अपर जिला जज द्वारा कारागार का निरीक्षण कर लगवाई गई साक्षरता शिविर

बदलता स्वरूप गोंडा। जनपद न्यायाधीश ब्रजेन्द्र मणि त्रिपाठी के निर्देशानुसार जिला कारागार में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन एवं महिला बैरक, किशोर बैरक व कारागार अस्पताल का निरीक्षण जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव नितिन श्रीवास्तव, अपर जिला जज द्वारा किया गया। शिविर के दौरान जेल अधीक्षक प्रमोद कुमार सिंह द्वारा सचिव को अवगत कराया गया कि आज की तिथि में कुल 1000 बन्दी कारागार में निरूद्ध हैं, जिसमें से सिद्धदोष बन्दी 169 विचाराधीन बन्दी 816 तथा अस्पताल में कुल 14 बन्दी भर्ती थे, जिनमें से सिद्धदोष बन्दी 03 व विचाराधीन बन्दी 11 हैं तथा 01 एन0एस0ए0 बन्दी है। विधिक साक्षरता शिविर के दौरान सचिव द्वारा कारागार में निरूद्ध विचाराधीन बन्दियों को बताया गया कि जिन विचाराधीन बन्दियों की जमानत आज से पूर्व हो चुकी है किन्तु जमानत बन्ध पत्र दाखिल न होने के कारण उनकी रिहाई अभी तक नही हुई है, वह अतिशीघ्र न्यायालय में जमानत बन्ध पत्र दाखिल करावें तथा जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नही है, वे इस सन्दर्भ में कारागार में नियुक्त पीएलवी अथवा जेल के पैनल अधिवक्ता के माध्यम से एक प्रार्थना पत्र सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के नाम प्रेषित करावें। तत्पश्चात उनके रिहाई के सम्बन्ध में नियमानुसार विधिक कार्यवाही की जायेगी। इस शिविर के दौरान सचिव द्वारा विगत साक्षरता शिविर के पश्चात जिला कारागार में आये नये बन्दियों से भी मुलाकात की गयी तथा उनसे कहा गया कि वे अपने प्रकरणों की पैरवी अधिवक्ता के माध्यम से करायें, यदि कोई बन्दी आर्थिक विपन्नता के कारण अधिवक्ता नियुक्त करने में असमर्थ है तो उसे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा द्वारा निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराया जायेगा। साक्षरता षिविर के दौरान ही 03 बन्दी ने कथन किया कि उनकी जमानत हो चुकी है किन्तु वे आर्थिक तंगी के कारण जेल से रिहा नही हो पा रहे हैं। साक्षरता शिविर में ही 02 बन्दी ने कथन किया कि उनके वाद की पैरवी हेतु कोई अधिवक्ता नही है, उन्हें सरकारी अधिवक्ता दिलाया जाये तथा 01 बन्दी ने कथन किया कि उसके हाई कोर्ट बेल का स्टेटस पता करवा दीजिये। सचिव द्वारा शिविर में ही कार्यवाही करते हुए जेल के पी0एल0वी0 राजमणि शुक्ला, राम सिंह व अतुल कुमार को आदेशित किया कि उक्त बन्दियों के लिये आर्थिक तंगी व निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में प्रार्थना पत्र लिखकर बन्दियों द्वारा हस्ताक्षरित अथवा निशानी अंगूठा लगवाकर उसको जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा को प्रेषित करायें तथा जिस बन्दी ने उच्च न्यायालय में अपनी जमानत के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करनी चाही है, उसे अविलम्ब जनकारी प्रदान करें। इस दौरान सचिव द्वारा महिला बैरक का निरीक्षण किया गया। महिला बैरक के निरीक्षण के दौरान महिला बैरक की प्रभारी श्रीमती रंजना शुक्ला से पूंछतांछ की गयी। महिला बैरक की प्रभारी श्रीमती रंजना शुक्ला द्वारा सचिव को अवगत कराया गया कि वर्तमान में महिला बैरक में 62 महिला बन्दी निरूद्ध हैं, जिनमें से 15 सिद्धदोष बन्दी तथा 47 विचाराधीन महिला बन्दी हैं। महिला बैरक के निरीक्षण के दौरान सचिव द्वारा महिला बन्दियों से मिला गया तथा उनका हाल-चाल लिया गया।

सचिव द्वारा महिला बैरक के महिला बन्दियों द्वारा कौशल विकास के तहत कढाई कर तैयार किये जा रहे परिधानों को देखा गया। इसके साथ ही सचिव द्वारा वहां उपस्थित महिला बन्दियों से प्रातः मिले भोजन के बावत पूंछतांछ की गयी तो महिला बन्दियों द्वारा बताया गया कि उन्हें प्रातः कालीन के भोजन में रोटी, चावल, दाल-अरहर मसूर चना उडद, सब्जी में आलू व गरम साग दिया गया था।इसी दौरान सचिव द्वारा किषोर बैरक का गहनता से निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान उपकारापाल द्वारा अवगत कराया गया कि वर्तमान में जिला कारागार गोण्डा में 31 किशोर बन्दी, किषोर बैरक में निरूद्ध हैं, जिसमें 29 विचाराधीन बन्दी तथा 02 सिद्धदोष बन्दी है। सचिव द्वारा किशोरों से वार्तालाप के दौरान 02 किशोरों ने अवगत कराया कि घटना के समय उनकी आयु 18 वर्ष से कम थी, जिस पर सचिव द्वारा उनको बतलाया गया कि यदि वे कभी भी-कहीं भी-किसी भी विद्यालय में कोई शिक्षा ग्रहण की है, तो वे उम्र के बावत अंक तालिका अथवा स्थानान्तरण प्रमाण पत्र मंगाकार उसे सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा को प्रेषित कराये ताकि उस पर अग्रिम कार्यवाही की जा सके। सचिव द्वारा जिला कारागार के बैरक सं0-15बी का निरीक्षण किया गया, जहां पर 02 बन्दियों द्वारा सरकारी अधि…