जिला कारागार में लगाई गई विधिक साक्षरता शिविर

एडीजे ने स्वयं बंदियों से की वार्ता, जाना उनका हाल

बदलता स्वरूप गोंडा। जनपद न्यायाधीश ब्रजेन्द्र मणि त्रिपाठी के निर्देशानुसार जिला कारागार गोण्डा में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन एवं कारागार का निरीक्षण 24 अगस्त को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के सचिव नितिन श्रीवास्तव, अपर जिला जज/एफटीसी द्वारा किया गया। विधिक साक्षरता शिविर के दौरान जेलर शिव प्रताप मिश्र द्वारा सचिव को अवगत कराया गया कि आज की तिथि में कुल 935 बन्दी कारागार में निरूद्ध हैं, जिसमें से सिद्धदोष बन्दी 181, विचाराधीन बन्दी 742 तथा अस्पताल में 11 बन्दी भर्ती हैं। अस्पताल में भर्ती 11 बन्दियों में से सिद्धदोष बन्दी 04 व विचाराधीन बन्दी 07 हैं तथा 01 एन0एस0ए0 बन्दी है। विधिक साक्षरता शिविर के दौरान सचिव द्वारा कारागार में निरूद्ध विचाराधीन बन्दियों को बताया गया कि जिन विचाराधीन बन्दियों की जमानत आज से पूर्व हो चुकी है किन्तु जमानत बन्ध पत्र दाखिल न होने के कारण उनकी रिहाई अभी तक नही हुई है, वह अतिशीघ्र न्यायालय में जमानत बन्ध पत्र दाखिल करावें तथा जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नही है, वे इस सन्दर्भ में कारागार में नियुक्त पीएलवी अथवा जेल के पैनल अधिवक्ता के माध्यम से एक प्रार्थना पत्र सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के नाम प्रेषित करावें। तत्पश्चात उनके रिहाई के सम्बन्ध में नियमानुसार विधिक कार्यवाही की जायेगी। इस शिविर के दौरान सचिव द्वारा पूर्व जिला कारागार में आये नये बन्दियों से भी मुलाकात की गयी तथा उनसे कहा गया कि वे अपने प्रकरणों की पैरवी अधिवक्ता के माध्यम से करायें, यदि कोई बन्दी आर्थिक विपन्नता के कारण अधिवक्ता नियुक्त करने में असमर्थ हैं, तो उसे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा द्वारा निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराया जायेगा। विधिक साक्षरता शिविर के दौरान 02 बन्दियों द्वारा निःशुल्क विधिक सहायता हेतु प्रार्थना पत्र देने का कथन किया गया। विधिक साक्षरता शिविर के उपरान्त सचिव द्वारा महिला बैरक का भी निरीक्षण किया गया। दौरान निरीक्षण महिला बन्दियों को विधिक सहायता के बावत जानकारियां प्रदान की गयीं। इस दौरान सचिव द्वारा दोषसिद्ध महिला बन्दियों से भी वार्तालाप की गयी। इस दौरान सचिव द्वारा महिला बन्दियों से उनके साथ रह रहे बच्चों के खान-पान के सम्बन्ध में भी पूंछतांछ की गयी।

इसके अतिरिक्त सचिव द्वारा जेल अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि जेल में अपनी माता के साथ रह रहे बच्चों को जेल मैनुवल में निर्धारित मात्रा के अनुसार ही बच्चों को दूध, दलिया, फल इत्यादि दिया जाये एवं डाक्टर से समय समय पर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण एवं नियमित टीकाकरण कराते रहें। इस दौरान कौशल विकास के तहत सिलाई का प्रशिक्षण ले रहीं महिला बन्दियों से भी मुलाकात की गयी तथा उनके द्वारा तैयार किये जा रहे वस्त्रों को भी देखा गया। सचिव द्वारा जिला कारागार के किशोर बैरक का भी निरीक्षण किया गया। किशोर बैरक के निरीक्षण का मुख्य आशय यह था कि कहीं किशोर बैरक में कोई ऐसा किशोर तो नही है, जिसकी आयु 18 वर्ष से कम हो। प्रथम दृष्टया किशोर बैरक में ऐसा कोई बन्दी नही दिखा, जिसकी उम्र 18 वर्ष से कम हो। 01 बन्दी ने अपनी उम्र 18 वर्ष से कम बतायी किन्तु उसके बावत वह किशोर कोई भी प्रमाण पत्र दिखाने अथवा मंगाने में असमर्थता जाहिर की। इस पर सचिव द्वारा किशोर बैरक के बन्दियों को बताया गया कि वे कभी भी किसी भी कक्षा में पढे़ हों, तो उसकी अंकतालिका अथवा स्थानान्तरण प्रमाण पत्र मंगा लें, ताकि यह पता चल सके कि वह किशोर 18 वर्ष से कम आयु का तो नही है। यदि वह किशोर 18 वर्ष से कम आयु का निकला तो उसके प्रकरण का विचारण, विचारण न्यायालय में न होकर किशोर न्याय बोर्ड में किया जायेगा। इसके साथ ही साथ सचिव द्वारा जेल अधीक्षक को आदेशित किया गया कि यदि कोई किशोर बन्दी 18 वर्ष से कम आयु का प्रतीत होता है तो उसके उम्र के बावत किसी भी कक्षा की अंकतालिका अथवा स्थानान्तरण प्रमाण मंगाकर उसे एक प्रार्थना पत्र के साथ सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा प्रेषित करायें ताकि उक्त किशोर के सही उम्र का पता लगाकर उसकेे प्रकरण का निस्तारण विचारण न्यायालय अथवा किशोर न्याय बोर्ड में कराया जाये। सचिव द्वारा किशोर बैरक के प्रत्येक बन्दी से विधिक सहायता, निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराने के बावत तथा जिला कारागार के खान-पान एवं स्वास्थ्य सुविधा के बावत जानकारी प्राप्त की गयी, जिसका उत्तर उनके द्वारा संतोषजनक दिया गया। निरीक्षण के दौरान सचिव द्वारा पाकशाला का भी निरीक्षण किया गया। पाकशाला में सायंकालीन भोजन की तैयारियां की जा रही थी। पाकशाला इन्चार्ज द्वारा बताया गया कि सायंकालीन भोजन में आज बन्दियों को रोटी, चावल, दाल-चना व आलू तरोई की सब्जी दी जायेगी। पाकशाला में साफ-सफाई थी, बर्तन भी साफ-सुथरे थे। इसके उपरान्त सचिव द्वारा जिला कारागार के अस्पताल का निरीक्षण किया गया। कारागार अस्पताल में प्रकाश एवं साफ-सफाई की व्यवस्था में कमी पायी गयी, जिस पर सचिव द्वारा जेल अधीक्षक को आदेशित किया गया कि शीघ्र ही कारागार अस्पताल में प्रकाश एवं साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करायें। जिला कारागार के अस्पताल के निरीक्षण के दौरान जिला कारागार के अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं बन्दियों से मुलाकात की गयी तथा हाल-चाल पूछा गया।

कारागार के अस्पताल के निरीक्षण के दौरान डाक्टर डा0 ए0पी0सिंह को निर्देशित किया गया कि बीमार बन्दियों की उचित देखभाल एवं दवाइयों की व्यवस्था सुनिश्चित करे। डिप्टी जेलर विवेक सिंह एवं डाक्टर डा0ए0पी0सिंह को आदेशित किया गया कि जो बन्दी बीमार हो एवं उसे कारागार अस्पताल में भर्ती कराना आवश्यक हो उसे ही कारागार अस्पताल में भर्ती किया जाये।आज के विधिक साक्षरता शिविर एवं निरीक्षण के दौरान डिप्टी जेलर विवेक सिंह, दयाशंकर एवं अन्य बन्दी रक्षक तथा ए0डी0आर0 के कनिष्ठ लिपिक कन्हैया लाल तिवारी व अंकित वर्मा उपस्थित रहे।