनात रसोईयां, सफाईकर्मी, रोजगार सेवक एवं गांवों में तैनात अन्य कर्मचारियों की भी सूची एवं मोबाइल नम्बर अपडेट रखें, ताकि जरूरत पड़ने पर इन लोगों की सहायता ली जा सके। बैठक का संचालन अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) अमरेन्द्र कुमार वर्मा ने किया।

इस अवसर पर उपजिलाधिकारी क्रमशः इकौना सालिकराम, जमुनहा पी0के0 राय, उपजिलाधिकारी भिनगा आशुतोष, उपजिलाधिकारी रोहित, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 एस0पी0 तिवारी, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा0 मानव, अधिशासी अभियंता बाढ़ कार्य खण्ड विनोद कुमार गुप्ता, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग एस0के0 हरित, अधिशासी अभियंता सरयू नहर खण्ड-6 के सहायक अभियंता अशोक कुमार, आपदा विशेषज्ञ अरूण कुमार मिश्र, आपदा लिपिक विपिन चटर्जी सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के अधिकारी/कर्मचारीगण उपस्थित रहे।