युवा वर्गों में तेजी से बढ़ रही है हृदय रोग की बीमारी:डॉ ए के श्रीवास्तव

बदलता स्वरूप गोंडा। हमारे देश में मधुमेह व हृदय रोग की बीमारी बड़ी तेजी से फैल रही है। यह बीमारी आजकल युवा वर्गों में अधिक पाई जा रही है, आने वाले वर्षों में हृदय रोग से हर दसवां भारतीय इन रोगों से ग्रसित होगा। आजकल तनाव भरी व भागदौड़ की जिंदगी एवं अनियमित खानपान एक अहम मसला है। इसीलिए हमें एक जिम्मेदार चिकित्सक के रूप में हृदय रोग को प्राथमिक उपचार के साथ-साथ इस बीमारी को बचाने के उपायों के प्रति लोगों को जागरूक करना होगा, यह बात डिवाइन हार्ट मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल लखनऊ के संस्थापक एवं वरिष्ठ कार्डियक सर्जन एस जी पीजीआई पूर्व प्रो डा ए के श्रीवास्तव ने लखनऊ के एक स्थानीय होटल में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए प्रमुख चिकित्सकों के साथ संबोधित करते हुए कही। मुख्य अतिथि के रूप में श्रावस्ती के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ ए पी सिंह ने कहा कि लोगों में हृदय रोग के प्रति जागरूकता का अभाव है, अगर सही समय पर व्यक्ति का उपचार हो जाए तो उस व्यक्ति को गंभीर बीमारी से बचाया जा सकता है, इसीलिए सभी लोग दिल का रखें ध्यान। डॉ अंबिकेश्वर सिंह ने कहा यह बीमारी युवा वर्गों में अधिक पाई जा रही है हार्ट अटैक एक जानलेवा बीमारी है उन्होंने कहा कि इस बीमारी से करीब 25 फ़ीसदी लोगों की मृत्यु हो रही है जबकि शेष अपनी जिंदगी दिल की खराब होने के साथ जीते हैं मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रो डॉ वी एस नारायन ने बताया कि हृदय रोग के मरीजों को छोटी-छोटी सांसे आना, धड़कन तेज हो जाना, उल्टी आने का एहसास, पेट भरा होना, कमजोरी, घबराहट, पैरो में सूजन आदि लक्षण पाए जाते हैं। पदम श्री से सम्मानित पूर्व मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉक्टर मंसूर हसन ने कहा कि इस गंभीर बीमारी से बचने के लिए रोजाना कम से कम 45 मिनट का व्यायाम, खाने में नमक व तेल का सेवन कम, किसी भी प्रकार के तंबाकू के सेवन से बचना चाहिए ब्लड प्रेशर और डायबिटीज को कंट्रोल में रखना चाहिए। वरिष्ठ कार्डियक सर्जन एवं मेडिकल डारेक्टर डॉ पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि सही समय पर दिल की धमनियों के बंद को खोल कर मरीज की जान बचाई जा सकती है, इस बीमारी को कोरोनरी आर्टरीज डिजीज धमनी रोग कहते हैं। डीएम कार्डियोलॉजिस्ट डॉ जैश शर्मा ने कहा कि हृदय रोग की बीमारी एक बड़ी चिंता का विषय है उन्हें सही समय पर सही उपचार की आवश्यकता पड़ती है। कार्यक्रम का संचालन डॉ श्रेया श्रीवास्तव एवं डॉ अभिषेक श्रीवास्तव ने किया।

इस कार्यशाला में गोंडा से आए डॉ जी के सिंह, डॉ ए के उपाध्याय, डा राजेश, डा जय गोविन्द बहराइच से डॉ मलय श्रीवास्तव, डॉ विनय चौहान, डा मुस्ताक, डा दुर्गा प्रसाद, डॉ बी डी वर्मा, डॉ संजय सिंह अनिल श्रीवास्तव, एनके वर्मा, डा प्रशांत, डा राधेश्याम के साथ प्रदेश के प्रतिष्ठित सैकडो डॉ उपस्थित थे।