अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा लगाया गया शिविर

महिलाओं में बढ़ रहे कैंसर के बचाव व उपचार पर हुई विशेष गोष्ठी

बदलता स्वरूप गोंडा। जिला जज ब्रजेन्द्र मणि त्रिपाठी के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव नितिन श्रीवास्तव अपर जिला जज की अध्यक्षता तथा मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ0 रश्मि वर्मा, जिला प्रोबेशन अधिकारी संतोष कुमार सोनी एवं राजकीय बालिका इण्टर कालेज गोण्डा की प्रधानाध्यापिका श्रीमती गीता त्रिपाठी की उपस्थिति में राजकीय बालिका इण्टर कालेज सभागार में सर्वाइकल कैंसर, लिंग समानता, बेटी बचाओं एवं महिलाओं के सशक्तीकरण नामक विषय पर शिविर किया गया। शिविर की अध्यक्षता कर रहे सचिव द्वारा शिविर में उपस्थित राजकीय बालिका इण्टर कालेज गोण्डा की अध्यपिकाओं, बालिकाओं एवं अपराजिता सेवा संस्था के उपस्थित सदस्यों को सम्बोधित करते हुये जानकारी दी कि आज अन्र्तराष्ट्रीय बालिका दिवस है। इसीलिए आज के दिन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा द्वारा सर्वाइकल कैंसर, लिंग समानता, बेटी बचाओं एवं महिलाओं के सशक्तीकरण नामक विषय पर विधिक जागरूकता/साक्षरता शिविर का आयोजन किया जा रहा है। आज हर जगह बालिकाओं/महिलाओं की उपस्थिति बढती जा रही है। बालिकायें/महिलाऐं उच्च शिक्षा, सरकारी नौकरी, प्राइवेट नौकरी के उच्च पद, खेल, राजनीति इत्यादि क्षेत्रों में अपना नाम कमा रही है। दिन-प्रतिदिन उक्त में उनकी भागीदारी बढती जा रही है, जो यह दर्शाती है कि बालिकायें/महिलाऐं किसी भी मामले में आज पुरूषों से कम नही हैं, उनसे बराबर की प्रतिस्पर्धा कर रही हैं, जो यह स्वयं दर्शाता है कि भारत में महिलाओं का सशक्तिकरण बहुत तेजी से हो रहा है। इसी तरह आप लोग आगे बढते रहिये एवं एक लक्ष्य बनाकर अपनी पढाई करें ताकि भविष्य में आप भारत को प्रत्येक क्षेत्र की ऊचाइयों में लें जायें। सचिव द्वारा आगे यह भी बतलाया गया कि आजकल भारत में बालिकाओं एवं महिलाओं सर्वाइकल कैंसर नामक बीमारी का प्रसार बहुत तेजी से हो रहा है। इसकी गम्भीरता को देखते हुये इसकी जानकारी एवं इससे बचाव के लिये माननीय उच्च न्यायालय, इलाहाबाद द्वारा इस विषय पर अधिक से अधिक जागरूकता शिविर आयोजित करने के लिये कहा गया है। उसी के अनुपालन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा द्वारा आप लोगों के समक्ष इस विषय पर भी एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया जा रहा है। भारत में प्रत्येक वर्ष लगभग 70 हजार महिलाओं की मृत्यु इसी कैंसर के कारण हो रही है। यह कैंसर वायरस जनित है एवं इसकी वैक्सीन मौजूद है। इस कैंसर का कारण एवं इससे बचाव के बारे में विस्तृत जानकारी आपको मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा दी जायेगी। शिविर में उपस्थित जिला अस्पताल गोण्डा की मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ0 रश्मि वर्मा द्वारा शिविर को सम्बोधित करते हुये बतलाया गया कि आजकल सर्वाइकल कैंसर बहुत ही संजीदा विषय है, इसलिये स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से इसकी जानकारी आप लोगों को होना अति आवश्यक है। सर्वाइकल कैंसर आज लाइलाज नही है। सर्वाइकल कैंसर को गर्भाशय के मुंह का कैंसर कहते हैं। यह तब होता है, जब कोशिकाएं गर्भाशय ग्रीवा के प्रवेश द्वार में असामान्य रूप से विकसित होने लगती हैं। यह कोशिकायें गर्भाशय की गर्दन या संकीर्ण हिस्सा में होती है।

यह कैंसर एक वायरस जनित रोग है। यह ह्यूमन पैपिलोमा वायरस अर्थात एच-पी-वी से फैलता है। सरवाइकल कैंसर के शुरुआती चरण में कुछ ऐसे लक्षण दिखते हैं, जिस पर किसी का ध्यान नहीं जाता है। हालांकि, गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के लक्षणों की पहचान में अनियमित एवं अत्यधिक रक्त स्राव, पेशाब के दौरान दर्द, मासिक धर्म चक्र में अनियमितता, रजोनिवृत्ति के बाद होने वाली रक्तस्राव, पेल्विक क्षेत्र के पास होने वाला अस्पष्टीकृत दर्द, भारी असामान्य पानी का निर्वहन, जो गंदा महकदार जैसा हो सकता है, इत्यादि। सर्वाइकल कैंसर के बचाव हेतु 09 से 15 वर्ष अवस्था की बालिकाओं को डेढ हफ्ते के अन्तराल पर 02 वैक्सीन दी जाती है तथा 15 वर्ष से अधिक व 45 वर्ष तक की उम्र की महिलाओं को 02 माह एवं 06 माह के अन्तराल पर 03 वैक्सीन दी जाती है। इसके अलावा महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के परीक्षण हेतु स्क्रीनिंग की जाती है। एक बार स्क्रीनिंग होने के पश्चात 03 वर्ष तक के लिये महिलायें इस कैंसर से सुरक्षित हो जाती है। महिलाओं में स्क्रीनिंग 20 वर्ष की उम्र से लेकर 60 वर्ष तक की जा सकती है। स्क्रीनिंग से ही इसका प्राथमिक स्तर पर पता चल जाता है। स्क्रीनिंग के पश्चात यदि किसी महिला में इसके लक्षण दिखाई पडते हैं तो इसको बढने से या…