काश डीएम साहिबा के इस रोड पर पड़ जाते कदम
लाखों लोगों के लिए यह सड़क लाइफ लाइन जैसी
पवन जायसवाल
बदलता स्वरूप गोंडा। भाजपा सरकार द्वारा जहां देश व प्रदेश में एक्सप्रेसवे व सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है वहीं जनपद गोंडा सड़कों के मामले में बहुत पीछे है, इसका कारण जनपद के नेताओं की उदासीनता का परिणाम माना जाए या सरकार की नजर अंदाजी। गोंडा जनपद के साथ साथ देवीपाटन मंडल का मुख्यालय भी है एवं यहां पूर्वोत्तर रेलवे का प्रमुख स्टेशन गोंडा जंक्शन भी है। जहां से रोजाना लाखों यात्री रेल के द्वारा सफर करते हैं लेकिन एक्सप्रेसवे का लाभ व राज्य विश्वविद्यालय जो मंडल मुख्यालय पर बनना चाहिए था इसका लाभ पड़ोसी जिले बलरामपुर को मिलने जा रहा है, जो कभी इसी जनपद का एक हिस्सा था। आम जनमानस के बीच अब चर्चा जोरों पर है कि हमारे जनपद का दुर्भाग्य है कि जिन-जिन माननीय का चयन हम जनता ने किया, वह हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं, उनको अपने जनपद के विकास की कोई चिंता नहीं है या फिर उनकी सरकार में चलती नहीं। फिलहाल आज हम मंडल मुख्यालय के एक महत्वपूर्ण सड़क पर सरकार व जिला प्रशासन का ध्यानाकर्षण चाहते हैं। जिस पर चलने से राहगीरों के रूह कांप जाते हैं। जय नारायण चौराहे से सोनी गुमटी रेलवे क्रॉसिंग की दूरी लगभग ढाई किलोमीटर है, जिस पर बनी सड़क पर गड्ढे नहीं बल्कि गड्ढे में सड़क दिखती है। राजस्व अभिलेख के अनुसार यह सड़क लगभग 80 फुट चौड़ी है लेकिन इस पर निर्माण ग्रामीण स्तर की है जो लगभग 3 मीटर के आसपास बनाई जाती रही है। साल दो साल में जिला पंचायत, मंडी परिषद या और कोई निधि द्वारा इस सड़क पर मेहरबानी कर घटिया स्तर की निर्माण कर खानापूर्ति कर ली जाती है। जबकि इस सड़क पर एक बड़ा उद्योग मिल एवं कई व्यापारियों ने अपने गोदाम बना रखे हैं जिस पर बहुत हैवी हैवी गाड़ियां चलती हैं। एक तरफ सड़के बनाई जाती हैं दूसरी तरफ उखड़ने लगती है, गोंडा जंक्शन रेलवे स्टेशन होने के नाते इस सड़क पर प्रतिदिन हजारों चौपहिया, दो पहिया वाहन उतरौला, धानेपुर, बाबागंज, डुमरियागंज आदि की ओर से आते जाते रहते हैं। सड़क की ही जमीन पर दोनों तरफ लोग पक्का निर्माण भी कर रखे हैं यही नहीं इसी सड़क की जमीन पर डूडा की ओर से आवासीय योजना के तहत लोगों को ढाई ढाई लाख रुपए भी मुहैया कराए गए हैं जिसकी जांच भी आवश्यक है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि यह सड़क हमारे लिए लाइफ लाइन जैसी है क्योंकि गोंडा स्टेशन अगर शहर के रास्ते से होकर आया जाए तो करीब 10 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ता है और जाम से भी गुजरना पड़ता है। बरसात में यह सड़क पूरी तरह जलमग्न हो जाता है और गड्ढे न दिखने के कारण प्रतिदिन छोटी बड़ी दुर्घटनाएं होना इस पर आम है।
इस सड़क के निर्माण के लिए जब क्षेत्रीय जनता ने क्षेत्रीय नेताओं के के साथ सांसद, विधायक आदि से संपर्क किया तो उन्होंने रेलवे और सिविल के पेंच का हवाला देते हुए मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। जबकि इस ढाई किलोमीटर की सड़क में मात्र पांच या छः सौ मीटर सड़क रेलवे भूमि की हद में है, बाकी सिविल क्षेत्र में है। यही नहीं केंद्र व प्रदेश में एक ही पार्टी की सरकार है फिर भी इस सड़क का चौड़ीकरण व उच्चीकरण न हो तो यह इस क्षेत्र का दुर्भाग्य है। क्षेत्रीय बुजुर्गों का यह भी बताना है कि यह सड़क ब्रिटिश पीरियड का है इसी रास्ते से किसान व व्यापारी गल्ला सहित तमाम सामान जनपद की सबसे बड़ी गल्ला मंडी रानी बाजार में लाते थे, आज भी रानी बाजार में थोक व्यापारियों का बोलबाला है। यदि इस सड़क का चौड़ीकरण और उच्चीकरण कर दिया जाए तो शहर पर जाम का दबाव कम होगा और इस रास्ते से गुजरने वाले लोगों का सफर सुगम हो सकेगा।
इस सड़क से गुजरने वाले पीड़ित आम जनमानस टकटकी लगाये इस इंतजार में हैं कि डीएम साहिबा का एक बार कदम इस सड़क पर पड़ जाय तो शायद हम क्षेत्रवासियों का कल्याण हो जाय। हां यह संभव है क्योंकि हमारे जिले की जिलाधिकारी महोदया द्वारा जिस तरह त्वरित गति से कार्यवाही की जा रही है और विकास को एक नया आयाम देने की कोशिश की जा रही है कुछ भी असंभव नहीं है।


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