सभी लोगों की भागीदारी से ही संचारी रोग अभियान पूर्णतया सफल होगा- डॉ. पूजा जायसवाल
बदलता स्वरूप गोंडा। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पंडरी कृपाल के सभागार में स्वास्थ्य विभाग तथा बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की संयुक्त बैठक हुई। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ पूजा जायसवाल व बाल विकास परियोजना अधिकारी अभिषेक दुबे ने संयुक्त रूप से बैठक की अध्यक्षता की । इस मौके पर सीडीपीओ अभिषेक ने बताया कि दोनों विभागों के इस संयुक्त बैठक का उद्देश्य आपसी समन्वय स्थापित कर संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं संभव में शासन द्वारा निर्धारित किये गए लक्ष्यों को समय से हांसिल करना है।
सीडीपीओ ने बताया कि वर्तमान में चल रहे संचारी रोग नियंत्रण अभियान का काफी प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। दोनों अभियान की सफलता बाल विकास व स्वास्थ विभाग के संयुक्त प्रयास से ही संभव है। कुपोषण दूर करने के लिए समन्वित प्रयास एवं सहभागिता से कार्य करेंगे, तभी जिला कुपोषण मुक्त हो सकता है। इसके लिए हर परिवार को जागरूक करना होगा। बच्चे को कैसे स्वस्थ रखा जाए, इस संबंध में प्रथम पंक्ति के कार्यकर्ता (आशा, एएनएम और आंगनबाड़ी) परिवार के सदस्यों के बीच चर्चा करें और स्वास्थ्य संबंधी आवश्यक सलाह दें। संभव अभियान का उद्देश्य केवल बच्चे को सुपोषित करने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि बच्चे के जीवन भर के लिए स्वस्थ जीवन का आधार तैयार करना है, जिससे इन प्रयासों के दूरगामी सकारात्मक परिणाम मिले। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ पूजा जायसवाल ने कहा कि संचारी रोगों तथा दिमागी बुखार पर नियंत्रण एवं सही समय पर इलाज सुनिश्चित करना स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिकता में है। सभी लोगों की भागीदारी से ही यह अभियान सफल हो पाएगा। मच्छरजनित बीमारियाँ जैसे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, जापानी इंसिफेलाइटिस से बचना है, तो हमें यह प्रयास करना चाहिए कि मच्छर पनपने ही न पाएं, इसके लिए सभी को प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अभियान के तहत आमजन को मच्छरजनित बीमारियों से बचाव, साफ सफाई के महत्व के बारे में जागरूक किया जाएगा। दस्तक अभियान के दौरान आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर बुखार के रोगियों, टीबी के लक्षण वाले व्यक्तियों, खांसी जुकाम, कुपोषित बच्चों, फाइलेरिया एवं कुष्ठ रोगियों की सूची बनाएंगी।
इसके साथ ही क्षेत्रवार ऐसे मकानों की सूची भी बनायेंगी, जहां घरों के भीतर मच्छरों का प्रजनन पाया गया है। आशा कार्यकर्ता उन घरों के प्रमुख स्थानों पर स्टीकर लगायेंगी, जिन घरों में 15 वर्ष से कम आयु के बच्चे हैं या संभावित क्षय रोग के लक्षणयुक्त व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ता लोगों को इस बात के लिए जागरूक करें एवं यह जरूर सुनिश्चित करें कि बुखार होने पर खुद से कोई इलाज न करें, नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर बुखार की जांच कराएं। मच्छरों से बचाव के लिए लोगों को अपने घर व आस-पास साफ सफाई रखनी चाहिए। खुले में शौच न करें। कूलर और फ्रिज के ट्रे की समय-समय पर सफाई करते रहना चाहिए | कहीं भी पानी इकट्ठा न होने दें। गमले की ट्रे, पुराने टायर, टूटे बर्तन आदि को हटा दें या उनकी सफाई करें। मच्छररोधी क्रीम लगाएं, पूरी बांह के कपड़े पहनें और मच्छर दानी लगाकर सोएं व घर के दरवाजे और खिड़कियों में जाली का उपयोग करें। डॉ पूजा के द्वारा सभी को निर्देशित किया गया कि ई-कवच पर जितने भी सैम बच्चों की सूची बाल विकास से मिल रही है, तत्काल रुप से उनकी पोर्टल पर फीड करें। साथ ही उन बच्चों का स्वास्थ्य प्रबन्धन भी सुनिश्चित करें, ताकि उन्हें कुपोषण से चक्र से निकला जा सके। इसी क्रम में अभिषेक दुबे ने सभी लोगों के साथ सैम बच्चों और उनमें आने वाली समस्याओं के प्रति चर्चा की एवं आग्रह किया कि दोनों विभाग को मिलकर काम करना है।
विशेष रूप से वर्तमान में चल रहे संचारी अभियान में आशा और आगनबाडी मेहनत से काम करेंगी, तो संक्रामक रोगों को नियंत्रित में सफल रहेंगे और बहुत हद तक कुपोषण की रोकथाम भी हो जाएगी। बैठक में सभी एएनएम ने अपनी-अपनी समस्याएं भी रखीं, जिनके यथाशीघ्र निस्तारण का आश्वासन भी दिया गया। बैठक में मुख्य सेविका, पोषण अभियान के ब्लॉक कोऑर्डिनेटर, क्षेत्र की समस्त एएनएम व डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ तथा यूपीटीएसयू के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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