विकास कार्यों के क्रियान्वयन में टॉप टेन में रहे जनपद – डीएम
बदलता स्वरूप गोण्डा। कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी नेहा शर्मा की अध्यक्षता में जनपद में चल रहे विकास कार्यों, अकांक्षात्मक विकास खण्डों, आधार अनुश्रवण समिति व 50 करोड़ से अधिक लागत के शासकीय भवनों के निर्माण कार्यों की समीक्षा बैठक हुई। बैठक में डीएम ने सिंचाई विभाग, लघु सिंचाई विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पंचायती राज विभाग, पशुपालन विभाग, कृषि विभाग, पूर्ति विभाग, समाज कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, प्रोबेशन विभाग, उद्यान विभाग, दुग्ध विकास विभाग, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग, नगर विकास विभाग, ग्राम्य विकास विभाग, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, सहकारिता विभाग, उद्योग विभाग, श्रम विभाग, वन विभाग, मत्स्य विभाग आदि विभागों की समीक्षा की। जिलाधिकारी ने सभी विभागों के द्वारा चल रही योजनाओं की बिंदुवार समीक्षा की। समीक्षा के दौरान जिन विभागों में कमियां पाई गई उन्हें दूर करने हेतु संबंधित अधिकारी को सख्त निर्देश दिए गये। डीएम ने सभी अधिकारियों से कहा कि मुख्यमंत्री जी की विकास प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों की निगरानी शासन स्तर पर लगातार की जा रही है इसलिये कोई भी विभाग योजनाओं के क्रियान्वयन में बिल्कुल भी लापरवाही ना बरतें। जनपद में चल रही सारी योजनाओं को पात्र लोगों तक आसानी से पहुंचाया जाए जिससे गोंडा प्रदेश में टॉप टेन जनपदों में रहे। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने सीएमओ डॉ रश्मि वर्मा के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं व कार्यक्रमों की गहन समीक्षा की। उन्होंने सीएमओ के निर्देश दिए कि सभी अस्पतालों में मेडिकल स्टाफ शत प्रतिशत उपस्थित रहे। मरीजों को बाहर की दवा बिल्कुल ना लिखी जाए। सभी अस्पतालों में सभी दवाएं मौजूद रहे यदि कहीं से शिकायत मिली तो दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बच्चों व गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण, आयुष्मान भारत के तहत गोल्डन कार्ड, परिवार नियोजन, जननी सुरक्षा योजना, संस्थागत प्रसव, आशाओं के भुगतान, संचारी रोग नियंत्रण अभियान आदि बिंदुओं पर समीक्षा की। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि आयुष्मान कार्ड बनाने की रफ्तार को तेज किया जाए। सभी लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बने और उचित इलाज दिया जाए। आशाओं के माध्यम से सभी गर्भवती महिलाओं का संस्थागत प्रसव कराया जाए।
जिलाधिकारी ने सीवीओ के द्वारा निराश्रित गोवंश व उनके टीकाकरण, ईयर टैगिंग, मुख्यमंत्री गोवंश सहभागिता योजना आदि बिंदुओं पर समीक्षा की, जिसमें उन्होंने कहा कि जनपद में निराश्रित गोवंशो को पकड़कर गौशाला भेजा जाए। सड़क पर निराश्रित गोवंश नहीं मिलने चाहिए। पशुओं का टीकाकरण व ईयर टैगिंग सुनिश्चित की जाए। डीएम ने पूर्ति विभाग की समीक्षा में पाया कि जनपद की 30 उचित दर की दुकानें रिक्त हैं जिस पर जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि इन दुकानों के आवंटन के लिये प्रधानों के साथ बैठक की जाए। डीएम ने कृषि विभाग को किसानों को किसान सम्मान निधि दिलाने तथा उनकी फसलों के नुकसान पर उन्हें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमा धनराशि दिलाने, सिंचाई विभाग को टेल तक पानी पहुंचाने व नहरों की नियमित साफ सफाई करने, पंचायती राज विभाग को सामुदायिक शौचालय बनाने व बंद पड़े हैंडपंपों को रिबोर करने, नगर पालिका को अमृत सरोवर व अमृत पार्क बनाने के निर्देश दिए।
बैठक में मौजूद मुख्य विकास अधिकारी एम अरून्मौली ने भी कहा कि सभी विभाग अपनी योजनाओं को धरातल पर लागू करें। जो विभाग शिथिलता बरतेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बैठक में परियोजना निदेशक, जिला विकास अधिकारी व अन्य सभी जिला स्तरीय अधिकारीगण उपस्थित रहे।