आज 24 लाख दीपों से जगमगाएगी रामनगरी

अपने ही रिकॉर्ड को तोड़कर पुनः गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में में दर्ज होगी दीपोत्सव

बृजेश सिंह विशेष संवाददाता
बदलता स्वरूप गोंडा। भगवान राम की लंका पर विजय का स्मरण करने वाले दीपोत्सव का प्रत्येक संस्करण भव्यता का नया-नया प्रतिमान गढ़ता चला जा रहा है। इस बार भगवान श्री राम लक्ष्मण सीता सहित जब बनवासी के वेश में पुष्पक विमान से अयोध्या की धरती पर उतरेंगे, तो गुरु वशिष्ठ की भूमिका में योगी आदित्यनाथ उनकी अगवानी करेंगे।साथ में राज्यपाल आनंदी बेन भी मौजूद रहेंगी। सातवें संस्करण के दीपोत्सव अनेक कीर्तिमान बनाने जा रहा है। इस बार का उत्सव इसलिए भी अनूठा होगा क्योंकि शताब्दियों के संघर्ष का प्रतिफल राम मंदिर के रूप में सरकार को हो रहा है और 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में रामलला का विग्रह नव निर्मित मंदिर के गर्भगृह में स्थापित होने जा रहा है। इस बार दीपकों की आभा और भी दिव्य अनुभूति कराने वाली होगी। क्योंकि रामनगरी विजय और उल्लास की स्मृति से निहाल हो रही है। यह स्मृति अयोध्या के राजा राम की लंका पर विजय तक ही सीमित नहीं है, असत्य पर सत्य की जीत, अन्याय पर न्याय और अज्ञान रूपी अंधकार पर ज्ञान रूपी प्रकाश की विजय की भी स्मृति पर्व है। इस नगरी ने युगों की यात्रा की है और इस यात्रा में विजय उल्लास की स्मृति की ऐसी थाती बन गई है, जिससे श्री राम और रामनगरी की पहचान परिपूर्ण होती है। युगों की यात्रा के बाद भी विजय उल्लास का रंग फीका नहीं पड़ा बल्कि चटक हुआ है, इस सच्चाई की भव्य बानगी है राम नगरी। यूं तो श्री राम की विजय के स्मृति का पर्व कार्तिक अमावस्या के दिन मनाया जाता रहा है किंतु वर्ष 2017 में प्रदेश की सत्ता संभालते ही गोरक्षनाथ पीठाधीश्वर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छोटी दीपावली के दिन मेगा इवेंट के रूप में इस दीपोत्सव की शुरुआत की। पहले संस्करण में ही राम की पैड़ी पर रिकॉर्ड 187000 दीपक जले। पुष्पक विमान के प्रतीक हेलीकॉप्टर से सरयू तट पर राम सीता के स्वरूप उतरे। योगी ने मुक्त काशी रंगमंच राम कथा पार्क में भगवान राम का तिलक किया। दूसरा संस्करण उत्सव की परिपाटी को शिखर देने वाला बना। प्रज्जवलित दीपों की संख्या 3 लाख 11000 तक जा पहुंची और सर्वाधिक दीप जलने के साथ रामनगरी गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुई। सुदर्शन पटनायक जैसे शीर्ष कलाकार ने सरयू की रज से भगवान राम और हनुमान जी की मनोहारी मूर्ति बनाई। रामनगरी में दीपोत्सव का हर संस्करण भव्यता का प्रतिमान गढ़ रहा है। दीपोत्सव के तीसरे संस्करण में साढे चार लाख से अधिक तो चौथे संस्करण में पैडी परिसर में ही 6 लाख 6000 दीप जलाए गए। पांचवा संस्करण उत्सव धर्मिता का और भी नया अध्याय प्रशस्त करने वाला सिद्ध हुआ।

इस बार कुल 941000 दीप जलाए गए। जबकि दीपोत्सव के छठे संस्करण में अकेले पैड़ी परिसर में ही 15 लाख दीप जलाए गए। संपूर्ण नगरी में जलाए जाने वाले दीपों की संख्या 18 लाख से अधिक थी। इस बार 24 लाख दीपों के साथ अयोध्या के दीपोत्सव को लगातार छठी बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में दर्ज कराने की तैयारी है। इसकी जिम्मेदारी 25 हजार स्वयंसेवकों को सौंपी गई है। पहले दिन ही 24 लाख दीप जलाए जाने के लक्ष्य के सापेक्ष पैड़ी परिसर में 17 से 18 लाख दीप तथा यथास्थान संयोजित कर दिए गए हैं। दीपोत्सव का मुख्य आयोजन 11 अक्टूबर को है। इसके दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहेंगे और रामनगरी एक बार फिर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड में अपना नाम दर्ज करा कर अयोध्या के दीपोत्सव को अमर बना देगी।