शैक्षिक भ्रमण में हमारे ज्ञान चक्षु को खोलने का काम किया है-चंद्रशेखर
बदलता स्वरूप सीतापुर। संस्कृति किसी देश व समाज की महत्वपूर्ण धरोहर होती है इसकी इसकी सुरक्षा करना प्रत्येक नागरिक की विशेष जिम्मेदारी है यह बात उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर दिनेश चंद्र शास्त्री ने उत्तराखंड संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार में सांस्कृतिक विचारों पर व्याख्यान देते हुए कहीं। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर गिरीश कुमार अवस्थी ने कहा शैक्षिक भ्रमण छात्रों में व्यवहारिक ज्ञान की आपूर्ति करता है इससे छात्र छात्राओं को भौगोलिक ज्ञान के साथ-साथ सांस्कृतिक ज्ञान में दर्शनीय बढ़ोतरी होती है आचार्य नरेंद्र देव टीचर ट्रेनिंग कॉलेज सीतापुर की प्रोफ़ेसर प्रणिता सिंह ने कहा कि शैक्षिक भ्रमण शिक्षा व्यवस्था का महत्वपूर्ण अंग है यदि शैक्षिक भ्रमण उचित तरीके से किया जाए तो छात्रों को आनंद के साथ साथ गहन ज्ञान की प्राप्ति होती है इससे अधिगम स्तर उच्च स्तरीय हो जाता है सांस्कृतिक विनिमय करते हुए उन्होंने कहा यूपी और उत्तराखंड की साझी संस्कृति है हम देवभूमि पर आए हैं यह हमारे लिए गौरव की बात है।
लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ का प्रतिनिधित्व करते हुए एम एड शोधार्थी चंद्रशेखर ने कहा संस्कृति समाज की प्राण तत्व है ये हमारे महापुरुषों की अविस्मरणीय विरासत है इस विरासत को बचाना हम युवाओं का महत्वपूर्ण दायित्व है इस शैक्षिक भ्रमण में हमारे ज्ञान चक्षु को खोलने का काम किया है । उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के मुख्य वित्त नियंत्रक लखेन्र्द गौथियाल ने कहा शैक्षिक भ्रमण से बच्चों को नयी दृष्टि मिलती हैं संस्कृत विश्वविद्यालय से शिक्षा संकाय के डीन अरविंद नारायण मिश्र ने ए एन डी टी टीचर ट्रेनिंग पर्यटक दल का अभिनंदन किया। मंच संचालन डॉक्टर सुमन प्रकाश भट्ट ने किया इस मौके आचार्य नरेंद्र देव टीचर ट्रेनिंग कॉलेज की सहायक आचार्य डॉक्टर दीपा अवस्थी, डॉक्टर नितिन पाण्डेय, डॉक्टर मोहम्मद इमरान आदि ने भी सम्बोधित किया।
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