बदलता स्वरूप श्रावस्ती। जिलाधिकारी कृतिका शर्मा के निर्देशानुसार जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की अध्यक्षता में विकास भवन स्थित डीपीआरसी हाल में ’’अर्ली वार्निंग सिस्टम प्रोग्राम’’ के तहत दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की काउंसलिंग के उपरांत ऐसे बच्चे जो भविष्य में विद्यालय छोड़ सकते हैं, उन्हें हम शिक्षा के मुख्य धारा में नियमित रूप समाहित करना ही इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।
इस अवसर पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा कि समग्र शिक्षा योजना अंतर्गत जनपद के समस्त विद्यालयों में अर्ली वार्निंग सिस्टम कार्यक्रम का संपादन किया जाना है। यह कार्यक्रम मुख्य रूप से ऐसे बच्चों के संबंध में है जो विद्यालय छोड़ने वाले छात्र छात्राएं हैं इस योजना के अंतर्गत हम ऐसे छात्रों को चिन्हित करते हैं जो भविष्य में विद्यालय छोड़ सकते हैं। पहले तो ऐसे बच्चे विद्यालय ड्रॉपआउट होते हैं उसके पश्चात पूर्ण रूप से शिक्षा की मुख्यधारा से वंचित हो जाते हैं। ऐसे बच्चों की पहचान एवं ट्रेकिंग कर के इनके साथ इनके अभिभावकों को परामर्श की आवश्यकता होती है यह कार्य हम विद्यालय प्रबंध समिति की मासिक बैठक मां समूह की बैठक ग्राम सभा की बैठक एवं अध्यापकों द्वारा परामर्श के माध्यम से नियमित रूप से कर सकते हैं। जिला समन्वयक अजीत कुमार उपाध्याय ने बताया कि इस कार्यशाला के माध्यम से सबसे पहले मास्टर टेनर्स तैयार किया जा रहे हैं, उसके पश्चात इन्हीं मास्टर ट्रेनर्स के माध्यम से प्रत्येक विकास खंड में अध्यापकों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। उसके पश्चात प्रत्येक विद्यालय में अध्यापकों के द्वारा इस प्रकार के बच्चों का चयन किया जाएगा जो अर्ली वार्निंग सिस्टम के लक्षण रखते हैं। इसके उपरांत उन बच्चों के साथ तथा उनके अभिभावकों के साथ काउंसलिंग करते हुए उन्हें विद्यालय में नियमित उपस्थित रहने हेतु प्रेरित किया जाएगा।
यह कार्यक्रम यूनिसेफ तथा उनके सहयोगी संस्था रिक्वेस्ट एलियांज के द्वारा संचालित की जा रही है। इस अवसर पर संस्था से प्रशिक्षक के रूप में अमिताभ, सुनील कुमार, प्रज्ञा सिंह, कार्यशाला में 24 ए आर पी 3 सर्ग तथा जिला समन्वयक उपस्थित रहे।
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