बदलता स्वरूप गोण्डा। नगर के तिवारी पुरवा स्थित कौमारी मन्दिर में चल रही श्रीमद्देवी भागवत कथा के षष्टम दिवस पर कथा पीठाधीश्वर रविशंकर महाराज गुरुभाई ने कहा कि
जिस घर में तुलसी होती हैं, वहाँ यम के दूत भी असमय प्रवेश नहीं कर सकते। कौमारी माता मंदिर वार्षिकोत्सव में कथा प्रसंग के अनुसार श्री तुलसी एवं शालिग्राम विवाह उत्सव बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया। व्यास पीठ पर विराजमान गुरुदेव ने देवी के महात्म्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मां भगवती का स्वरूप अष्ट भुजाओं पर केन्द्रित है। जिसमें समस्त देवी देवताओं की शक्तियां समाहित है। देवी की साधना करने से मनुष्य को अपने जीवन की सभी खुशियां वापस मिलती है। मनुष्य ऊर्जावान होकर जीवन में समस्त लौकिक सुखों का उपभोग करता है। असुरों के युद्ध के दौरान मां देवी भगवती के विराट सुन्दर रूप का वर्णन करते हुए कथा व्यास ने मनुष्य को संयम, संकोच, धार्मिक, आचरण, बोध, ज्ञानवान, करुणा भाव तथा मैत्री गुणों को धारण करने की शिक्षा दी। उन्होंने कहा कि देवी भागवत पुराण के अनुसार माँ भगवती की आराधना से गृहस्थ जीवन सुखमय रहता है। मां कात्यायिनी की भक्ति और उपासना द्वारा मनुष्य को बड़ी सरलता से अर्थ, धर्म, काम,मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति हो जाती है। उसके रोग,शोक, संताप और भय आदि सर्वथा नष्ट हो जाते है।
इस अवसर पर मुख्य यजमान सीता पत्नी विश्वकर्मा कसौधन, समाजसेवी संदीप मेहरोत्रा, रमेश गुप्ता सुखदेव गुप्ता, जितेश सिंगल, पप्पू, अरुण मिश्रा, अरविंद प्रजापति, प्रकाश आर्य हीरो सभासद, डॉक्टर अमित गुप्ता, डॉक्टर परमानंद, कृष्ण मोहन अग्रवाल, दीपेंद्र मिश्रा, अजय मिश्रा, पप्पू सोनी, दीपक गुप्ता, डॉक्टर किशन जयसवाल, के पी सिंह, संजय गुप्ता, डॉक्टर अनिल आदि मौजूद रहे।
Badalta Swaroop | बदलता स्वरुप Latest News & Information Portal