बदलता स्वरूप अयोध्या। घर-घर गंगा, घर-घर गीता, घर-घर तुलसी विश्व प्रवासी सामाजिक एवं सांस्कृतिक संघ का एक ऐसा महा संकल्प अभियान है जो भारत की
संस्कृति को विश्व की संस्कृति से एक साथ जोड़ता है। आने वाले 05 वर्षों के भीतर 25 करोड़ परिवारों तक गंगा माता, गीता माता, और तुलसी
माता एक धरोहर के रूप में सबको आशीर्वाद देने के लिए घर-घर तक प्रस्तुत होंगी। विश्व प्रवासी संघ भारत एवं अन्य देशो में प्रचार प्रसार, कार्यपशाला, गोष्टी, सभ्मेलन और घर घर तक जन संपर्क के माध्यम से 25 करोड लोगो को जन जागरूकता से इस बिचार को एक सनातनी के रूप में सनातन की रक्षा के लिए प्रयास करेगा | इसमें विश्व के प्रवासी विशेष सहयोगी होंगें। प्रचार माध्यमो का उपयोग किया जायेगा| जिस दिन विश्व क समस्त सनातनियो के घर में गंगा, गीता और तुलसी का वास होगा उसी दिन भारत विश्व गुरु बन जायेगा| विश्व प्रवासी संघ अपने सनातन धरोहरों को संरक्षित करने में लगा हुआ है। विगत 31 वर्षों से विचार परिवार के वरिष्ठ स्वयं सेवको द्वारा संचालित किया जा रहा है और देश और विश्व में लगभग 16 लाख लोग प्रवासी संघ के समर्थक हैं। भारत की संस्कृति में श्रीमन्द्रगवद् गीता अध्यात्मिक जीवन का और मानव कर्म का आदर्श है, गंगा जल अमृत है और यह प्राण है, तुलसी महा औषधि है और तीनो माता के रूप में सनातन धर्म में पूजित है। प्रत्येक सनातनी का यह धर्म है कि आस्था और विश्वास के साथ तीनो माताओं का आशीर्वाद प्राप्त करे साथ ही गौमाता का संरक्षण करे पीपल, बर्गद और शमी तथा केला बक्ष को सभ्मान देते हुए अपने घरो में स्थान दे सभी तिलक लगायें और संस्कारों को संरक्षित करे। यह महासंकल्व है इस महासंकल्प में आप सहभागी हैं और साक्षी हैं। आइए एक साथ मिलकर इस महा संकल्य को पूरा करें। सहयोग देने वाले सभी मित्रों को, राष्ट् भगिनी को, सेरह पूर्वक धन्यवाद और आभार। आप लोग एक साथ मिलकर इस महायज्ञ को पूरा करने में हमारा सहयोग करेंगे।
यह महाकार्यक्रम महाअभियान भारत में और विश्व के प्रत्येक देश में लगातार चलता रहेगा रुकने वाला नहीं है। भारत के गांव और शहर शहर तक विश्व प्रवासी परिवार पवित्र गंगा माता और पवित्र श्रीमनद्धगवदू गीता माता, तुलसी माता के साथ सबके घर पर आशीर्वाद के लिए पहुंचेगा और समय आने पर गंगा माता और श्रीमन्द्धगवद गीता माता, तुलसी माता महा संपर्क रथ यात्रा भी निकाली जाएगी।