बदलता स्वरूप गोंडा। जनपद न्यायाधीश प्रमोद कुमार श्रीवास्तव-।। के आदेश के आलोक में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के सचिव नितिन श्रीवास्तव अपर जिला जज की अध्यक्षता में विकास खण्ड झंझरी सभागार में महिलाओं के लिए समर्पित महिला सशक्तिकरण विषय पर विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन दीप प्रज्जवलित कर किया गया। विधिक जागरूकता शिविर का संचालन रिसोर्स पर्सन अविनाश चन्द्र श्रीवास्तव तथा समाजसेवी रूचि मोदी द्वारा किया गया। संचालन के दौरान रिसोर्स पर्सन अविनाश चन्द्र श्रीवास्तव द्वारा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण से लेकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यप्रणालियों की जानकारी देते हुये बताया गया कि किस तरह से आप निःशुल्क विधिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं एवं उसकी पात्रता क्या है। रिसोर्स पर्सन द्वारा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित हेल्पलाइन 15100 के साथ टेली लाॅ प्रोजेक्ट के सम्बन्ध में विस्तार पूर्वक बताया व समझाया गया। रिसोर्स पर्सन रूचि मोदी के द्वारा वैवाहिक विवादों के प्रीलिटिगेशन एवं महिलाओं के कार्यस्थल पर छेड़-छाड़ व यौन उत्पीड़न से संरक्षण का अधिकार, पुरूषों के समान पारिश्रमिक का अधिकार विषय पर विशेष रूप से जनकारी दी गयी। जिला प्रोबेशन अधिकारी की ओर से बाल कल्याण अधिकारी चन्द्रमोहन वर्मा द्वारा महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजना यथा मिशन शक्ति, निराश्रित महिला पेंशन योजना, कन्या सुमगंला योजना, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना एवं स्पान्शरशिप योजना की जानकारी देते हुये महिला सशक्तिकरण पर विस्तृत जानकारी दी गयी।
श्रम विभाग के ओर से उपस्थित श्रम प्रवर्तन अधिकारी योगेश दीक्षित द्वारा उ0प्र0 भवन एवं सन्निमार्ण कल्याण बोर्ड द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दी गयी कि किस तरह से आप लोग बोर्ड में अपना पंजीकरण कराकर लाभकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। महिला थाना के ओर से उपस्थित सीमा वर्मा द्वारा सभी महिलाओं को साइबर क्राइम की जानकारी दी गयी, उनके द्वारा अवगत कराया गया कि आप सभी महिलायें स्मार्ट फोन का उपयोग कर रही हैं। स्मार्ट फोन में किसी भी अपरचित व्यक्ति की वीडियो काल आने पर उसे कभी न उठायें, अगर आपको लगता है कि जरूरी है तो उससे आप आडियो काल के जरिये बात कर लें। इसके अलावा आप के पास यदि कोई मैसेज आता है कि आप का लोन स्वीकृत हो गया है, आपकी लाटरी लग गयी है इत्यादि, का कभी भी जवाब न दें। यदि आप बैंक के खाते से कोई फ्राड होता है तो उसकी सूचना 24 घन्टे के अन्दर साइबर सेल में दें तथा किसी भी सोशल नेटवर्किंग साइट पर अपना व्यक्तिगत विवरण न दें। सोशल नेटवर्किंग साइट में अपना फ्रेंड केवल अपने परिचितों को ही बनाये, किसी अपरचित को नही। वन स्टाप सेन्टर की अधीक्षिका स्वाति पाण्डेय द्वारा पीड़ित महिला अथवा बालिका को वन स्टाप सेन्टर में 05 दिन के अस्थायी संरक्षण के बारे में जानकारी दी गयी, उनके द्वारा यह भी बताया गया कि वन स्टाप सेन्टर में उन्हें निःशुल्क विधिक सहायता व चिकित्सा सहायता दिया जाता है। जिला कार्यक्रम अधिकारी धर्मेन्द्र गौतम द्वारा महिला कल्याण एवं समेकित बाल विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत संचालित आंगनबाडी कार्यकम के आयोजन एवं लाभों की जानकारी दी गयी। जिला पंचायत राज अधिकारी लालजी दूबे एवं खण्ड विकास अधिकारी चन्द्रशेखर द्वारा उपस्थित सभी महिला ग्राम प्रधान, आंगनबाडी कार्यकत्री, ए0एन0एम0 व आशा बहुओं को जानकारी दी गयी कि आप सभी लोग अपने-अपने ग्राम पंचायतों में स्वच्छता हेतु शौचालयों का प्रयोग करने हेतु प्रेरित करें तथा जो भी जानकारी आपको यहो दी जा रही है उसका प्रचार-प्रसार ग्राम पंचायत की अन्य महिलाओं के मध्य करें। शिविर में उपस्थित महिलाओं को तहसील सदर के तहसीलदार सत्यपाल सिंह द्वारा बताया गया कि तहसील स्तर पर राजस्व मामलों के त्वरित निस्तारण किया जा रहा है। तहसील स्तर पर कृषक दुघर्टना बीमा योजना, फसल बीमा योजना के अन्तर्गत सहायता राशि प्रदान करने के सम्बन्ध में घटना के घटित होने पर दावा प्रस्तुत करना जरूरी है, वर्तमान में सभी योजनाये कम्प्यूटरीकृत हो गयी हैं, इस कारण अब सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने से राहत मिल गया है और समस्त जांच आनलाइन कम्प्यूटर के माध्यम से करके सभी योजनाओं का त्वरित लाभ दिया जाने लगा है। यदि किसी महिला के नाम जमीन की रजिस्ट्री होती है, तो उसे स्टाम्प ड्यूटी में एक प्रतिषत की छूट का भी प्रावधान किया गया है।
मुख्य चिकितसा अधिकारी रश्मि वर्मा द्वारा उपस्थित महिलाओं को नालसा हेल्पलाइन नम्बर, महिला सशक्तिकरण की जानकारी दी गयी। साथ ही साथ महिलाओं में होने वाले सर्वाइकल कैंसर की जानकारी देते हुये बताया गया कि सर्वाइकल कैंसर को गर्भाशय के मुंह का कैंसर कहते हैं। यह तब होता है, जब कोशिकाएं गर्भाशय ग्रीवा के प्रवेश द्वार में असामान्य रूप से विकसित होने लगती हैं। यह कोशिकायें गर्भाशय की गर्दन या संकीर्ण हिस्सा में होती है। यह कैंसर एक वायरस जनित रोग है। यह ह्यूमन पैपिलोमा वायरस अर्थात एच-पी-वी से फैलता है। सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती चरण में कुछ ऐसे लक्षण दिखते हैं, जिस पर किसी का ध्यान नहीं जाता है। हालांकि, गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के लक्षणों की पहचान में अनियमित एवं अत्यधिक रक्त स्राव, पेशाब के दौरान दर्द, मासिक धर्म चक्र में अनियमितता, रजोनिवृत्ति के बाद होने वाली रक्तस्राव, पेल्विक क्षेत्र के पास होने वाला अस्पष्टीकृत दर्द, भारी असामान्य पानी का निर्वहन, जो गंदा महकदार जैसा हो सकता है, इत्यादि। सर्वाइकल कैंसर के बचाव हेतु 09 से 15 वर्ष अवस्था की बालिकाओं को डेढ हफ्ते के अन्तराल पर 02 वैक्सीन दी जाती है तथा 15 वर्ष से अधिक व 40 वर्ष तक की उम्र की महिलाओं को 02 माह एवं 06 माह के अन्तराल पर 03 वैक्सीन दी जाती है। इसके अलावा महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के परीक्षण हेतु स्क्रीनिंग की जाती है, जिसकी सुविधा जिला अस्पताल गोण्डा में उपलब्ध है। एक बार स्क्रीनिंग होने के पश्चात 03 वर्ष तक के लिये महिलायें इस कैंसर से सुरक्षित हो जाती है। महिलाओं में स्क्रीनिंग 20 वर्ष की उम्र से लेकर 60 वर्ष तक की जा सकती है। स्क्रीनिंग से ही इसका प्राथमिक स्तर पर पता चल जाता है। स्क्रीनिंग के पश्चात यदि किसी महिला में इसके लक्षण दिखाई पडते हैं तो इसको बढने से या कैंसर में बदलने से पूर्व आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाओं के द्वारा रोका जा सकता है।
इस कैंसर को पूरी तरह विकसित होने में 20 वर्ष तक का समय लगता है। यहां पर उपस्थित महिला ग्राम प्रधान, आंगनबाडी एवं आशा बहुओं अपने-अपने क्षेत्र की बालिकाओं एवं महिलाओं को वैक्सीन लगवाने एवं स्क्रीनिंग कराने के लिये प्रेरित करें ताकि इस बीमारी को फैलने से रोका जा सके। कार्यकम के समापन पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा के सचिव नितिन श्रीवास्तव अपर जिला जज द्वारा उपस्थित महिलाओं को जानकारी देते हुए बताया गया कि समय समय पर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त तत्वाधान में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा द्वारा महिला विधिक जागरूकता कार्यक्रम का संचालन किया जाता है, जिसका उद्देश्य भारत के संविधान में महिलाओं के जीवन व व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन रोकने के लिए मौलिक अधिकार दिया गया है। आज का युग ऐसा युग है, जिसमें महिलाओं को संविधान में कई अधिकार दिये गये हैं। आज महिलाएं इस विकासशील भारत में विकसित बनाने के लिए अपना योगदान देती हैं, परन्तु फिर भी उन्हें कई बार अलग-अलग रूपों में प्रताड़ित किया जाता है तथा उनके अधिकारों का हनन किया जाता है। महिला सशक्तीकरण पर जानकारी देतेे यह भी बताया गया कि वर्तमान में महिलाओं को कानूनी अधिकार प्राप्त है। जैसे महिलाओं के कार्यस्थल पर छेड़-छाड़/यौन उत्पीड़न से संरक्षण का अधिकार, पुरूषों के समान पारिश्रमिक का अधिकार, यौन उत्पीड़न की पीड़िता का नाम सार्वजनिक न होने का अधिकार, पति अथवा रिश्तेदारों के खिलाफ घरेलू हिंसा से सुरक्षा का अधिकार, कामकाजी महिलाओं को मातृत्व सम्बन्धी लाभ का अधिकार, कन्या भू्रण हत्या के खिलाफ अधिकार, रात में गिरफ्तार न होने का अधिकार, सम्पत्ति में बराबरी का अधिकार, पीड़िताओं को क्षतिपूर्ति पाने का अधिकार व मुफ्त कानूनी सहायता का अधिकार आदि के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया तथा महिलाओं से सम्बन्धित कानूनों की विधिवत जानकारी दी गयी। वर्तमान में न्याय सभी के लिए उपलब्ध है, न्याय पाने का सभी को समान अधिकार है। यदि कोई व्यक्ति अपना मामला न्यायालय में प्रस्तुत करना चाहता है अथवा उसका कोई प्रकरण न्यायालय में लम्बित है तो उस व्यक्ति की गरीबी न्याय दिलाने में रूकावट नही होगी। वर्तमान समय में तहसील स्तरीय न्यायालय से उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय तक न्याय दिलाये जाने हेतु विधिक सेवा समितियां, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय विधिक सेवा समितियां कार्य कर रही हैं। कोई भी व्यक्ति जो अनुसूचित जाति या जनजाति का सदस्य है, मानव दुव्र्यव्हार एवं बेगारी से पीड़ित है, स्त्री या बालक है, मानसिक रूप से अस्वस्थ अथवा असमर्थ है, जातीय हिंसा, अत्याचार, औद्योगिक कर्मकार आदि श्रेणी में आने वाले व्यक्ति हैं, तो निःशुल्क विधिक सहायता पाने के हकदार हैं। इसके लिए आवेदन जिले में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को करना पडेगा। दूरस्थ ग्रामीण एवं दूरगामी क्षेत्रों में रहने वाले व्यक्ति आनलाइन के माध्यम से विधिक सेवाओं की जानकारी तथा निःशुल्क विधिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
इसके अतिरिक्त जिला कारागार में निरूद्ध बन्दी, जिनकी जमानत न्यायालय से हो चुकी है किन्तु आर्थिक तंगी के कारण वे बेल बाण्ड दाखिल नही कर पा रहे हैं जिससे उनकी रिहाई नही हो पा रही है, के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि यदि बन्दी या उसके परिजन की तरफ से ऐसा कोई प्रार्थना पत्र जिला विधिक सेवा प्राधिकरण गोण्डा को प्रेषित कराया जाता है तो उक्त प्रार्थना पत्र पर जिला प्रोबेशन अधिकारी की आख्या प्राप्त कर उसे एक प्रार्थना पत्र के साथ सम्बन्धित न्यायालय को प्रेषित कराया जाता है ताकि सम्बन्धित न्यायालय बन्दी की आर्थिक स्थिति को जानकर उसके बेलबाण्ड को शिथिल करने के सम्बन्ध में कोई उचित आदेश पारित कर सकें।
इस अवसर पर पराविधिक स्वयं सेवक मो0 इरफान, नान्हू प्रसाद यादव, अंजू सिंह, संजय कुमार दूबे, राम देवी, महेश चन्द्र वर्मा, इकरार मोहम्मद, रहमत अली, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के लिपिक मुकेश कुमार वर्मा सन्दीप कुमार राही, चन्द्र बिहारी लाल, ए0डी0आर0 के कनिष्ठ लिपिक कन्हैया लाल तिवारी सहित चपरासी राहुल मिश्र एवं महिला ग्राम प्रधान व बाल विकास विभाग की आंगनबाडी कार्यकत्रियां और स्वास्थ्य विभाग की आशा बहुओं ने प्रतिभाग करते हुए सकिय्र सहभागिता प्रदान की।