बदलता स्वरूप बलरामपुर। 51 वीं यू पी बटालियन एन सी सी बलरामपुर के तत्वावधान में बनवारी देवी अशोक कुमार स्मारक महाविद्यालय सिरसिया श्रावस्ती में चल रहे आल इंडिया यू पी ट्रैक -2nd के तीसरे दिन कैडेटों को ट्रैक रूट पर भेजा गया। इस दौरान सुहेलवा ग्रुप के केडेटों ने श्रावस्ती के विभिन्न ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कर जानकारी प्राप्त की। गुरुवार को बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर व कैम्प कमांडेंट कर्नल अरविन्द प्रताप सिंह पटवाल के निर्देशन में सुहेलवा ग्रुप के जिसमे उत्तर प्रदेश निदेशालय के 101 कैडेट गौतम बुद्ध की तपोस्थली श्रावस्ती का भ्रमण किया। एन सी सी अधिकारी मेजर ए एच खान,लेफ्टिनेंट शशांक, थर्ड ऑफिसर प्रमोद कुमार, सूबेदार आनरी लेफ्टिनेंट सूबेदार गुरनैल सिंह की अगुवाई में सुहेलवा ग्रुप के कैडेट्स श्रावस्ती पहुचे। केडेटों को यहां की पौराणिक महत्व की जानकारी देते हुए बताया गया कि आज का “सहेत-महेत” गाँव ही “श्रावस्ती” है। सहेत महेत ग्राम एक दूसरे से लगभग डेढ़ फर्लांग के अंतर पर स्थित हैं। प्राचीन काल में यह कौशल देश की दूसरी राजधानी थी। भगवान राम के पुत्र लव ने इसे अपनी राजधानी बनाया था। यहाँ अवधी भाषा बोली जाती है। श्रावस्ती बौद्ध व जैन दोनों का तीर्थ स्थान है। तथागत दीर्घ काल तक श्रावस्ती में रहे थे। यहाँ के श्रेष्ठी अनाथपिण्डिक असंख्य स्वर्ण मुद्राएँ व्यय करके भगवान बुद्ध के लिए जेतवन बिहार बनवाया था। अब यहाँ बौद्ध धर्मशाला, मठ और मन्दिर हैं। यह बुद्धकालीन नगर था, जिसके भग्नावशेष राप्ती नदी के दक्षिणी किनारे पर फैले हुए हैं। केडेटों श्रावस्ती विभिन्न मंदिरों का भ्रमण कर अन्य ऐतिहासिक व पौराणिक कथाओं की जानकारी प्राप्त की।
