खबर का असर डीएम के संज्ञान के बाद जागा विभाग

दो विभाग के पेंच से रुक गया सड़क का चौड़ीकरण व उच्चीकरण

पवन जायसवाल
बदलता स्वरूप गोंडा। 4 सितंबर 2023 को हिंदी दैनिक बदलता स्वरूप समाचार पत्र में शीर्षक मंडल मुख्यालय पर एक सड़क ऐसी जिस पर चलने से कांप जाती है रूह की खबर छपी थी, जिसको संज्ञान में लेकर जिलाधिकारी द्वारा लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड एक के अधिशासी अभियंता प्रकाश सिद्धार्थ को पूरे मामले का जांच कर कर अवगत कराने हेतु निर्देशित किया गया था। जांच पड़ताल के बाद पता चला कि रेलवे सोनी गुमटी से रेलवे स्टेशन गोंडा की ओर जाने वाली सड़क जिला पंचायत की है। इस बाबत जिला पंचायत के अधिकारियों से जब इस संबंध में वार्ता की गई तो उन्होंने कहा कि 6 सितंबर को इस सड़क को लोक निर्माण विभाग अपने अधीन ले, जिसके लिए प्रांतीय खंड एक के अधिशासी अभियंता को पत्राचार किया गया है। पुनः जब अधिशासी अभियंता को पत्र से अवगत कराया गया तो उन्होंने टाल मटोल करते हुए कहा कि जब तक जिला पंचायत सड़क बनवा कर नहीं देगी तब तक हम उसको अपने हैंडओवर में नहीं लेंगे। राजस्व अभिलेख के अनुसार यह सड़क लगभग 80 फुट चौड़ी है जिसे अधिग्रहित करने की भी जरूरत नहीं है। लेकिन इस पर निर्माण ग्रामीण स्तर की होती है जो लगभग 3 मीटर के आसपास बनाई जाती रही है। जबकि इस सड़क पर एक बड़ा उद्योग मिल एवं कई व्यापारियों ने अपने गोदाम बना रखे हैं जिस पर बहुत हैवी हैवी गाड़ियां चलती हैं। एक तरफ सड़के बनाई जाती हैं दूसरी तरफ उखड़ने लगती है, गोंडा जंक्शन रेलवे स्टेशन होने के नाते इस सड़क पर प्रतिदिन हजारों चौपहिया, दो पहिया वाहन उतरौला, धानेपुर, बाबागंज, डुमरियागंज आदि की ओर से आते जाते रहते हैं।

सड़क की ही जमीन पर दोनों तरफ लोग पक्का निर्माण भी कर रखे हैं यही नहीं इसी सड़क की जमीन पर डूडा की ओर से आवासीय योजना के तहत लोगों को ढाई ढाई लाख रुपए भी मुहैया कराए गए हैं जिसकी जांच भी आवश्यक है। अब सवाल यह उठता है कि इतनी जर्जर सड़क जिस पर पैदल चलना भी मुश्किल है, जिला पंचायत सड़क का मालिक होने के बावजूद कह रहा है कि मेरे पास इतना बजट नहीं है कि उस सड़क का चौड़ीकरण या उच्चीकरण कराया जा सके। उधर लोक निर्माण विभाग सड़क को लेने से अपना पल्ला झाड़ रहा है। आखिर इस क्षेत्र की मासूम जनता की क्या गलती है जो दशकों से इस जर्जर सड़क पर आने जाने को मजबूर है। यह यक्ष प्रश्न है।