बदलता स्वरूप श्रावस्ती। जिलाधिकारी कृतिका शर्मा की अध्यक्षता में गोचर/चरागाह की भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराये जाने तथा निराश्रित गोवंश हेतु हरा चारा उगाए जाने के सम्बन्ध में प्रेसवार्ता सम्पन्न हुई। इस दौरान उन्होने बताया कि अभियान चलाकर गोचर/चारागाहों की भूमि का चिन्हांकर किया जायेगा, इस दौरान यदि अतिक्रमण पाया जाता है तो उन्हें 15 दिवस के अन्दर अतिक्रमण से मुक्त कराया जाएगा, ताकि उन चारागाहों में हरे चारे की बुआई कराकर जिले के गौशालाओं में आवासित गोवंशों को हरे चारे की मुकम्मल व्यवस्था बनाई जा सके। उन्होने कहा कि अब गोआश्रय स्थल के गोवंशों को हरे चारे का संकट नहीं होगा, अतिक्रमण से खाली कराये गये चारागाहों में नैपियर घास उगाई जायेगी, जिससे जिले के गोआश्रय स्थलों में आवासित गोवंशों को हरा चारा मिल सके।
उन्होने बताया कि जिले के गो-आश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंशों लिए गोचर/चारागाह की भूमि पर बहुवर्षीय फसलों, नैपियर घास, सहजन, सूबबूल तथा मक्खन घास आदि का रोपण कर उत्पादन किया जाएगा। इसके अलावा पशुओं के पीने के लिए नलकूप व चरही आदि का निर्माण किया जाएगा। जिससे गोवंश के लिए हरे चारे एवं पेयजल की कोई दिक्कत न होने पाये। इसके अलावा मनरेगा एवं पशुपालन विभाग द्वारा आपस में समन्वय स्थापित कर पशुओं के प्रयोग हेतु तालाब की खुदाई, वृक्षारोपण आदि का कार्य कराया जाएगा। गोचर/चारागाहों की भूमि को निकटस्थ गो आश्रय स्थलों के साथ टैग किया जाएगा। जिससे उपलब्ध कम्पोस्ट खाद/गोबर खाद का उपयोग भूमि को उपजाऊ बनाने में किया जा सके तथा आसानी से सम्बन्धित गो आश्रय स्थलों में हरे चारे की आपूर्ति पूरी हो सके। इस अवसर पर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा0 मानव, जिला सूचना अधिकारी शिवनाथ सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण एवं पत्रकार बन्धु उपस्थित रहे।