बदलता स्वरूप श्रावस्ती। जिलाधिकारी कृतिका शर्मा ने बताया है कि वर्तमान में संकामक रोगों यथा-डेंगू, चिकनगुनिया, जे0ई0, ए0ई0एस0, स्क्रब टाइफस, मलेरिया का प्रकोप तीव्र गति से बढ़ रहा है। इन रोगों के फैलने का मुख्य कारण मच्छर हैं। वर्तमान में वर्षा ऋतु के कारण जगह-जगह जल जमाव की स्थिति हो जाती है, जिसमें मच्छरों के लार्वा पैदा होते हैं, इसी के कारण मच्छरों की संख्या में वृद्धि होती है और इन्हीं मच्छरों के काटने से डेंगू, मलेरिया आदि बीमारियां फैलती हैं।
जिलाधिकारी ने डेंगू बुखार के मद्देनजर सभी जनपद वासियों से सावधानी बरतने हेतु अपील किया है। उन्होंने बताया है कि डेंगू एक तरह का वायरल बुखार है। डेंगू एक विषाणु से होने वाली बीमारी है जो एडीज एजिप्टी नामक संक्रमित मादा मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर प्रायः घरों स्कूलों और अन्य भवनों में तथा इनके आस-पास एकत्रित खुले एवं साफ पानी में अण्डे देते हैं। डेंगू तब फैलता है जब एक डेंगू प्रभावित व्यक्ति को मच्छर काटता है और वह मच्छर दूसरे व्यक्ति को काटता है। घर में डेंगू पीड़ित सदस्य होने से अन्य सदस्यों को बुखार होने की संभावना बढ़ सकती है। ऐसे मामलों में, परिवार के सदस्यों को अत्यधिक सतर्क रहने और सभी को मच्छरों से काटने से रोकने की आवश्यकता है।
डेंगू के बुखार में प्लेटलेट्स कम हो जाते हैं. सितंबर और अक्टूबर में डेंगू के सबसे ज्यादा मामले ज्यादा सामने आते हैं। बारिश के बाद जगह-जगह पानी जमा हो जाता है या हमारे घरों में कई ऐसी जगहों पर पानी जमा होता है, जो कई दिनों तक खुले में पड़ा रहता है। डेंगू का मच्छर ऐसे पानी में ही पनपता है। इसके तीव्र लक्षण कभी-कभी कुछ समय बाद देखे या महसूस किए जाते हैं, यदि इनकी समय पर पहचान कर ली जाये तब इससे बचाव या उपचार करने में मदद भी मिल सकती है।उन्होने बताया कि डेंगू से बचाव हेतु मच्छरों के काटने से बचे, पूरे बाजू के कपड़े पहने। सप्ताह में एक बार कूलर, फूलदान, पशु-पक्षियों के बर्तन को साफ रखे, गमलों में पानी जमा न होने दें, पुराने टायर डिस्पोजल कप कबाड़ में पानी जमा न होने दें, सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। घरों के आस-पास साफ-सफाई रखें, स्वच्छ पेयजल ही प्रयोग करें, कुपोषित बच्चों के प्रति विशेष ध्यान रखें, खुले में शौच न करें और साबुन से हाथ धोये। यदि तेज बुखार के साथ सिर दर्द, आंखों के पीछे दर्द जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, त्वचा पर लाल चकत्ते और थकान हो तो तुरन्त नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर निःशुल्क उपचार करायें। इसके लिए उन्होने जिला पंचायत राज अधिकारी, समस्त खण्ड विकास अधिकारी एवं अधिशासी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि डेंगू की रोकथाम के लिए कारगर कदम उठाये जाएं, जिससे जनपद में इस बीमारी के प्रकोप को बढ़ने से रोका जा सके।
उन्होने निर्देश दिया कि किसी भी स्थान पर अत्यधिक समय तक जल जमाव न होने पाए, यथासम्भव जल जमाव को रोकने हेतु आवश्यक कदम उठायें जाए। ऐसे स्थलों का चिन्हांकन करें, जहां जल जमाव हो रहा हो। वहां पर एण्टीलार्वा व अन्य एण्टीबैक्टिरियल कीटनाशकों का नियमित छिड़काव अनिवार्य रूप से कराया जाए। नगर क्षेत्र व ग्रामों में नियमित रूप से फागिंग कराई जाए, नालियों व ऐसे स्थल जहां कूड़ा एकत्र होता हो, वहां पर चूना/ब्लीचिंग का छिड़काव इत्यादि कराया जाए। उन्होने कहा कि नगर क्षेत्र व ग्रामीण क्षेत्रों में आमजन को जागरूक किया जाए तथा उन्हें कीट प्रतिरोधी का उपयोग करने, लम्बी बाजू के कपड़े पहनने, घर के अन्दर व बाहर मच्छरों को नियंत्रित करने का संदेश प्रसारित किया जाए। आमजन को व्यक्तिगत स्वच्छता के उपायों, खुले में शौच न करने, शुद्ध पेयजल के प्रयोग हेतु जागरूकता अभियान संचालित कराया जाए। खुली नालियों को ढकने की व्यवस्था कराई जाए साथ ही नालियों/कचरों की सफाई करवाई जाए। हैण्डपम्प के पाइप को चारों ओर से कंकरीट से बन्द कराया जाए, हैण्डपम्प के पास अपशिष्ट जल के निकलने हेतु सोकपिट का निर्माण कराया जाए। सड़कों के किनारे वनस्पतियों/झाड़ियों की नियमित सफाई कराई जाए।
उन्होने कहा कि उक्त निर्देशों का कड़ाईपूर्वक अनुपालन सुनिश्चित करने के साथ-साथ मच्छरों की रोकथाम के लिए अन्य आवश्यक उपाय तत्काल अपनायें जायें। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए।