बार-बार गर्भपात कराने से कमजोर होती है शरीर-डॉ दीपमाला
बदलता स्वरूप गोंडा। गर्भनिरोधक अस्थाई साधनों में ‘अंतरा’ इंजेक्शन महिलाओं की पहली पसंद बन गई है। हर तीसरे महीने लगाया जाने वाला यह अस्थायी गर्भनिरोधक साधन न सिर्फ अनचाहे गर्भधारण को रोकने में कारगर है बल्कि परिवार की खुशहाली के लिए अंतरा इंजेक्शन जहां दो बच्चों के बीच अंतर रखने का बेहतर विकल्प है, वहीं इसमें मौजूद प्रोजेस्टेरोन हार्मोंस महिलाओं में गर्भाशय, अंडाशय व स्तन कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से भी रक्षा करता है।
जिला महिला अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ दीपमाला का कहना है कि बार-बार गर्भपात कराने से महिला का शरीर कमजोर होता है। ऐसे में महिलाओं को अस्थायी साधनों का इस्तेमाल करना समझदारी का काम है। इन साधनों में अंतरा इंजेक्शन को काफी महिलाएं पसंद कर रही हैं। इसके इस्तेमाल से एनीमिया व कैंसर से भी बचाव होता है। उनका कहना है कि महिला का शरीर हर महीने गर्भ के विकास के लिए तैयार होता है, लेकिन अंतरा लगने के बाद गर्भाशय हर माह तैयार नहीं होता और कुछ समय माहवारी अनियमित होने के साथ बंद भी हो जाती है। इससे यह पता चलता है कि इंजेक्शन सही ढंग से काम कर रहा है। जब महिला पुन: गर्भधारण करना चाहेगी और अंतरा विधि को बंद करेगी, तो माहवारी चक्र पुन: शुरू हो जाएगा। परसपुर सीएचसी क्षेत्र के चरौंहा मौजे की रहने वाली लगभग 33 वर्षीय राजवंती ने बताया मेरे पांच बच्चे हैं। अब मुझे बच्चा नहीं चाहिए था। सास के साथ परसपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर बच्चे का टीकाकरण कराने गयी, तो स्टाफ नर्स दृष्टि ने परिवार नियोजन के साधनों के बारे में समझाया और जानकारी दी, जिसके बाद अपनी पसंद से अंतरा इंजेक्शन चुना। अब तक अंतरा के तीन डोज लगवा चुकी हूं। मुझे अंतरा लगवाने के बाद कोई परेशानी नहीं हुई। जिला परिवार नियोजन एवं सामग्री प्रबंधक सलाहुद्दीन लारी ने बताया कि किशोरावस्था से लेकर 49 वर्ष की महिला (चाहे उन्हे बच्चे हों अथवा नहीं), जिनका हाल ही में गर्भपात हुआ हो, स्तनपान कराने वाली महिला (प्रसव के छह सप्ताह बाद) तथा एचआईवी से संक्रमित महिला (चाहे इलाज करा रही हो अथवा नहीं) अंतरा चुन सकती हैं ।
प्रसव के छह सप्ताह बाद, माहवारी शुरू होने के सात दिन के अंदर तथा गर्भपात होने के तुरंत बाद या सात दिन के अंदर अंतरा लगवाने का सही समय होता है। जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बताया कि अंतरा तीन महीने में सिर्फ एक बार लेने की आवश्यकता होती है, जो महिलाएं गोली नहीं खा सकतीं, उनके लिए अच्छा विकल्प है। हर डोज 3 माह की सुरक्षा देता है। इसे बंद करने के पश्चात गर्भधारण में कोई समस्या नहीं होती। कुछ मामलों में माहवारी के ऐंठन को कम करता है। पहले से चल रही किसी भी दवा के साथ इसे लिया जा सकता है। गर्भाशय व अंडाशय के कैंसर से बचाता है। परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल / एसीएमओ डॉ एपी सिंह ने बताया कि अंतरा अपनाने वाली प्रत्येक लाभार्थी महिला को प्रति डोज 100 रुपए देने का प्रावधान है। अंतरा सभी सीएचसी, पीएचसी व हेल्थ वेलनेस सेंटरों पर उपलब्ध है। जनपद में वित्तीय वर्ष 2021-22 में अंतरा इंजेक्शन के 6306 डोज, 2022-23 में 11311 डोज तथा चालू वित्तीय वर्ष में अब तक 1246 डोज अंतरा लगवाकर महिलाएं खुशहाल जीवन जी रही हैं।
Badalta Swaroop | बदलता स्वरुप Latest News & Information Portal