बेरोजगारों को रोजी-रोजगार हेतु ऋण देने में शिथिलता बरतने वाले बैंकों की अब जवाबदेही होगी तय-जिलाधिकारी

बदलता स्वरूप श्रावस्ती। बुधवार को जिलाधिकारी कृतिका शर्मा की अध्यक्षता में विशेष जिला स्तरीय सलाहकार समिति एवं जिला परामर्शदात्री समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में सम्पन्न हुई। इस दौरान जिलाधिकारी ने बैंकों के माध्यम से संचालित तमाम योजनाओं की गहनता से समीक्षा की तथा बैंक प्रबन्धकों को निर्देश दिया कि बेरोजगारों द्वारा स्वरोजगार के लिए ऋण लेने हेतु उद्योग विभाग या अन्य सम्बन्धित विभागों के माध्यम से आवेदन किया जाता है तो उन आवेदनों को गहनता से जांच करें, यदि आवेदन में किसी भी अभिलेख की कमी रहती है तो आवेदक से समय से सभी औपचारिकताओं को पूर्ण कराकर उन्हें ऋण मुहैया कराया जाय, ताकि वे समय से अपना रोजी-रोजगार कर सकें। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने विभिन्न योजनान्तर्गत भौतिक लक्ष्य के सापेक्ष प्रगति कम पाये जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देशित किया कि दिये गये लक्ष्य के अनुरूप समय सीमा के अन्दर लक्ष्य पूरा किया जाए। उन्होने कहा कि बेरोजगारों को रोजी-रोजगार हेतु ऋण देने में शिथिलता बरतने वाले बैंकों की अब जवाबदेही तय होगी। यदि किसी भी अधिकारी/कर्मचारी द्वारा लापरवाही बरतने की शिकायत मिली तो निश्चित ही उनके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही अमल में लायी जाएगी तथा उनके उच्चाधिकारियों को पत्र प्रेषित करने की भी कार्यवाही की जाएगी।
बैठक में जिलाधिकारी को अवगत कराया गया कि मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के अन्तर्गत 09, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजनान्तर्गत 23, एक जनपद एक उत्पाद योजनान्तर्गत 03 एवं प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम योजना के तहत 26 आवेदनों को ऋण स्वीकृति प्रदान किया गया है।
बैठक में जिला विकास अधिकारी रामसमुझ, उपायुक्त स्वतः रोजगार राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन राजीव कुमार, मण्डलीय कार्यालय के अग्रणी जिला प्रबंधक जितेन्द्र नाथ श्रीवास्तव, अग्रणी जिला प्रबंधक सुभाष चन्द्र मित्रा, उपायुक्त उद्योग वी0के0 चौधरी, जिला उद्यान अधिकारी दिनेश चौधरी, आर0सेटी निदेशक सन्दीप यादव, जिला मिशन प्रबंधक राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन उपस्थित रहे।