बदलता स्वरूप अयोध्या। जिला अस्पताल के डॉक्टर शिशिर श्रीवास्तव बच्चों के जाने-माने डॉक्टर हैं। बच्चे भी डॉक्टर श्रीवास्तव से काफी प्रभावित रहते हैं। डॉक्टर श्रीवास्तव मिलनसार एवं बच्चों की बीमारी पर काफी पकड़ रखते हैं। उनकी देखरेख एवं दवा से बच्चे जल्दी स्वस्थ हो जाते हैं बच्चा वार्ड में भर्ती पेशेंट के अभिभावकों से ज्ञात हुआ कि डॉक्टर काफी अच्छे एवं मिलनसार हैं और अब्दुल्ला के पैरंट्स ने जो भी इल्जाम डॉक्टर के ऊपर लगाया है वह एकदम गलत है। वह सिर्फ खुन्नस की वजह से गलत बयान बाजी कर रहा है। मामला जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड का है आज बच्चा वार्ड में एक मरीज अब्दुल्ला के पिता ने डॉक्टर शिशिर श्रीवास्तव की शिकायत सीएमएस से की कि वह बाहर की दवा लिखते हैं जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है डॉक्टर श्रीवास्तव ने अब्दुल्ला के पेरेंट्स को वार्ड में अंडा एवं मीट खाने से मना किया। इसी से उक्त मरीज के पेरेंट्स नाराज हो गए और उन्होंने डॉक्टर के ऊपर झूठ इल्जाम लगा कर बदनाम करने की कोशिश की है। जबकि सच्चाई यह है कि अब्दुल्ला के पेरेंट्स पेशेंट अब्दुल्ला को रात में बेड से उतार कर बेंच पर लिटा देते हैं और दोनों मियां बीवी मरीज के लिए इस्तेमाल होने वाले बेड पर खुद सोते हैं और और बेड के चारों तरफ लगे पर्दे को सेफ्टी पिन की सहायता से ब्लॉक कर देते हैं ताकि अंदर कोई देख न सके। नर्स के मना करने के बावजूद भी यह लोग नहीं मानते। प्रत्यक्ष दर्शियों की माने तो अब्दुल्ला के पेरेंट्स पूरे वार्ड में जब से भर्ती हुए हैं तब से शोर शराबा और स्टाफ को परेशान करते रहते हैं।
