बदलता स्वरूप बलरामपुर। भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए पुलिस अधीक्षक ने दो पुलीस कर्मियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत कर जेल भेज दिया है। पूरा मामला जरवा कोतवाली का है।
यूपी पुलिस की जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए बलरामपुर के एसपी ने दो पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। एसपी की इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में हडकंप मच गया है। भारत नेपाल सीमा पर स्थित जरवा कोतवाली में तैनात दो सिपाहियों पर इसी थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा भी दर्ज किया गया है। इन दोनों सिपाहियों पर नेपाल सीमा पर घूमने गए तीन युवकों से अवैध धन वसूली का आरोप लगा है। जरवा कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत कोयलावास नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र का है। ललिया थाना क्षेत्र के कोडरी गांव निवासी हकीम खान ने पुलिस अधीक्षक को दिए गए प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया है कि एक सितंबर को वह अपने दो दोस्तों के साथ नेपाल सीमा पर स्थित कोयलावास घूमने जा रहा था। सीमा पर तैनात एसएसबी ने उन लोगों को नेपाल सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया। कोयलाबास से वापस लौटते हुए जरवा थाने में तैनात दो पुलिसकर्मी कांस्टेबल राजू यादव और कांस्टेबल ध्रुवचंद्र ने इन लोगों को जंगल में रोक लिया और थाने के बाहर पांच घंटे तक बैठाए रखा। दोनों पुलिसकर्मियों ने जबरन इन लोगों से 28 हजार रुपए की अवैध वसूली की। एक बार 24 हजार रुपए और दूसरी बार चार हजार रुपये आनलाइन वसूले गये। मामला संज्ञान में आने पर एसपी ने अपर पुलिस अधीक्षक से इसकी जांच कराई।
जांच में घटना सत्य पाए जाने पर एसपी ने जरवा थाने में तैनात दोनों पुलिस कर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अंतर्गत केस दर्ज करने का आदेश दिया और दोनों पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। केशव कुमार पुलिस अधीक्षक ने बताया पीड़ित हकीम खान की तहरीर पर जरवा कोतवाली में दोनों पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है और दोनों पुलिसकर्मियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और आगे की वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।
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