थोक उवर्रक विक्रेताओं को उपलब्ध करायी जाय एफपीओ की सूची
बदलता स्वरूप बहराइच 22 जून। जनपद के कृषकों को गुणवत्तायुक्त उर्वरकों की उपलब्धता निर्धारित दर पर सुनिश्चित कराने, जमाखोरी व कालाबाजारी पर प्रभावी रोक तथा अन्य उत्पादों की टैगिंग पर अंकुश लगाए जाने हेतु शासन के निर्देश पर जिलाधिकारी मोनिका रानी की अध्यक्षता मे बुधवार को देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक सम्पन्न हुई। डीएम ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिया कि उर्वरक की तस्करी पर प्रभावी अंकुश लगाए जाने हेतु सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जाय। डीएम ने कहा कि उर्वरक की तस्करी से सम्बन्धित मामले संज्ञान में आने पर दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाए।
डीएम ने निर्देश दिया कि लाइसेंस लेने के पश्चात कार्य न करने वाले लाइसेन्सधारकों को चिन्हित कर उनके लाइसेन्स नियमानुसार रद्द करने की कार्यवाही की जाय। डीएम ने यह भी निर्देश दिया कि जनपद में गठित किसान संगठनों (एफपीओ) को उवर्रक बिक्री के लिए थोक उवर्रक विक्रेताओं को एफपीओ की सूची उपलब्ध करा दी जाए। डीएम ने कहा कि इस कार्य को खरीफ सीजन से ही सुनिश्चित करा लिया जाय। डीएम ने थोक उवर्रक विक्रेताओं को निर्देश दिया कि यथाशीघ्र कृषि विभाग को एकनालेजमेन्ट उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। बैठक के दौरान जिला कृषि अधिकारी द्वारा जनपद में उर्वरकों की उपलब्धता, पीओएस मशीन से उर्वरकों के वितरण, उर्वरक प्रतिष्ठानों के जियो टैगिंग कराने व प्रवर्तन सम्बन्धी की गयी कार्यवाही की जानकारी दी गई।
डीएम मोनिका रानी बैठक में मौजूद थोक उर्वरक विक्रेताओं को निर्देशित किया गया कि नेपाल सीमा पर तस्करी में लिप्त किसी भी व्यक्ति अथवा व्यवसाई को उर्वरकों की आपूर्ति कदापि न की जाये अन्यथा दोषी पाये गये थोक व्यापारियों के विरूद्ध भी कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी। डीएम ने सभी विक्रेताओं को सचेत किया कि प्रचलित उर्वरकों के साथ अन्य उत्पादों की टैगिंग कदापि न की जाए। जिले के सभी थोक विक्रेता निर्धारित दरों पर ही फुटकर विक्रेताओं को उर्वरकों की आपूर्ति सुनिश्चित करें जिससे शासन की मंशानुरूप कृषकों को निर्धारित मूल्य पर उर्वरक उपलब्ध हो सके।
बैठक के दौरान डीएम द्वारा पीसीएफ के बफर गोदाम के भण्डारण की क्षमता बढ़ाने हेतु भी जिला प्रबन्धक पीसीएफ को आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया। डीएम द्वारा निर्देश दिय गये कि उर्वरकों की शतप्रतिशत बिक्री पीओएस मशीन के माध्यम से कृषक को उनकी जोत बही के अनुसार ही की जाय। डीएम ने जिले के सभी थोक उर्वरक विक्रेताओं को सचेत किया कि अपने पास अनावश्यक उर्वरक का भण्डारण कर कृत्रिम अभाव जैसी स्थिति पैदा नहीं करेंगे अन्यथा सम्बन्धित विक्रेता के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी कविता मीना, उप निदेशक कृषि टी.पी. शाही, जिला कृषि अधिकारी सतीश कुमार, ए.आर. कोआपरेटिव संजीव तिवारी सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी, थोक उर्वरक विक्रेता तथा उर्वरक आपूर्तिकर्ता कम्पनी के प्रतिनिधि व अन्य सम्बन्धित मौजूद रहे।
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