मान्यता जूनियर की कक्षाएं इंटर की
बृजेश सिंह विशेष संवाददाता
बदलता स्वरूप गोंडा। जूनियर हाई स्कूल की मान्यता लेकर फर्जी तरीके से हाई स्कूल और इंटरमीडिएट की कक्षाएं संचालित कर अभिभावकों को चूना लगाने वाले विद्यालयों की अब खैर नहीं। नगरीय व देहात क्षेत्र में बेहतर शिक्षा का झांसा देकर अभिभावकों व शिक्षार्थियों के साथ यह निजी विद्यालय खुले आम विश्वास घात कर रहे हैं। हाई स्कूल और इंटर तक की कक्षाएं चलाने के लिए शासन द्वारा जो मानक तय किए गए हैं उसके अनुरूप उन जूनियर विद्यालयों में व्यवस्थाएं भी शून्य हैं। इससे जहां सरकार को प्रतिवर्ष लाखों करोड़ों की चपत लग रही है, तो वहीं अभिभावकों की जेबें ढीली होने के बावजूद नतीजा शून्य है। यह मुद्दा प्रतिवर्ष उठता है, तब सिर्फ खानापूर्ति के नाम पर कार्यवाही भी की जाती है लेकिन समय बीतने के साथ-साथ मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है। आलम यह है कि जहां इस तरीके के निजी विद्यालय खुले आम शासनादेश का मखौल उड़ा रहे हैं तो वहीं शक्ति बरतने वाले जिला विद्यालय निरीक्षक भी उनके ठेंगे पर हैं। शासनादेश तो यह है कि जिन कक्षाओं की मान्यता हो उन्हीं कक्षाओं का संचालन किया जाए लेकिन शासनादेश पर निजी संचालक हावी है। नतीजतन जिले में सैकड़ो अमान्य विद्यालय संचालित हैं। जिसका खामियाजा अभिभावकों को मोटी रकम अदा करके भुगतना पड़ता है और तो और इसके बावजूद बच्चों को भटकना भी पड़ता है। खास बात यह है कि एनरोलमेंट के कारण ही उनका प्रवेश कहीं और परीक्षा किसी और स्कूल से देनी पड़ती है। कभी-कभी तो इसी भाग दौड़ के चक्कर में छात्रों की परीक्षाएं भी छूट जाती हैं। जिससे मोटी रकम अदा करने के बावजूद उनका एक साल का भविष्य बर्बाद हो जाता है लेकिन ऐसे निजी विद्यालय संचालकों से करवाई तो दूर पूछताछ भी नहीं की जाती है। जिससे उनके हौसले बुलंद हैं और सरकारी व्यवस्था पर भारी पड़ रहे हैं। जिले में यह खेल कोई आज से नहीं चल रहा है बल्कि बहुत पुराना हो चुका है। इस खेल में शहर से लेकर ग्रामीण अंचल में संचालित नामचीन विद्यालय भी शामिल हैं, जो ऐसे संचालकों को संरक्षण प्रदान किए हुए हैं। सांठ गांठ कर निजी स्कूल संचालक अपना कारोबार चला रहे हैं।
मान्यता जूनियर कक्षा की है लेकिन हाईस्कूल और इंटर की कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। जबकि 2014 के लोकसभा के चुनाव प्रचार में गोंडा आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुनावी जनसभा में जनता से वादा किया था कि वह गोंडा के शिक्षा माफिया को जड़ से उखाड़ फेंकेंगे लेकिन उनका यह वादा, वादा बनकर ही रह गया। इस संबंध में जब जिला विद्यालय निरीक्षक राकेश कुमार से उनके नंबर पर बात की गई तो उन्होंने बताया कि जनपद के सभी इंटरमीडिएट कॉलेज से संपर्क करके ऐसे विद्यालयों की सूची प्राप्त कर ली गई है जो भी विद्यालय इस तरीके के फर्जीवाड़े में सम्मिलित है, उन पर शीघ्र ही विधिक कार्रवाई करके उन्हें बंद कराया जाएगा।