बदलता स्वरूप गोंडा। संचार विहार आई टी आई मनकापुर में सन्तोष बाजपेयी अपनी लान में नाशपाती का पौध पत्नी अनुपम के साथ रोपित किया। पर्यावरणविद सन्तोष कुमार बाजपेयी ने कहा कि शादी की बाइसवी सालगिरह पर पत्नी अनुपम मन्दिर जाने के बाद जहा भी होती है पौधरोपित करना नही भूलती और पर्यावरण संरक्षण में हमारा सहयोग करती हैं वृक्षारोपण को संस्कार से जोड़ने के अभियान में लोग अब अपने शुभ दिनों पर पौधरोपण करने के अभियान में शामिल होने लगे है। श्री बाजपेयी लोगों को जन्म दिन शादी के दिन शुभ अवसरों पर पौध लगाने का अभियान चला रहे हैं। वृक्षारोपण संस्कार के रूप में अपनाया जाने लगे यही सपना वृक्ष मित्र बाजपेयी नाम से मशहूर सन्तोष बाजपेयी का सपना है। 3 जून 1990 से जीवन बचाओ आंदोलन सन्तोष कुमार बाजपेयी के मार्गदर्शन में मानव में हीन हो रही पर्यावरण संवेदना को समाज के प्रत्येक नागरिक में जाग्रत करने का अभियान चलाया जा रहा है।
30 जून 2001 को अपनी शादी के अवसर पर परिणय पौध की शुरुवात श्री बाजपे्यी ने की अब हर शादी के अवसर पर वर कन्या से लगवाते हैं परिणय पौध इन्हीं प्रयासों के लिए श्री बाजपेयी को २००२ का इन्द्रा प्रियदर्शनी वृक्ष मित्र राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है।