पायनियर स्कूल में मनाई गई गुरु नानक जयंती

बदलता स्वरूप बलरामपुर। पॉयनियर पब्लिक स्कूल एण्ड कॉलेज, बलरामपुर में ‘‘गुरू नानक जयंती‘‘ का आयोजन किया गया। इस जयंती के अवसर पर विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक डा0 एम0पी0 तिवारी नें माँ सरस्वती जी व गुरू नानक जी के चित्र पर माल्यापर्ण करके द्धीप प्रज्जवलित किया तथा गुरू नानक देव जी के जीवन व चरित्र के बारे में बच्चों को बताया कि गुरू नानक जी एक महान संत थे जो हमेशा सभी धर्मो को समान रूप में मानते थे, इन्होनें पूरे भारत का भ्रमण किया। गुरूनानक देव जी सिखों के प्रथम गुरू थे। नानक जी का जन्म 1469 में कार्तिका पूर्णिमा को पंजाब पाकिस्तान क्षेत्र में रावी नदी के किनारे तलवंडी नामक गांव में हुआ था। सन् 1521 तक इन्होनें तीन यात्रा चक्र पूरे किये जिनमें भारत, अफगानिस्तान, फारस और अरब के मुख्य-मुख्य स्थानों का भ्रमण किया। इन यात्राओं को पंजाबी में उदासियाँ कहा जाता है। साथ ही विद्यालय के छात्र-छात्राओं को गुरूनानक देव जी आदर्शो के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
‘‘गुरू नानक जयंती‘‘ के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम, कला प्रतियोगिता तथा भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम में विद्यालय की छात्राओं में हिंमाशी, श्रेयसी, समृद्धि, नव्या, आशिता, आराध्या, सुभिक्षा, नित्या, सिमर, आयुशी, देवांशी, आस्था मिश्रा ने एक मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया। कला प्रतियोगिता में तनमय, सिमर, शाहवी, अभ्युदय, नैना, अर्थव, वर्णित, यशी, सुदांशु, यती प्रकाश, प्रशांत, आर्कष, मेधावी, मानवी, अनुष्का, रत्नप्रिया एवं सौम्या आदि बच्चों अपनी-अपनी कला का प्रदर्शन किया।

भाषण के अन्तर्गत तनमय, विनायक, आदित्य, वीरा, वैष्णवी, ख्याति, अविरल, यशी, मरियम, विराट, तनय, रिया, रत्नप्रिया, माशू, अंशिका, अदिती एवं जितेन्द्र ने अपना-अपना विचार गुरू नानक देव जी के बारे में प्रस्तुत किया। गुरू नानक जयंती के अवसर पर विद्यालय के सह निर्देशक आकाश तिवारी, उप प्रधानाचार्या/प्रधानाचार्य शिखा पाण्डेय, राघवेन्द्र त्रिपाठी, अध्यापकगण ए0के0 तिवारी, पूनम चौहान, राजमणि, लता श्रीवास्तव, नीलम श्रीवास्तव, नेहा श्रीवास्तव, रूबी त्रिपाठी, अर्चना श्रीवास्तव, विश्वनाथ तिवारी, कपिल निषाद, दुर्गा प्रसाद यादव, आशुतोष मिश्रा, उर्वशी शुक्ला, अपर्णा पटवा, राजीव श्रीवास्तव एवं मनोज शुक्ला आदि उपस्थित होकर ‘‘गुरू नानक जयंती‘‘ को मनाया गया।