होली पर्व पर केजीवीबी की छात्राओं को मिली पौष्टिक सब्ज़ियो, फलों व गुझिया की मिली सौगात

बहराइच 05 मार्च। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से ‘‘सही पोषण-देश रोशन’’ के सपने को जिलाधिकारी डाॅ. दिनेश चन्द्र के प्रयास से जिले में पंख लग गये है। कस्तूरबा गाॅधी आवासीय बालिका विद्यालय बेगमपुर से प्रारम्भ हुआ अभियान एक सप्ताह में जिले के सभी 14 विद्यालयों तक पहंुच गया। होली पर्व से पूर्व बच्चों केजीवीबी की छात्राओं को नाना प्रकार की पौष्टिक सब्ज़ियों व फलों के साथ पनीर, अचार तथा रंगों के पर्व होली के अवसर पर परम्परागत मिष्ठान ‘‘गुझिया’’ की सौगात के साथ जिले के वरिष्ठ अधिकारी आवासीय विद्यालय पहुॅचें।

जिलाधिकारी डाॅ. दिनेश चन्द्र स्वयं सरकारी अवास पर उगाई पौष्टिक सब्ज़ियों, हरे साग-भाजी, फल, गाय के दूध से तैयार पनीर, अचार एवं गुझिया तथा स्वच्छता किट लेकर केजीवीबी तेजवापुर पहुंचे। यहाॅ पर जिलाधिकारी ने बेटियों को होली पर्व की शुभकामनाएं देते हुए उनकी शिक्षा-दीक्षा के बारे में जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर डीएम डाॅ. चन्द्र ने गांठगोभी सब्ज़ी के बारे में बताया कि यह एक ऐसी सब्ज़ी है जिसमें प्रोटीन से लेकर कार्बाेहाइड्रेट तक, आयरन, पोटेशियम, मैगनिशयम, कैलशियम, एण्टी आक्सिडेन्ट, बीटा कैफेटीन जैसे तत्व पाये जाते हैं। यह सब्ज़ी सुपाच्य होने के साथ वज़न को कम करने में भी मददगार है इसके उपयोग से शरीर से थकान को दूर करने में भी मदद मिलती है। डीएम ने होली पर्व के शुभ अवसर पर सभी बच्चियों के उज्ज्वल के लिए शुभकामनाएं दीं।
इससे पूर्व डीएम डाॅ. दिनेश चन्द्र प्रभारी सीडीओ/डीडीओं महेन्द्र पाण्डेय, उप निदेशक कृषि टी.पी. शाही, डीसी मनरेगा के.डी. गोस्वामी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अव्यक्तराम तिवारी तथा बेसिक शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में अपने गार्डेन से प्राकृतिक रूप से उगाये गये आर्गेनिक टमाटर, हरी सब्ज़ियों में पालक, मेथी, धनिया, गोभी, शलजम, गांठगोभी, गाजर, मूली, बेर, अमरूद, ब्रोकली के साथ कटहल, आंवला इत्यादि को कलेक्ट कर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सौंपा।

इस अवसर पर डीएम ने कहा कि कोई भी प्रयास छोटा या बड़ा नहीं होता है। बल्कि यह इच्छा शक्ति पर निर्भर है कि कोई व्यक्ति को निर्धारित किये गये लक्ष्य को हासिल करने के लिए किस स्तर तक जा सकता है। डीएम ने कहा कि ‘‘मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगर, लोग साथ आते गए, और कारवां बनता गया’’। उन्होंने कहा कि इस सोच के पीछे जिले के कर्मठ एवं परिश्रमी अधिकारियों द्वारा जिस तरह की पहल की गई है उन्हें आशा ही बल्कि पूर्ण विश्वास उनका यह एकल प्रयास एक दिन कारवां की शक्ल ज़रूर अख्तियार करेगा।

जिलाधिकारी डाॅ. चन्द्र ने कहा कि वैसे तो जिले में स्थापित सभी कस्तूरबा विद्यालयों में आवासित बच्चियों के लिए सरकार द्वारा उच्च गुणवत्ता की शिक्षा, खान-पान तथा रिहाईश के बेहतर से बेहतर प्रबन्ध किये गये हैं। लेकिन हमारा भी फर्ज़ है कि हम अपनी सामर्थ के अनुसार जो भी कर सकते हैं वह इन बच्चियों के साथ अवश्य करें। डीएम ने जनपदवासियों, जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों व दानवीरों से अपेक्षा की है कि वह उत्तम को अतिउत्तम बनाने हेतु अपनी सामर्थ के अनुसार हरी एवं पौष्टिक साग सब्ज़ियों को आवासीय विद्यालय में रहने वाली बच्चियों को भेंट करें।
डीएम डाॅ. चन्द्र लोगों को सुझाव दिया कि अपने आवास पर किचेन गार्डेन ज़रूर बनाकर उसमें प्राकृतिक रूप से जैविक सब्ज़ियों एवं फलों का उत्पादन कर स्वयं भी खाएं तथा स्कूलों को भी भेजे। डाॅ. चन्द्र ने कहा कि स्वश्रम के माध्यम से उगायी गयी सब्ज़ियों को दान करने का आनन्द ही कुछ और है। डीएम डाॅ. चन्द्र ने इस अभियान में सहयोग प्रदान करने वाले सभी अधिकारियों के प्रयासों की सराहना की है।
उल्लेखनीय है कि विकास खण्ड चित्तौरा के कस्तूरबा गाॅधी आवासीय बालिका विद्यालय में एसडीएम सदर, महसी में एसडीएम महसी, तेजवापुर में डीएम, रिसिया में जिला परियोजना अधिकारी, कैसरगंज में एसडीएम कैसरगंज, फखरपुर में बीडीओ फखरपुर, हुज़ूरपुर में बीडीओ हुज़ूरपुर, शिवपुर में बीडीओ शिवपुर, बलहा में एसडीएम नानपारा, नवाबगंज में बीडीओ नवाबगंज, विशेश्परगंज में बीडीओ विशेश्वरगंज, पयागपुर में एसडीएम पयागपुर, जरवल में बीडीओ जरवल व मिहींपुरवा अन्तर्गत कुढ़वा में एसडीएम मोतीपुर व वन क्षेत्र में बीडीओ मिहींपुरवा के नेतृत्व में सब्ज़ी, फल एवं मिष्ठान इत्यादि का वितरण किया गया। इस कार्य में सम्बन्धित खण्ड शिक्षा अधिकारियों द्वारा सक्रिय सहयोग प्रदान किया गया।