बदलता स्वरूप गोंडा। स्थानीय लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय में हिंदी दिवस मनाया गया। महाविद्यालय के हिंदी विभाग ने अपने विभागीय दिवंगत आचार्यों – पूर्व प्राचार्य डॉ. छोटेलाल दीक्षित, डॉ. बृजभूषण लाल श्रीवास्तव, डॉ. अनंत रघुनाथ सहस्रबुद्धे – की स्मृति को समर्पित तीन अलग-अलग प्रतियोगिताएँ आयोजित कीं। मानक शब्द लेखन प्रतियोगिता, लघु कथा लेखन प्रतियोगिता और कविता पाठ प्रतियोगिता। लघु कथा लेखन प्रतियोगिता और मानक शब्द लेखन प्रतियोगिता में 48 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। कविता पाठ प्रतियोगिता में 39 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। रोशनी दूबे, एम.ए. तृतीय सेमेस्टर ने प्रथम, प्रिया शुक्ला, बी.ए. प्रथम सेमेस्टर ने द्वितीय और नंदिनी शुक्ला बी.ए. प्रथम सेमेस्टर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। सच्ची सिंह और खुशी गुप्ता को सांत्वना पुरस्कार के लिए चयनित किया गया। महाविद्यालय के कार्यवाहक प्राचार्य प्रो. बी.पी. सिंह ने हिंदी विभाग एवं समस्त विद्यार्थियों को इस अवसर पर बधाई दी। हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रो. शैलेंद्र नाथ मिश्र ने हिंदी की असाधारण प्रगति की रूपरेखा प्रस्तुत की।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हिंदी विश्वभाषा बनने की ओर अग्रसर है। अपने देश में किंचित राजनीति होती रहती है, फिर भी हिंदी लोगों के दिलों पर राज कर रही है और अपनी आंतरिक शक्ति से विजयिनी बनी हुई है। प्रतियोगिताओं के निर्णायक का दायित्व प्रो. संजय कुमार पांडेय, अध्यक्ष, गणित विभाग, प्रो. अमन चंद्रा, अध्यक्ष इतिहास विभाग और प्रो. मंशाराम वर्मा अध्यक्ष संस्कृत विभाग ने निभाया। सभागार में उपस्थित समस्त विद्यार्थियों को उपहारस्वरूप गोंडा के इतिहास पर अजय सिंह लिखित ‘घाघरा पार’ पुस्तक प्रदान किया गया।
कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग के प्रो. जयशंकर तिवारी ने किया। इस अवसर पर हिंदी विभाग के असिस्टेंट प्रो. पवन कुमार सिंह और डॉक्टर मुक्ता टंडन भी उपस्थित रहे।