वृद्धजनों की सहूलियत में न आए कोई कमी-एडीजे नितिन श्रीवास्तव

वृद्ध आश्रम में लगाई गई साक्षरता शिविर

बदलता स्वरूप गोंडा। जनपद न्यायाधीश ब्रजेन्द्र मणि त्रिपाठी के निर्देश में वृद्ध आश्रम, गोण्डा में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन तथा वृद्धाश्रम का निरीक्षण जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव नितिन श्रीवास्तव अपर जिला जज की अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर पर वृद्ध आश्रम के प्रबन्धक राजेश कुमार श्रीवास्तव द्वारा सचिव को जानकारी देते हुए बताया गया कि इस समय वृद्धाश्रम में कुल 90 वृद्धजन रह रहें हैं, जिनमें से 54 पुरूष तथा 36 महिलायें हैं। आज की तिथि में वृद्धाश्रम में कुल 77 वृद्धजन उपस्थित हैं, जिनमें से 51 पुरूष एवं 26 महिलायें हैं तथा 13 वृद्धजन में से कुछ वृद्धजन, वृद्ध आश्रम के बाहर व्यक्तिगत कार्य से अथवा अपने रिश्तेदारों के यहां गये हुये हैं। विधिक साक्षरता शिविर में सचिव द्वारा उत्तराधिकार एवं भरण पोषण अधिनियम की जानकारी देते हुए यह बताया गया कि उत्तराधिकार एवं भरण पोषण अधिनियम, 1956 की धारा 20, वृद्धजनों को अपने बच्चों से भरण-पोषण प्राप्त करने का प्रावधान करती है। धारा 23 में न्यायालय के द्वारा भरण पोषण की धनराशि निर्धारित करने के सम्बन्ध में उपबन्ध दिये गये हैं। वर्तमान में न केवल पुत्र बल्कि पुत्रियों पर भी अपने माता-पिता के भरण-पोषण का दायित्व दिया गया है। यहां तक कि न केवल नैसर्गिक माता-पिता बल्कि दत्तक माता-पिता भी भरण-पोषण प्राप्त कर सकते हैं। उनके द्वारा आगे यह भी बताया गया कि जो वृद्ध अपने उत्तराधिकारी या रिश्तेदार को उपहार स्वरूप या फिर उनका हक मानते हुए अपनी सम्पत्ति उन्हें अन्तरित कर देते हैं तत्पश्चात उन्हंे भरण पोषण एवं स्वास्थ्य सम्बन्धी आवश्यकताओं की प्राप्ति नही होती है, तो वह विधि अनुसार अपनी सम्पत्ति वापस प्राप्त कर सकते हैं और सम्पत्ति का अन्तरण रद्द करवा सकते हैं। विधिक साक्षरता शिविर के दौरान सचिव द्वारा वृद्धजनों को बतलाया गया कि केन्द्र सरकार/राज्य सरकार द्वारा वृद्धजनों के लिये वृद्धावस्था पेंशन की व्यवस्था की गयी है तथा वृद्धजन उक्त पेशन को प्राप्त करने के अधिकारी हैं। इस दौरान कुछ वृद्धजनों द्वारा अवगत कराया गया कि उन्हें मार्च 2023 के पश्चात से अभी तक कोई पेंशन नही मिली है, जिस पर सचिव द्वारा प्रबन्धक वृद्धाश्रम से इस बावत की जानकारी ली गयी, जिस पर प्रबन्धक द्वारा अवगत कराया गया कि मार्च 2023 के बाद अभी तक पेंशन नही आयी है।

सचिव द्वारा प्रबन्धक वृद्धाश्रम को आदेशित किया गया कि वृद्धजनों के पेंशन के बावत जिला समाज कल्याण अधिकारी गोण्डा से पत्राचार करें। सचिव द्वारा प्रबन्धक वृद्धाश्रम से पूंछतांछ की गयी कि क्या सभी वृद्धजनों को पेशन नही मिली है, जिस पर प्रबन्धक वृद्धाश्रम द्वारा बताया गया कि कुछ वृद्धजनों को पेशन नही मिल रही है, जिसका कारण उनका आधार न होना तथा बैंक में खाता न होना है। सचिव द्वारा प्रबन्धक वृद्धाश्रम को आदेशित किया गया कि वे सभी वृद्धजनों के आधार बनवाकर तथा बैंक में खाता खुलवाकर, उनको वृद्धावस्था पेंशन दिलाये जाने की व्यवस्था करें। विधिक साक्षरता शिविर के उपरान्त सचिव द्वारा वृद्ध आश्रम का निरीक्षण किया गया तथा वृद्धजनों से बातचीत की गयी। बातचीत के दौरान वृद्ध आश्रम में रह रहे कुछ वृद्धजनों में काफी चिडचिड़ापन देखा गया तथा यह भी सुना गया कि वृद्ध आश्रम में रहने वाले कुछ वृद्धजनों के मध्य आपस में कहासुनी व गाली गलौज हो जाती है। इस पर सचिव द्वारा उन वृद्धजनों से मिला गया, उन्हें समझाया-बुझाया गया तथा उनसे यह भी कहा गया कि वे यहां पर शान्तिपूर्वक एवं सदभाव पूर्ण माहौल में रहें। यदि किसी वृद्धजन को कोई समस्या है तो वे उक्त समस्या को प्रबन्धक वृद्धाश्रम से कहें। प्रबन्धक वृद्धाश्रम उनकी उक्त समस्या का निदान करेंगें। इसके अतिरिक्त सचिव द्वारा प्रबन्धक वृद्धाश्रम को निर्देश दिया गया कि वृद्धजनों की समस्या को सुनकर उनका निराकरण करें। सचिव द्वारा प्रबन्धक वृद्धाश्रम को यह भी आदेशित किया गया कि माह में एक बार जिला चिकित्सालय से मनोचिकित्सक को बुलाकर उक्त वृद्धजनों का परीक्षण करायें। निरीक्षण के दौरान सचिव द्वारा वृद्धजनों के हाल एवं कमरों का भी अवलोकन किया गया, वहां पर दम घुटने वाला माहौल था। सचिव द्वारा प्रबन्धक वृद्धाश्रम को आदेषित किया गया कि दोनो कमरों तथा हाल में एग्झास्ट फैन लगवायें ताकि सफोकेषन से राहत मिल सके।

निरीक्षण के दौरान देखा गया कि वृद्ध आश्रम में बने पानी के स्थान पर तथा यूरिनल की जगह साफ-सफाई नही थी, जिसकी सफाई के लिये प्रबन्धक को आदेशित किया गया तथा वृद्ध आश्रम में रह रहे वृद्धजन की संख्या को देखते हुये एक-दो यूरिनल की अतिरिक्त व्यवस्था कराने हेतु आदेशित किया गया। वृद्ध आश्रम में बनी सभी नालियां खुली थीं, जिसके बावत प्रबन्धक को आदेशित किया गया कि सभी खुली नालियों को बन्द नालियों में परिवर्तित करायें। इस अवसर पर वृद्ध आश्रम के कर्मचारीगण तथा ए0डी0आर0 के कनिष्ठ लिपिक कन्हैया लाल तिवारी व अंकित वर्मा उपस्थित रहे।