एसीएमओ ने सारथी वाहनों को दिखाई हरी झंडी
बदलता स्वरूप गोंडा। छोटा परिवार खुशहाली का आधार है। कम संसाधनों में सीमित परिवार रख कर बच्चों और परिवार को बेहतर भविष्य दिया जा सकता है। इसके अलावा मातृ व शिशु स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में भी परिवार नियोजन की अहम भूमिका है। ऐसे में जिन लोगों का परिवार पूरा हो गया है, वह नसबंदी का स्थायी साधन अपना सकते हैं। इसके लिए परिवार नियोजन की जिम्मेदारी सिर्फ महिलाओं की न हो बल्कि पुरुष भी इसे लेकर चिंतित रहें, समझें और जिम्मेदारी उठाएं, तो जनसंख्या स्थिरता व परिवार की खुशहाली से जुड़ी कई समस्याओं से निपटा जा सकता है। उक्त बातें मंगलवार को अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व परिवार कल्याण सेवाओं के नोडल अधिकारी डॉ आदित्य वर्मा ने कही। उन्होंने 31 जुलाई तक मनाए जाने वाले जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े के प्रचार-प्रसार के लिए सारथी वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करते हुए कहा कि हर वर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसँख्या दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य बढ़ती जनसंख्या पर ध्यान देना और परिवार नियोजन को लेकर चिंतन करना है। इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ रश्मि वर्मा ने कहा कि महिलायें बच्चों को जन्म देने के साथ ही उससे जुड़ी सभी कठिनाईयों से गुजरती हैं।
इसके अलावा ज्यादातर मामलों में बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी भी महिलाओं को ही उठानी पड़ती है। ऐसे में जब परिवार नियोजन साधनों को अपनाने की बात हो, तो पुरुषों को भी आगे आना चाहिए। इससे जहां महिलाओं को अनचाहे गर्भ से छुटकारा मिलेगा, वहीं योजना के अनुसार ही परिवार आगे बढ़ेगा। डीपीएम अमरनाथ ने बताया कि 27 जून से 10 जुलाई तक दम्पति सम्पर्क पखवाड़ा मनाया गया है। साथ ही आज यानि 11 जुलाई से 31 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जायेगा। उन्होंने बताया कि हर साल की भांति इस साल भी 11 जुलाई को जनसंख्या दिवस आजादी के अमृत महोत्सव में हम लें ये संकल्प, परिवार नियोजन को बनाएंगे, खुशियों का विकल्प के साथ थीम के साथ मनाया जा रहा है। डीसीपीएम डॉ आरपी सिंह ने कहा कि इस दिवस को मनाए जाने का उद्देश्य जनसाधारण को सीमित परिवार के लाभों के बारे में जागरूक करने के साथ ही परिवार नियोजन को गति प्रदान करना है। एनएफएचएस 2019- 2021 के अनुसार 8.7 प्रतिशत महिलाओं ने महिला नसबंदी करवा कर परिवार नियोजित किया था। वहीं, कंडोम 15.9 प्रतिशत पुरषों द्वारा ही प्रयोग किया गया।
पुरुष नसबंदी में जिले का प्रतिशत लगभग शून्य है। जिला परिवार नियोजन एवं सामग्री प्रबंधक सलाहुद्दीन लारी ने बताया की इस वर्ष अप्रैल से लेकर जून तक 280 महिलाओं ने नसबंदी, 3834 ने पीपीआईयूसीडी, 3249 ने आईयूसीडी, 2456 ने अंतरा और 10433 ने छाया जैसे गर्भ निरोधक तरीकों को अपना कर परिवार नियोजित किया है। वरिष्ठ जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ के अनुसार, युवाओं को अनचाही गर्भावस्था के बारे में जागरूक करना, परिवार नियोजन के बारे में परिवारों को जागरूक करना, समाज में व्याप्त लैंगिक असमानता को दूर करना, यौन संक्रमण (एसटीआई/ एडस) के बारे में जागरूक करना तथा हर योग्य दम्पति को परिवार नियोजन की सुविधा उपलब्ध कराना ही हर साल विश्व जनसंख्या दिवस मनाए जाने का उद्देश्य है।

