मनकापुर में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन संपन्न

बदलता स्वरूप गोंडा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के सचिव नितिन श्रीवास्तव अपर जिला जज/एफटीसी के निर्देशों के अनुक्रम में तहसील मनकापुर के गोविन्द प्रसाद शुक्ल इन्टर कालेज गौरा चौकी में वरिष्ठ नागरिकों के अधिकार, प्रीलिटिगेशन स्तर के वैवाहिक वाद व मध्यस्थता के लाभ विषय पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर की अध्यक्षता कर रहे नायब तहसीलदार द्वारा उपस्थित लोगों को वरिष्ठ नागरिकों के अधिकार के बावत उत्तराधिकार एवं भरण पोषण अधिनियम की जानकारी देते हुए यह बताया गया कि उत्तराधिकार एवं भरण पोषण अधिनियम, 1956 की धारा 20, वृद्धजनों को अपने बच्चों से भरण-पोषण प्राप्त करने का प्रावधान करती है। धारा 23 में न्यायालय के द्वारा भरण पोषण की धनराशि निर्धारित करने के सम्बन्ध में उपबन्ध दिये गये हैं। वर्तमान में न केवल पुत्र बल्कि पुत्रियों पर भी अपने माता-पिता के भरण-पोषण का दायित्व दिया गया है। यहां तक कि न केवल नैसर्गिक माता-पिता बल्कि दत्तक माता-पिता भी भरण-पोषण प्राप्त कर सकते हैं। आगे यह भी बताया गया कि जो वृद्ध अपने उत्तराधिकारी या रिश्तेदार को उपहार स्वरूप या फिर उनका हक मानते हुए अपनी सम्पत्ति उन्हें अन्तरित कर देते हैं तत्पश्चात उन्हंे भरण पोषण एवं स्वास्थ्य सम्बन्धी आवश्यकताओं की प्राप्ति नही होती है, तो वह विधि अनुसार अपनी सम्पत्ति वापस प्राप्त कर सकते हैं और सम्पत्ति का अन्तरण रद्द करवा सकते हैं। इसके अतिरिक्त नायब तहसीलदार द्वारा मध्यस्थता के लाभ एवं प्रीलिटिगेशन स्तर के वैवाहिक वाद के निस्तारण के सम्बन्ध में भी जानकारी प्रदान की गयी। शिविर में उपस्थित पषु चिकित्सा अधिकारी द्वारा आमजन को पशुओं के संरक्षण एवं सुरक्षा के बावत जानकारी देते हुये बताया गया कि पशु हमारे लिये आय के साधन होने के साथ-साथ बहुत ही उपयोगी हैं, जिनसे हम लोगों को तमाम प्रकार से लाभ मिलते हैं, इसलिये हमें पषुओं के संरक्षण एवं सुरक्षा करनी चाहिये। विधिक साक्षरता शिविर के दौरान प्रोबेषन अधिकारी, पशु चिकित्सा अधिकारी व भारी संख्या में ग्रामवासी उपस्थित रहे।