प्रसिद्ध पीठ अशर्फी भवन के भव्य श्री माधव भवन में चैत्र नवरात्रिरामनवमी के पावन अवसर पर आयोजित सप्त दिवसीय अष्टोत्तर शत श्रीमद भागवत कथा का शुभारंभ कलश यात्रा के साथ हुआ

अयोध्या प्रसिद्ध पीठ श्री अशर्फी भवन में देश के विभिन्न स्थानों से श्री वृंदावन वाराणसी अयोध्या हरिद्वार चित्रकूट ओमकारेश्वर से पधारे 151 विद्वानों द्वारा श्रीमद्भागवत महापुराण पाठ नवान श्री रामचरितमानस पारायण वेद पारायण एवं भगवान का पंचारात्र आगम पद्धति से पूजन अर्चन के साथ-साथ श्रीमद् भागवत कथा का लाइव प्रसारण आस्था भजन मैं चल रहा व्यास पीठ पर विराजित अनंत श्री विभूषित जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री धराचार्य जी महाराज ने कथा के प्रारंभ में सभी भक्तों को नववर्ष की शुभकामनाएं शुभ आशीष प्रदान कियावैदिक पद्धति से वेद शास्त्रों के मतानुसार हम सभी जीवो को पर्व संवत्सर और त्योहार मनाने चाहिए इसी से भगवान प्रसन्न होते हैं कथा का प्रारंभ भागवत महात्म्य से किया महाराज श्री ने भागवत का महत्व बताते हुए कहां सत चित आनंद कंद भगवान को हम सब प्रणाम करते हैं जो सृष्टि कर्ता और सृष्टि पालक हैं ऐसे प्रभु के चरणों में बारंबार प्रणाम जन्म जन्मांतर ओके जब पुण्य उदय होते हैं तभी सप्तपुरी ओ में प्रतिष्ठित है श्री अवधपुरी में श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करने का अवसर प्राप्त होता है एक बार मृत्युलोक में भ्रमण करते हुए देवर्षि नारद कर्नाटक गुजरात होते हुए वृंदावन धाम में पहुंचे मूर्छित अवस्था में पड़े हुए ज्ञान वैराग्य और मां भक्ति से मिलन हुआ परोपकारी नारद ने मां भक्ति से ज्ञान वैराग्य के दुख का कारण पूछा नारद जी ने ज्ञान वैराग्य की मूर्छा खोलने हेतु वेद शास्त्रों गीता का पाठ किया लेकिन ज्ञान वैराग्य की मूर्छा नहीं खुली नारद जी बड़े दुखी हुए आकाशवाणी को सुनकर सनत सनंदन सनातन सनत कुमार जी के द्वारा श्रीमद भागवत कथा का श्रवण ज्ञान वैराग्य को कराया भागवत कथा को सुनकर मूर्छित अवस्था में पढ़े हुए ज्ञान वैराग्य की निद्रा भंग हो गई नृत्य करने लगे चिंता मणि को पाकर केवल लौकिक सुख प्राप्त कर सकते हैं कल्पवृक्ष स्वर्ग में सुख दिला सकता है लेकिन सद्गुरु की कृपा यदि जीवन में हो जाए तो वैकुंठ की प्राप्ति होती हैआत्म देव और धुंदली की कथा श्रवण कराते हुए महाराज श्री ने कहा प्रेत रूप में पढ़े हुए धुंधकारी के उद्धार के लिए गोकर्ण जी ने गया में श्राद्ध किया तिलांजलि दान किया लेकिन धुंधकारी को मुक्ति नहीं मिली वेद विद्या के ज्ञाता गोकर्ण जी ने श्रीमद् भागवत कथा का समायोजन किया भागवत कथा को श्रवण करके प्रेत रूप में पड़े हुए धुंधकारी की मुक्ति हो गई श्रीमद् भागवत कथा प्रेत पीड़ा विनाशिनी है भागवत के प्रमुख श्रोता

राजेंद्र परीक्षित के जन्म की कथा का इतिहास बताते हुए महाराज श्री ने कहा भगवान शरणागत की रक्षा करते है उत्तरा के गर्भ में भगवान अश्वत्थामा के द्वारा चलाए गए ब्रह्मास्त्र से राजेंद्र परीक्षित की रक्षा करते है जन्म जन्मांतरों के जब पुण्य उदय होते हैं तब श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करने का अवसर प्राप्त होता हैवेद वेदांत का परिपक्व फल है श्रीमद् भागवत देश के विभिन्न प्रांतों से पधारे हुए सभी भक्तजन श्री अवध धाम में भागवत कथा का रसपान करके अपने जीवन को कृतार्थ कर रहे हैं कथा का समय मध्यान्ह 3:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक हैभक्तजन कथा में पहुंचकर अपने जीवन को धन्य करें