बदलता स्वरूप बलरामपुर। नगर के सिटी पैलेस रोड पर राम लीला मैदान में श्री श्री108 सत्य प्रचारिणी रामलीला समिति द्वारा भव्य मंचन किया है। रामलीला में धनुष यज्ञ, सीता स्वयंवर, रावण बाणासुर संवाद लक्ष्मण परशुराम संवाद आदि का मंचन किया गया। स्थानीय कलाकारों द्वारा मंचन के दौरान धनुष यज्ञ और सीता स्वयंवर की लीला का मंचन किया गया। धनुष भंग होते ही जय श्री राम के जयकारों से माहौल भक्तिमय हो गया। रामलीला देखने के लिए भक्तों की भीड़ जुट रही है।
जनकपुर में पहुंचे राम और लक्ष्मण को देखकर जनकपुर वासी उन्हें देखते ही रह गए। सीता स्वयंवर में एक-एक कर सभी राजाओं ने धनुष उठाने का प्रयास किया मगर शक्तिशाली राजा धनुष को हिला तक न सके जिसके बाद जनक परेशान हो गए और विलाप कर कहने लगे कि क्या यह धरती वीरों से विहीन हो गई है। तब लक्ष्मण ने क्रोधित हो गए। ऋषि विश्वामित्र ने लक्ष्मण का क्रोध शांत कराया बाद में राम ने गुरु की आज्ञा से धनुष को प्रणाम करते हुए उठाया और धनुष पर जैसे ही प्रत्यंचा चढ़ाई धनुष गर्जना के साथ टूट गया। धनुष टूटते ही जय श्रीराम के जयकारों के माहौल भक्तिमय हो गया। धनुष टूटने पर देवताओं ने आकाश से पुष्पवर्षा की। धनुष टूटने पर भगवान परशुराम की तपस्या टूट गई। जनकपुर पहुँचे परशुराम का लक्ष्मण के साथ संवाद हुआ।
रामलीला में श्रीराम का अभिनय कुँवर आनंद पाण्डेय, लक्ष्मण का वेद प्रकाश करूष,रावण रमेश पाठक, परशुराम अमित त्रिपाठी, जनक नंदराम, बाणासुर का अभिनय चिंतामणि द्वारा निभाई गई। मंचन कार्यक्रम को देखने के लिए दूर दराज से आए हुए लोगों की भीड़ उमड़ी। इस दौरान बाहर से आए हुए कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। सुरक्षा व्यवस्था के दृष्टिगत प्रशासन द्वारा पुलिस की बल तैनात किया गया है।
