बदलता स्वरूप अयोध्या। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की विश्व विश्रुत पुनीत नगरी में दशरथ महल, बड़ा स्थान से निकली सुभव्य राम बारात की दिव्यता, भव्यता, अलौकिकता ने सभी रामभक्तो दर्शकों को विस्मित कर दिया राम बारात ने त्रेतायुग में दशरथ महल से निकलने वाली राम बारात की परिकल्पना को साकार कर दिया। दशरथ महल के गौ संत परमार्थ सेवारत विंदु गद्याचार्य स्वामी श्री देवेन्द्र प्रासादाचार्य जी महाराज की अध्यक्षता एवम पावन सानिध्य में दशरथ महल से हाथी, घोड़ा, रथ एवम सात राज्यों के बैंड बाजे, विद्युत जगमगाहट, बारात में आगे चलते हुए गजानन के विभिन्न स्वरूपों की झांकियों ने बारात की रौनकतता में चार चांद लगा दिया। दशरथ महल से निकली श्री राम बारात का संयोजन महाराज श्री के प्रिय शिष्य कृपालु श्री राम भूषण दास जी महाराज कर रहे थे। भक्तो को यह कहते सुना गया कि ऐसा प्रतीत होता है कि त्रेता युग में ऐसी ही भव्य राम जी की बारात दशरथ महल से निकल कर जनक पुर के लिए प्रस्थान की रही होगी। बारात में बारातियों की अपार भीड़ जिसकी गदना संभव नहीं थी। जय श्री राम के जय घोष, नृत्य, बैंड बाजो की कर्ण प्रिय ध्वनि दर्शकों, भक्तो को आनंद विभोर कर रही थी।
आतिश बाजी, पुष्प वर्षा, जगह, जगह विंदु गद्याचार्य स्वामी श्री देवेन्द्र प्रसादाचार्य जी महाराज एवम बारात में शामिल तन तुलसी द्वाराचार्य मिथिला पीठाधीश्वर जगद् गुरु स्वामी श्री विष्णु देवाचार्य जी महाराज, जगद् गुरु स्वामी रत्नेश प्रपन्नाचार्य जी महाराज (व्यास जी), राजस्थान से श्री महंत राम दास जी महाराज, गुजरात से श्री महंत जी, हनुमानगढ़ी से महंत माधव दास जी महाराज, महंत राम शरण दास जी रामायणी, राम गुफा से महंत भानुदास जी महाराज, रामशंकर दास जी रामायणी, वरिष्ठ अधिवक्ता राम शंकर शुक्ल, वरिष्ठ अधिवक्ता विजय शंकर पांडे, परमहंस सेवा ट्रस्ट के नारायण मिश्रा, सामाजिक कार्यकर्ता धर्मेंद्र कुमार गुप्ता, दैनिक अवध टिप्पणी सप्ताह के संपादक शिव कुमार मिश्रा, संपादक पवन कुमार पांडे, अधिवक्ता श्री ध्रुव कुमार पांडे, पुजारी श्री द्वारिका जुलूस में दास जी, पुजारी राम नंदन दास जी, पुजारी राम जी दास जी और बड़ी संख्या में संत, महंत और भक्त शामिल हुए।श्री राम बारात दशरथ महल से निकल कर अमावा मंदिर, जगन्नाथ मंदिर, रंग महल, रंग वाटिका, वेद मंदिर, अशर्फी कुंड, मात भवन, विभीषण गैड, कोतवाली, श्रृंगार हाट, हरद्वारी बाजार, हनुमान गढ़ी होते हुए वापस दशरथ महल मंदिर पहुंची। बारात में दिव्य रथ पर भगवान श्री राम लक्ष्मण, भरत, शत्रुहन के स्वरूप भक्तो को दर्शन दे कर कृतार्थ कर रहे थे। एक दिव्य रथ पर श्री दशरथ महाल मंदिर में विराज मान श्री धनुष धारी भगवान चारो भाईयो के विग्रह की झांकी भक्तो को आह्लादित कर रही थी।