अपर जिला जज द्वारा कारागार का निरीक्षण कर लगवाई गई विधिक साक्षरता शिविर

बदलता स्वरूप गोंडा। प्रभारी जनपद न्यायाधीश श्रीमती पूजा सिंह के निर्देशानुसार जिला कारागार गोण्डा में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन एवं कारागार का निरीक्षण जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव नितिन श्रीवास्तव, अपर जिला जज द्वारा किया गया। उक्त साक्षरता शिविर के दौरान जेल अधीक्षक प्रमोद कुमार सिंह द्वारा सचिव को अवगत कराया गया कि आज की तिथि में कुल 981 बन्दी कारागार में निरूद्ध हैं, जिसमें से सिद्धदोष बन्दी 175 विचाराधीन बन्दी 789 तथा अस्पताल में कुल 16 बन्दी भर्ती थे, जिनमें से सिद्धदोष बन्दी 03 व विचाराधीन बन्दी 13 हैं तथा 01 एन0एस0ए0 बन्दी है। विधिक साक्षरता शिविर के दौरान सचिव द्वारा कारागार में निरूद्ध विचाराधीन बन्दियों को बताया गया कि जिन विचाराधीन बन्दियों की जमानत आज से पूर्व हो चुकी है किन्तु वे आर्थिक स्थिति अच्छी नही होने के कारण अब तक जमानत बन्ध पत्र दाखिल नही कर पाये हैं, वे इस सन्दर्भ में कारागार में नियुक्त पीएलवी अथवा जेल के पैनल अधिवक्ता के माध्यम से आर्थिक तंगी का एक प्रार्थना पत्र सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के नाम प्रेषित करावें। तत्पश्चात मेरे द्वारा आपकी जमानत की शर्तों को शिथिल करने के सम्बन्ध में नियमानुसार विधिक कार्यवाही की जायेगी। इस शिविर के दौरान सचिव द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि वे विचाराधीन बंदी, जिनका विचारण मजिस्ट्रेट के यहां चल रहा है, उनका आरोप बन गया है किन्तु आरोप बनने के ढाई माह पश्चात अभी तक विचारण पूर्ण नही हो पाया है, वे विचाराधीन बन्दी जमानत प्राप्त करने के अधिकारी हैं।

इसके अतिरिक्त जिन विचाराधीन बंदियों के मामले धारा 320 दं0प्र0सं0 के अन्तर्गत आते हैं, वे अपने विचारण का शमन करा सकते हैं। जिन विचाराधीन बंदियों के पास अधिवक्ता नही हैं उन्हें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की तरफ से सरकारी अधिवक्ता उपलब्ध कराया जायेगा। इसी दौरान सचिव द्वारा महिला बैरक में भी साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस दौरान सचिव द्वारा उन नई महिला बन्दियों से मुलाकात की गयी, जो इस दौरान महिला बैरक में आई हैं, उनसे अधिवक्ता के बारे में पूंछतांछ की गयी, जिस पर बैरक में आई नई महिला बन्दियों द्वारा सचिव को अवगत कराया गया कि उनके पास अपने अधिवक्ता हैं। इसी दौरान सचिव द्वारा किशोर बैरक का भी निरीक्षण किया गया। दौरान निरीक्षण कारागार अधीक्षक द्वारा अवगत कराया गया कि आज की तिथि में कुल 35 किशोर, किशोर बैरक में निरूद्ध है, जिनमें से 03 किषोर दोषसिद्ध हैं शेष 32 विचाराधीन किशोर हैं। आज 03 किशोर पेशी पर न्यायालय गये हुये हैं। निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि 07 बन्दी ऐसे हैं, जिनकी आयु प्रथम दृष्टया 18 वर्ष से कम आयु प्रतीत होती है। सचिव द्वारा उपस्थित कारागार अधीक्षक को आदेशित किया गया कि इन किशोरों की आयु के सम्बन्ध में इनके परिजनों से उनकी (किशोरों) किसी भी कक्षा की मार्कशीट अथवा प्रमाण पत्र लेकर पता लगायें कि घटना के वक्त इनकी आयु 18 वर्ष से कम या अधिक थी, यदि घटित घटना के वक्त इनकी आयु 18 वर्ष से कम थी, तो इनका विचारण, विचारण न्यायालय में न चलकर किशोर न्याय बोर्ड में चलेगा। निरीक्षण के दौरान सचिव द्वारा पाकशाला का भी निरीक्षण किया गया। पाकशाला में सायंकालीन भोजन की तैयारियां की जा रही थी। पाकशाला इन्चार्ज द्वारा बताया गया कि सायंकालीन भोजन में आज बन्दियों को रोटी, चावल, दाल-साबूत मसूर व आलू, गरम साग की सब्जी दी जायेगी। पाकशाला में साफ-सफाई थी, बर्तन भी साफ-सुथरे थे।

इसके उपरान्त सचिव द्वारा जिला कारागार के अस्पताल का निरीक्षण किया गया। जिला कारागार के अस्पताल के निरीक्षण के दौरान जिला कारागार के अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं बन्दियों से मुलाकात की गयी तथा हाल-चाल पूंछा गया। आज के विधिक साक्षरता शिविर एवं निरीक्षण के दौरान डिप्टी जेलर विवेक सिंह एवं अन्य बन्दी रक्षक तथा ए0डी0आर0 सेन्टर के कनिष्ठ लिपिक कन्हैया लाल तिवारी व अंकित वर्मा उपस्थित रहे।